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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, January 29, 2017

उपनिषदुं मा हौंस -व्यंग्य -2

Satire and its Characteristics, Satire and humor in Upnishad व्यंग्य परिभाषा, व्यंग्य  गुण /चरित्र
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                 उपनिषदुं मा हौंस -व्यंग्य -2 
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    (व्यंग्य - कला , विज्ञानौ , दर्शन का  मिऴवाक  : (   भाग - 20   ) 

                         भीष्म कुकरेती 
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                     उपनिषदुं  तै आम लोक धार्मिक ग्रन्थ मन्दन पर  उपनिषद विशुद्ध मनोविज्ञान कु विज्ञानं छन। इनम हौंस -व्यंग्य मुश्किल से मिल्दैन।  किन्तु छान्दोगेय उपनिषद (1 :12 ) मा  व्यंग्य उफरिक आयुं च ( S .C . Sen , The Mystic Philosophy of Upnishads, page 45 ) । ये अध्याय मा शौव उद्गीथ सिद्धांत समझाणो बान रचयिता कुत्तों उदाहरण दीन्दो।  एक ऋषि ग्लावs समिण कुछ कुत्ता ( ऋषि ) आंदन अर एक सफेद कुत्ता से भोजन की अपेक्षा करदन।   सफेद कुत्ता ऊँ कुत्तों से सुबेर आणो बुल्दो।  दुसर दिन वो अलौकिक कुत्ता एक हैंकॉक पूँछ  अपण मुख पूटुक लेकि इनि आंदन जन वैदिक ऋषि जुलुस माँ आंदन।  अर ऊँ सब्युन हिंकार ('हि ' स्तोभ ) शुरू कार अर सब बुलण लगिन , हम भोजन , जलपान का इच्छुक छंवां   ... हम तै अन्न द्यावो , अन्न द्यावो  ... "  ये खण्ड मा वैदिक ऋषियों को लालच पर सचमुच माँ एक व्यंग्य च अर ऋषि कुत्तों की योनि वास्तव माँ ऋषियों द्वारा कुत्ता जन व्यवहार पर व्यंग्य ही च। ये सन्दर्भ मा John Oman  ( Natural and Supernatural पृष्ठ 490 ) छान्दोगेय   उपनिषद का उदाहरण दीन्दो अर बथान्द बल भौत सा  ऋषि बगैर अर्थ समझ्यां वैदिक ऋचा जोर जोर से बखणा रौंदन   अर यो बात उपनिषद  मा व्यंग्य शैली से बुले गे । 
S .C Sen बथान्दन बल बृहद अरणायक उपनिषद  (अश्वपति आख्यान अध्याय ) मा पशु बलि की भर्त्सना वास्तव मा व्यंग्य रूप से करे गे  अर उपनिषदनिक व्यंग्य को सर्वोत्तम उदाहरण च।  
A .B . Keithन ( The Relgion and Philosophy of Veda and Upnishads ) बि वेद अर उपनिषदुं मा व्यंग्य का उदाहरण पेश करिन। 


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26/ 1 /2017 Copyright @ Bhishma Kukreti 

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