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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, June 18, 2015

लोमहर्षक , १० हत्या युक्त फिल्म नाटक - Count---

----------------------------------------------दृश्य  13 -   , Scene   13 ----------------------------------------- 
[समुद्रौ किनारो पर पख्यड़ मा  डा मदन अर बृजमोहन बैठ्याँ छन अर धूमल तै उतरद दिखदन ]
बृजमोहन -मि तै स्यु धूमल कुछ अजीब आदिम लगद।  पता च एक बारा मा म्यार विचार क्या छन ?
डा मदन -क्या ?
बृजमोहन -यु गलत आदिम च।
डा मदन -कै हिसाब से ?
बृजमोहन -पता नी पर।  ये पर विश्वास नि करे सक्यांद कताई न।
[ धूमल आंद ]
धमूल - भैर तो मौत ही ह्वे सकद।  बस भीतर ही सुरक्षित जगा च।

----------------------------------------------दृश्य 14  -   , Scene  14   ----------------------------------------- 
[एक कमरा का भैराक भाग।
[बृजमोहन , धूमल अर मदन कॉरिडोर का समिण सुरक सुरक चलणा छन ]
बृजमोहन - जै कमरा मा मिसेज सर्यूळ की मौत ह्वे वै कमरा मा क्वी च।
डा मदन - तीन की गिनती पर हम तीनि दरवाजा पर धक्का मारदां।  हम तीन छंवां तो हम वैपर  भरी रौला।
[ तीन की गिनती पर सब धक्का मरदन।  द्वार भड़ाक से खुलद।  भीतर सर्यूळ कुछ कपड़ों लेक खड़ो च ]
बृजमोहन - सर्यूळ जी ! हमन समझ क्वी हौर कमरा पुटुक च।
सर्यूळ - मि इक बिटेन कुछ सामन लेकि तौळ छुटु  कर्मा मा जाण चाणु छौं। कै तै ऐतराज तो नि ह्वाल ना ?
मदन - हाँ वुख रौ ।  कै तै बि क्यांक ऐतराज ? जा जा
सर्यूळ -जी धन्यवाद [जांद ]
मदन [बिस्तर मा सफेद चीज देखिक ]-कास मीम जांचको सामान हूंद।  मि पता लगाण चाँद कि वो क्या रसायन छौ ?
धूमल - कुछ ना जी।  पता लगाण कठण इ च।  कुछ नि ह्वे सकद।
बृजमोहन - यु बड़ो सुरक सुरक चलदो हाँ ! मीन चिताइ इ नी कि वु कब सीढ़ी चौड़ ?
धूमल -हाँ तबि त हमन समज कि क्वी अजनबी कमरा मा च। हम सब आठ आदिम छंवां।  हमन फोकट मा डर बिठै याल।  द्वी मनिखों मौत अचानक ह्वे अर यांक संबंध हम तै - नि जुडण चयेंद।  दुर्घटना छन
डा मदन - पर मैकमोहन की मौत आत्महत्या  नि ह्वे सकद।
धूमल  -क्या या दुर्घटना ह्वे सकद ?
बृजमोहन - अजीब दुर्घटना। पर मिसेज सर्यूळ की मौत ? डा मदन आपन क्वी गोळी की बात कर छे कि ना ?
डा मदन -क्या मतलब ?
बृजमोहन -आपन ही तो बोल छौ कि आपन वीं तैं गोळी दे छे।
मदन - हाँ पर वो माइल्ड सेडेटिव ट्राईनॉल छौ।  ट्राइनोल से बिलकुल बि हानि नि हूंद
बृजमोहन - ह्वे सकद च कि अधिक मात्रा की गोळी दे हो अर या दुर्घटना ह्वे गे हो।
डा मदन [गुस्सा मा ] आपका अर्थ क्या च ?
बृजमोहन -ह्वे सकद कि आपसे गलती ह्वे गे हो।  सम्भव नि ह्वे सकद ?
डा मदन - नहीं क्वी इन गलती नि ह्वे।  तुमर मतलब क्या च कि जाण बूजिक गलती कार ?
बृजमोहन - ह्वे सकद च कि गलती ह्वे हो अर -
धूमल [बृजमोहन से ]- भई आक्रमक हूणै क्या जरूरत ? हम सब सब एकी नाव का सवारी छंवां। हम तै सहयोग अर शान्ति से काम लीण चयेंद। अर तेरी पाप कहानी को क्या ?
बृजमोहन - सब झूठ च। तू मि तै चुप कराणो कोशिस करणु छे।  जरा अपण बारा मा त बता ?
धूमल - म्यार बारामा क्या ?
बृजमोहन - घुमण घामणो अयुं छे अर रिवाल्वर लेकि अयुं छे।  क्या कारण च रिवाल्वर का साथ ?
धूमल -अरे कबि बि कुछ ह्वे गे तो ?
बृजमोहन -फिर ब्याळि रात किलै नि बथै ?
धूमल -हाँ पर जरूरत ही नि पोड।  मि तै एक प्रदीप नामक आदिमान खूब पैसा दे छौ अर ब्वाल छौ कि सबूं पर नजर रखण बीएस।  मीन बि स्वाच नुक्सान क्या च।
बृजमोहन -तो या बात ब्याळि किलै नि बथै ?
धूमल - अरे कै तै पता छौ कि इन इन बारदात ह्वे जाली ? कै तै छौ पता ?
बृजमोहन - अर अब कुछ हौर इ ह्वे गए क्या ?
धूमल - हाँ।  द्वी मौत ह्वे गेन। अर अब लगणु च मी बि तुमर इ दगड़ वींइ नाव माँ छौं।  मि तै इक लाणो वास्ता इ मि तै पैसा दिए गे छ।  प्रदीप वास्तव मा किसनदत्त कु ही आदिम छौ। हम सब जाळ मा फंस्यां छंवां। सब किसनदत्त का खेल हूणा छन।  पर किसनदत्त छ कख च ?
[घंटा बजणो आवाज ]

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दृश्य 15   -   , Scene 15  ----------------------------------------- 
-------------दुफरा भोजन , टेबल ---------------------
[ बृजमोहन , धूमल , डा मदन टेबल का चारों तरफ बैठ्याँ छन , सर्यूळ पैथर खड़ो च ]
सर्यूळ -आशा च लंच संतोषप्रद होलु। मटन - मांश बि च। मीन कुछ आलु उसेन अर कुछ जयकादार भुज्जी -
धूमल - अच्छा भोजनसामग्री त छैं च ना ?
सर्यूळ -हाँ डब्बाबंद भोजन खूब च।  आज बि आनंद नि आई।
धूमल -हाँ चिंता की बात च।
[कोमल कु प्रवेश ]
कोमल - मौसम भौत खराब हूणु च।  समुद्र मा बड़ी बड़ी लहर चलणा छन।
]आलोक आंद ]
आलोक -आज सब व्यस्त ही रैन ?
[नंदा आंदि ]
नंदा - अरे क्या मै लेट छौं ?
कोमल - तू अंतिम सदस्य नि छे।  जनरल महेशा बि अबि नि ऐन।
सर्यूळ [कोमल से ] आप बैठिल्या या प्रतीक्षा ?
नंदा - जनरल साब तो ध्यानमग्न छन अर मै नि लगद वूं पर छल्लारो कुछ फरक पड़णु होलु।  सुबेर से -कुछ अजीब मनस्थिति मा छया।
सर्यूळ - मि जैक ऊँ तै लांदु।
मदन - ना ना मि जांदू अर ऊँ तै लांदु। [जांद ]
सर्यूळ -आप अंडा भुर्जी या चिकेन रस्सा ? या ?
नंदा - बड़ो तूफ़ान आण वळ च।
बृजमोहन - ब्याळि ट्रेन मा एक बुड्या बि बुलणु छौ की बड़ो तूफ़ान आण  वळ च।  यूँ तै कनकैक पता चलदो भै ?
सर्यूळ -क्वी दौड़ीक आणु च    ....
[डा मदन दौड़िक भितर आंद ]
मदन - जनरल महेशा -
नंदा - मृत ?

मदन - हाँ महेशा जी मरि गेन।

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