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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, April 2, 2018

मेरे सपनों का गैरसैण: मेडिकल टूरिज्म की अलकापुरी !

स्वप्नदृष्टा - भीष्म कुकरेती  (विपणन आचार्य ) 
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   वर्तमान में पहाड़ी भळक (बाढ़ ) जैसे ही पर्वत में उत्तराखंड राजधानी हेतु आंदोलन में गति दिख रही है।  यद्यपि अधिकतर शहरी उड्यार वासी ही इस आंदलोन में दृष्टिगोचर  हैं जिनमे बहुत जन दशाब्दियों से अपने गाँव नहीं गए और उन्हें  ज्ञान भी नहीं उनका गाँव है कहाँ। उत्तराखंड प्रेम ही ऐसा है। 
      मैंने जब कुछ राजधानी  अलखजगांदरों से पूछा कि  गैरसैण तो उचित है किन्तु राजधानी कैसी होनी चाहिए तो अधिसंख्य का गुन गुन भौण  में उत्तर था बल पहले घोषित तो हो जाय तत्पश्चात चिंता -चिंतन करेंगे।  जो कृषि को नहीं जानते वे ही ऐसा उत्तर देते हैं।
           राजधानी आजीविकादायी होती है 
    संसार में व्ही राजधानी सर्वोचित राजधानी मानी जाती है जो रहवासियों को अराजकीय स्तर पर आजीविका दे सके।  गैरसैण आंदोलन के सैण -मैस -गोशी तो राजकीय आजीविका व राजकीय सहायता को ही विकास मानते हैं और बिसर जाते हैं बल पहाड़ी गाँवों में वाहनपथ , जल , विद्युत् पंहुच गया है किन्तु विकास नहीं क्योंकि राजकीय वित्तीय सहायता (सब्सिडी ) से विकास नहीं आता है।  यदि सब्सिडी से विकास संभव होता तो साम्यवादी देस निर्धन न होते और बंगाल , केरल निर्धन प्रदेश न होते। 
      तातपर्य है कि नव राजधानी का औचित्य तभी है जब राजधानी अपनी शक्ति से आजीविका दे सके।  आजीविका हेतु कृषि , कल कारखाने या सेवा उद्यम ही साधन हैं।  इनमे से १० किलोमीटर के वृत्त में गैरसैण में कुछ नहीं हो सकता है।  अर्थात पर्यटन  व अन्य सेवायें ही आजीविका जनक हैं। 
     अग्नि पर पूर्णबंदी 
  गैरसैण में 10 किलोमीटर वृतीय क्षेत्र में किसी भी कार्य यहां तक कि भोजनार्थ अग्नि जलन , पेट्रोल चलित बाहनों पर बिलकुल रोक होनी चाहिए। सर्व कार्य सौर ऊर्जा या अन्य वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन से होंगे। 

         चिकत्सा पर्यटन सर्वहितकारी पर्यटन 
 इसमें दो राय नहीं हो सकती हैं बल गैरसैण को संसार प्रसिद्ध चिकित्सा स्थल निर्माण होने से ही सपनो की राजधानी सिद्ध होगी। इसके लिए अभी से निम्न कदम आवश्यक हैं 
 अराजकीय उच्चस्तरीय  ऐलोपैथी औषधि महाविद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय  आयुर्वेद औषधि महाविद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय  यूनानी  औषधि महाविद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीयीय   होमिओपैथी  औषधि महाविद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय स्त्री चिकत्सा परिचारिका  प्रशिक्षण विद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय नर चिकित्सा परिचारिका   प्रशिक्षण विद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय चिकत्सालय यंत्र तंत्र   प्रशिक्षण विद्यालय
अराजकीय उच्चस्तरीय चिकत्सा कम्प्यूटर व सॉफ्टवेयर   प्रशिक्षण विद्यालय 
 उपरोक्त चिकित्सालयों के अतिरिक्त निम्न भी चिकत्सालय आवश्यक हैं -
अराजकीय उच्चस्तरीय   ऐलोपैथी चिकित्सालय 
अराजकीय उच्चस्तरीय  आयुर्वेद चिकित्सालय 
अराजकीय उच्चस्तरीय  यूनानी चिकित्सालय 
अराजकीय उच्चस्तरीय  होमेओपेथी चिकित्सालय  
 विशेष पर्यटन आकर्षी चिकित्सालय जैसे हृदय ओप्रेसन चिकित्सालय 
मनोरोगी चिकित्सालय 
  कम से कम विश्व स्तरीय 100 नर्सिंग होम्स 
    उपरोक्त को संबल देने हेतु निम्न अराजकीय संस्थान भी आवश्यक हैं -
1o योग केंद्र 
2 विपासना केंद्र 
10 स्पा होटल्स 
 कई विश्व स्तरीय होटल्स 
 परिहवन  सेवायें 
उपरोक्त संस्थाओं हेतु मकान , शिक्षा , आधारभूत सुविधाओं का निर्माण व बाजार  निर्माण

उत्तराखंड सरकार में पृथक  मेडिकल पर्यटन मंत्रालय 
      उत्तराखंड सरकार में पृथक  मेडिकल पर्यटन मंत्रालय भी आवश्यक है जो निम्न कार्य करे -
 अराजकीय संस्थानों को संस्थान खोलने हेतु काय करे और प्रशासनिक झंझटों जुगाड़ , लालफीताशाही दूर करे 
  एक  मेडिकल टूरिज्म बैंक की स्थापना कर चिकित्सा पर्यटन हेतु छोटे छोटे उद्यमों को वित्तीय प्रबंधन का प्रबंध करे 
  हर जनपद में मेडिकल टूरिज्म ट्रेनिंग सेंटर्स खोले जायँ
     
      मेरे सपनों का गैरसैण: मेडिकल टूरिज्म की अलकापुरी ! श्रृंखला - ... 2 

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