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Thursday, June 18, 2015

रेल टिकेट बुकिंग त धुकधुकी (संसय ) की ब्वे च

Religious Tour Memoir for Nagraja Puja
                                            रेल टिकेट बुकिंग त धुकधुकी (संसय  ) की ब्वे च                                         मुंबई बटें जसपुर तक नागराजा पूजा जात्रा 54  
                                       अविस्मरणीय धार्मिक -सांस्कृतिक यात्रा वृतांत                    

                                     
                                                           जत्र्वै - भीष्म कुकरेती 


              जब बिटेन रेल की इजाद ह्वे अर मुंबई से ऋषिकेश , कोट्द्वारा रेल सेवा शुरू ह्वे तब से लेकि अब तक मुंबई से दिल्ली या हरिद्वार रेल बुकिंग याने धुकधुकी अर धुकधुकी बस ! ये साल जब हमर परिवार मा निर्णय ह्वे गे कि हमन 12 मनिखोंन   ड्यार नागराजा पुजै मा जाण तो रेल टिकेट बुकिंग की उहापोह , संसय शुरू ह्वे गे।  निर्णय ह्वेई कि मुंबई से सीधा हरिद्वार की ही गाड़ी की बुकिंग करण।  मुंबई से हरिद्वार जाणो अब चार गाडी ह्वे गेन।  पैलि कोच्ची हरिद्वार  गाडी च पर या गाड़ी केरल से आदि तो इखमा 12 सीट मिलण कठण ही होलु।  कुर्ला हरिद्वार का बारा मा अनावश्यक धारणा च बल इखमा खाणो त राइ दूर ईं गाडी मा पाणी बि नि मिल्द।  एक गाडी बलसाड़ गुजरात से हरिद्वार जांद किन्तु १२ मनिखोंक बलसाड तक जाण एक परेशानी तो छैं इ च।  चौथी गाड़ी च बांद्रा हरिद्वार।  बांद्रा गाड़ी हमकुण सबसे सुविधाजनक च।  सबि गाड़ी हफ्तावार गाडी छन।  तो निर्णय ह्वाइ कि 20 मई का टिकेट लिए जावो। याने यीं गाड़ीक टिकेट बुकिंग 20 मार्च से ही शुरू ह्वाल। 
   अब २० मार्च तक हृदय माँ संसय की धुकधुकी मचीं  ही राइ। छुटि अर सुविधा देखिक आणो कुण तीन दिन अलग अलग समूह मा आण निश्चित ह्वे। 
                    सन 1963 की धुकधुकी अर 2015 की धुकधुकी ! 
    संसय की धुकधुकी तो मीन सन 1963 मा बि मुंबई से कोटद्वार रेल बुकिंग मा बि अनुभव कौर छौ।  तब से अब तक धुकधुकी मा अंतर नि आयि। सन 1963 मा मि आँख दिखाणो मुंबई ऐ छौ अर चूँकि फ़रवरी मार्च मा शिरोमणि भैजि की शादी छे तो तब बि छै सात आदिमुँक ड्यार आण निश्चित छौ अर रेल से कोटद्वार वाया दिल्ली आण छौ तो सबसे बड़ी मुसीबत रेल बुकिंग ही छे।  तब बी अब बी। 
  तब एक दिन निश्चित ह्वे या रेल नियमों से निश्चित ह्वे कि कै दिन टिकेट लीण। 
   भोळ सुबेर सात टिकेट से मुंबई सेंट्रल से टिकेट मिलण छौ तो पैल दिन टिकेट रिक्वेस्ट स्लिप बडा जी स्व चक्रधर प्रसाद जीन स्लिप भरिक धरी दे छे।  फिर तीन बीर युवाओं   का  अलग अलग चोर किसाओं मा रुपया गौणिक धरे गे अर स्लिप पकड़ाए गे अर आज रात बारा बजे ही मुंबई सेंट्रल भिजे गे।  तब टिकेट की लाइन मा सात आठ घंटा खड़ हूण लाजमी छौ।  इख तक कि चालु टिकट का वास्ता बि तीन घंटा पैल लाइन मा खड़ो रौण आम बात छे। 
 दुसर दिन बारा बजेका करीब यी युवा (बुद्धि भैजि अर कठूड़ कु आनंद चचा याद छन ) इन वापस ऐन जन बुलया यी क्वी जुद्ध जीतिक ऐ ह्वावन धौं।  यूंन कन्फर्म टिकेट ले छौ तो यूंकि बड़ी आदिर खातिर ह्वे।  यदि यी वेटिंग टिकेट लांद तो यूंकि खैर नि छे।
                सन 2015 रेल बुकिंग की धुकधुकी 

  अब रेल बुकिंग सरल अवश्य ह्वै गे।  इंटरनेट बुकिंग मा आप तै स्वयं रेलवे स्टेसन नि जाण पोड़द किन्तु बुकिंग एक तनावपूर्ण कार्य अब बि च। 
अब निश्चित ह्वे कि हमन 10 लोगुंन एक साथ 20 मई कुण जाण  . बकै द्वी हैंक ट्रेन से जाला।  म्यार भतिजु आशु 20 मारचौ कुण इंटरनेट पर आधा घंटा पैल बैठ गे अर परिवार वळ बि वैक आस पास बैठ गेन।  बस जनि नेट से टिकेट मिलण शुरू ह्वाल तनी आशु टिकेट ले ल्याल।  इंटरनेट मा टिकेट लीणो yes ह्वाइ आशुन टिकेट बुकिंग कि फोर्मलिटीज भरण शुरू कार अर आधा घंटा की मेह्नत का नतीजा यु आयि कि हमर नाम वेटिंग लिस्ट 41 से शुरू ह्वे अर 50 तक समाप्त ह्वाइ। 
द्वी मैना पैलि 10 बारा आदिम्युं वेटिंग लिस्ट 41 हो तो आप समझ सकदां कि हमर चिंता , फ़िक्र , तनाव से क्या कुहाल ह्वे ह्वाला। 
फिर इना उन हौर गाड्युं टिकेट टटोळे गेन तो पाये गे कि 20 या 19 तरीको कुण दिल्ली तक टिकेट वेटिंग मा चलणा छन।
                                रोज वेटिंग लिस्ट की चेकिंग से तनाव बढ़दो गे 

अब परिवार मा जै जै मा इंटरनेट सुविधा उपलब्ध छे वैको रोज कर्तब्य ह्वे गे छौ कि वु जब बि खाली हो ट्रेन टिकेट की सूचना नेट मा दिखणु रावो।  हर दिन हरेक नेटधारी ब्रेकिंग न्यूज दींद छौ कि अबि बि वेटिंग लिस्ट 41 से 50 इ च। 
तकरीबन एक मैना बाद सबि नेटधारयुंन ब्रेकिंग न्यूज दे कि वेटिंग लिस्ट 31 से 40 तक पौंछि गे। 
फिर रोज नेट पर वेटिंग लिस्ट दिखे जांद छौ।  मंहगाई कम ह्वे गे छे किन्तु हमारी वेटिंग लिस्ट कम हूणो नाम नि लीणी छे। 
                                      प्रीमियम ट्रेन ही सहारा छौ 
अब धीरे धीरे मुंबई से सीधा हरिद्वार ट्रेन की आशा खतम हूण मिसे  गे छे।  तो अन्वेषण तेज करे गे अर पता चल कि 20 मई कुण मुंबई से दिल्ली तक फ़ास्ट प्रीमियम ट्रेन चलण वाळ च।  तो मंहगा ही सै निश्चित ह्वे कि प्रीमियम ट्रेन का टिकेट ही लिए जाल। 
प्रीमियम ट्रेन याने टिकटूँ नीलामी।  प्रीमियम ट्रेन  का टिकेट पंदरा  दिन पैल नि मिल्दन तो पांच मई की प्रतीक्षा शुरू ह्वे। 
बांद्रा हरिद्वार ट्रेन की हमन आस छोड़ आल छे। 
पांच मई कुण प्रीमियम ट्रेन का मंहगा टिकेट मिल गेन अर अब सुनिश्चित ह्वे गे कि हमन नागराजा पुजाई मा जाण इ च। 
जख तलक बांद्रा -हरिद्वार का टिकेट कु सवाल च अंत मा 20 मई कुण बि वेटिंग 24 से 33 ही राइ। 
 धुकधुकी कनफर्मड ट्रेन बुकिंग से बंद नि ह्वे।  अब समस्या छे दिल्ली से ऋषिकेश पौंछण अर यदि देर ह्वे गे तो ऋषिकेश मा ठैरणै अर ऋषिकेश से जसपुरौ कुण टैक्सी का इंतजाम।  २२ मई से हमर पारिवारिक पाठ पूजा कु इंतजाम कर्युं छौ तो 22 मई कुण 11 बजे से पैल ड्यार पौंछण आवश्यक छौ। 

अग्नै  बांचो कि हम यात्रा सिद्धांतों की अवहेलना कै तरां से करदां ? ……
अविस्मरणीय धार्मिक -सांस्कृतिक   नागराजा पूजा जात्रा वृतांत का बाकी  भाग 6  में पढ़िए

Copyright @ Bhishma Kukreti 17 /6/15
bckukreti@gmail.com
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