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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, June 18, 2015

यहां कोई ज़िंदा नहीं बचेगा [इख कैन ज़िंदा नि बचण ] - Act -2 अंक 2 , दृश्य - 16 Scene 16

[नंदा  धूमल समुद्रकऊंचा  किनारा पर छन। मदन की लाश पड़ीं च पर क्वी नि दिखुद। ]
धूमल-हैं क्या च वु ?
नंदा -कैक कपड़ा ?
धूमल-या समुद्री घास ? दिख्दा छंवां ! चलो।
[द्वी जांदन अर उखम जांदन जखम मदन की लाश पड़ीं च ]
नंदा - बूट ? कैक ? कपड़ा ? कैक ?
धूमल-कपड़ा ना मदन का शरीर अर  हाँ या च लाश -
नंदा -लाश [द्वी एक हैंक तै दिखदन ]
धूमल-हूँ अब हम द्वी इ -
नंदा - हाँ केवल हम द्वीइ  -
धूमल-अब सचाई समिण ऐ गे।
नंदा -एकी लाश  भीतर लिजौंदा।
धूमल-ना ना। इन समय मा की जरूरत नी च।
नंदा - हाँ पर समुद्र से भैर तो गाडि लीन्दां 
[द्वी लाश निकलणो संघर्ष करदन। नंदा धूमल की जेब से रिवॉल्वर निकाळदि जू धूमल तै पता नि चलद ]
धूमल-सरल काम नी च।  अब संतुष्ट ?
नंदा - हाँ
धूमल घुमद तो दिखद कि नंदा का हाथ मा रिवॉल्वर च अर निशाना च धूमल ]
धूमल- रिवॉल्वर निकाळणो बान दया ढँट नाटक करणी रै ?  
नंदा - हूँ।
धूमल-रिवाल्वर वापस कौर।
नंदा [हंसदि ]
धूमल-रिवॉल्वर दे
नंदा[सर हलांकांदी ]-
धूमल-रिवॉल्वर वापस कौर छोरी !
[नंदा  रिवॉल्वर चलांदी अर धूमल ढेर ह्वे जांद ]
नंदा -सब कुछ खतम।
[नंदा वापस रिजॉर्ट मा आंद अर सैनिक मिनिएचरुं तै दिखदि ]
नंदा [स्वतः ]-तू समय से पैथर छंवां । [द्वी मिनिएचरुं तै भैर फिंकदि अर एक तै अपर हाथ मा लीन्दी ]। तू अब म्यार दगड़ ऐ सकदी। हम जीत गेवां।  हम जीत गेवां।  [मथिन आदि, हुक पर एक फंदा लग्युं च ] अब केवल एक सैनिक अकेला बच्युं च। क्या पंक्ति छे ? वु क्या शादी कार ? ना अमरनाथ  च व कमरा मा ? वु मेरी प्रतीक्षा करणु च। वैन मि तै माफ़ कर याल  … वु चाँद कि मि फांस खै द्यूं   । एक सैनिक बच गे    .... वु अकेला ग्याई अर वैन फांस खै दे    … [वा जांदी अर अपण गौळुन्द फंदा डाळदि , कुर्सी मा खड़ी हूंदी अर कुर्सी खस्कान्दी अर झूल जान्दि।

----------------------------------------------Act -2 अंक 2 , दृश्य    - 17     Scene 17    ---------------------
------------------------उपसंहार ---------------------------------------
[इस्पेक्टर जनरल राय चौधरी अर इंस्पेक्टर मनोज घंघतोळ मा बैठ्यां छन। ]
राय चौधरी -इंस्पेक्टर मनोज ! अजीब आश्चर्यजनक घटना ह्वेन बीकाबार द्वीप मा। दस मनिखों हत्या ह्वे अर द्वीप मा एक बि माख नि मील। यु कुछ समज मा नी आणु च।  कैन ना कैन तो हत्या कौर इ च। डाक्टर की रिपोर्ट से बि कुछ पता नि चलणु च।  
मनोज-[रिपोर्ट पढ़द ] -यस ! आइ जी राय चौधरी साब ! पर साब ! आलोक अर धूमल की हत्या गन से ह्वे। एकाक सर पर फायर करे गे दुसरक हृदय पर गोळी मारे गे। मिस कोमल  अर मैकमोहन की हत्या साइनामाइड से ह्वे। तो मिसेज सर्यूळ की मौत निंद कीअधिक मात्रा गोळी से ह्वे। सर्यूळ कु सर फुडे गे। बृजमोहन का सर फुडे गे। मदन की हत्या डुबैक ह्वे। महेशा की हत्या पैथर बिटेन सर फोडिक ह्वे। अर नंदान तै फांसी पर लटकाये गे। 
राय चौधरी -हूँ।  स्थानीय लोग क्या बुलणा छन ?
मनोज -कुछ न बल एक किसनदत्तन बीकाबार द्वीप खरीद छौ।
राय चौधरी -यूँ लोगुं तै लिजाणो काम कैन कौर ?
मनोज -कै प्रदीपन कौर छौ पर वू अब दुन्या मा नी च।
राय चौधरी -वैक बारामा क्वी जानकारी च ?
मनोज -उ छ तो गुनाहगार छौ।  चरस गांजा का धंदा करद छौ।  पर प्रूफ नि करे सक्यांद छौ। तीन साल पैल एक फ्रॉड केस मा बि फंस पर प्रमाण का अभाव  मा छूट गे। भौत इ सावधान मनिख छौ।
राय चौधरी -अर वु द्वीप ब्यापार मा शामिल छौ ?
मनोज -हाँ।  पर वैन साफ़ बतै छौ कि द्वीप वु तीसर पार्टी कुण खरीदणो च।
राय चौधरी -हूँ।  फिनेन्सियल प्वाइंट से दिखण जरूरी च कि पैसा कनै लग ?
मनोज -ना सर ! प्रदीप इतना चालाक छौ कि हुस्यार चार्टेड अकाउंटेंट बि हार मानि जांदन। फ्रॉड केस मा बि हम कुछ नि कर सक्यां। वु किसनदत्त का प्रतिनिधि बौण अर कखि बि किसनदात का सुराग साथ मा नि राख वैन।  अर वैन ही मृत मनिखों तै पटाइ कि एक हफ्ता का वास्ता बीकाबार द्वीप चलो जख एक हफ्ता शान्ति ही शान्ति राली । भैर से संबंध खतम करे गे छा।
राय चौधरी -पर ऊँ लोगुं तै धोखा कु पता नि चौल ? गंध बास ?
मनोज -ये द्वीप मा पैल बि इन प्रयोगिक अर शानदार पार्टी ह्वेन।  याने दीं दुन्या से कटण अर मजा करण।
राय चौधरी -हूँ या बात सही च।
मनोज -आनंद ! बोत ड्राइवर ! वैन बताइ कि इन साधारण लोगुं तै देखिक वु खौंळे बि च।  वै तै आश्चर्य  ह्वे की यी लोग पैल पार्टयूं जन लोग नि छया। सब साधारण प्रकृति का छया। प्रदीप कु वै तै हिदैत छे कि लोगुं तै द्वीप मा छोड़िक उख एक मिनट बि नि रौण।  
राय चौधरी -फिर कै तै  द्वीप का बारा मा कुछ पता बि चौल ?
मनोज -हाँ जब ऊख द्वीप बिटेन सिगनल मील।  
राय चौधरी -कब ?
मनोज -एक लड़कों ग्रुपन 11 तारीककुंण सिग्नल देखि छौ पर वु उना जैइ सकद छ।बड़ो तूफ़ान छौ।   वु लोग बारा को इ जै सकिन।  वूंक पक्को बुलण च बल वूंक पौंछण से पैल क्वी हौर नि पौंछि छ। अर क्वी तैरिक बि मुख्य जमीन मा नि ऐ सकद छौ।
राय चौधरी -अर तीन ग्रामफोन बि पाइ।  क्या विचार च ? वांसे कुछ सहायता मिल सकिद ?
मनोज -एक नाटक कम्पनीन प्रदीप का द्वारा यु ग्रामफोन रिकॉर्ड किसनदत्त कुण भ्याज। प्रदीप कु बुलण छौ कि नाट्य प्रशिक्षणों कुण ग्रामफोन चयेणु छौ। ये द्वीप मा सबसे पैल सर्यूळ अर वैकि कज्याण पौंचीन। वांसे पैल दुई मिस ऐलिस की नौकरी करदा छ।  जैंक अचानक मृत्यु ह्वे। डाक्टर बि नि बतै सौक कि अचानक क्या ह्वे।  यु निश्चित च कि दुयुंन विष नि दे छौ। हाँ संदेह च कि ऊंकी असावधानी से मृत्यु ह्वे पर प्रमाणित नि करे सक्यांद।
जस्टिस आलोकन टोनी तै फांसीक सजा सुणै छौ।  वैक विरुद्ध पूरा प्रमाण प्रमाणित ह्वेन।  फांसीक बाद पता चल कि प्रमाण गलत छ।  बाद मा दस मादे दसुंक मनण छौ कि टोनी निर्दोष छौ अर जज साबन कै ईर्ष्या मा टोनी तै सजा दे।
नंदा एक घरम कबि आया छे।  अर वुक  से बच्ची डूबिक मोर ।  यद्यपि वींन बचाणो पूरी कोशिश कार अर अफु बि डुबद डुबद बच। 
 डा मदन कु अपण नर्सिंग होम थौ। बड़ो खरो डाक्टर। नियम कु पक्को।  वैक एक मरीज छौ प्रसन्ना जू ओपरेसन टेबल मा ओपरेसनो बगत इ खतम ह्वे। ह्वे सकद तब अनुभवहीनता रै होलि या सटापोंड़ी मा मृत्यु ह्वे गे।  पर सटापोड़ी क्वी अपराध नी च।
कोमल की एक नौकरानी छे।  वा गर्भवती ह्वे तो कोमलन नौकरी से निकाळ दे।  नौकरानीन डूबिक आत्महत्या कर दे।  बर्खास्त करण अमानवीय च पर नौकरी से बर्खास्त करण क्वी अपराध नी च।
राय चौधरी -इन लगणु च कि किसनदत्तन वो इ केस लेन जौं मा अपराध्युं तै  न्यायिक प्रक्रिया से डंड  नि मील।
मनोज -मैकमोहन एक अनाड़ी ड्राइवर छौ।  वै से एक दैं कार का तौळ कुछ बच्चा ऐ गेन अर ऊंन उखमी तडम दम तोड़ी दे।  ऐक्सिडेंट मानिक मैकमोहन कोर्ट से छुट गे।
जनरल महेश कु आर्मी रिकॉर्ड भौत बढ़िया छौ।  अपण असिस्टेंट तै इन जगा भ्याज कि बचण मुस्किल इ छौ।  पर मिलिट्री मा ये तै अपराध नि मने जांद।
अब रै गे बृजमोहन।  तो बृजमोहन हमर इ औफिस मा छौ।  घाघ जासूस छौ पर वैकि अपणी इज्जत छे।
राय चौधरी - अरे बदमाशी इज्जत छे वैकि।
मनोज -आपकी या रे च ?
राय चौधरी -अरे मि हमेशा से जाणदु छौ कि वु बदमाश च।  मीन वैक पैथर एक जासूस बि लगै छौ पर कुछ साबित नि ह्वे सौक।  बड़ो घाघ छौ वो। प्रदीपन आत्महत्या कार मि मानि नि सकुद।  बृजमोहन ही इखमा फँस्युं रै होलु।
मनोज -आपकी राय अर।
राय चौधरी -सबसे अजीब चकरघनी या च कि एक खाली द्वीप मा दस आदिम्युं हत्या ह्वे अर हमम क्वी सुराग नी च कि ह्वे क्या च।
मनोज -जी क्वी पागल आदिम यूँ हत्याक पैथर च। वैन ऊं अदिमों कु चुनाव कार जु न्यायिक प्रक्रिया से भैर  ह्वेन अर चाहये ऊंन अपराध कार च कि ना।
राय चौधरी -हूँ बोल बोल क्लू मिलणु च।
मनोज -हत्यारा यूँ तै अपराधी समझिक डंड दीण चाणु छौ। अर कै ना कै तरां वु अदिखळ राइ अर अबि बि अदिखळ च। 
राय चौधरी -हाँ पर घटनाओं तै तर्क पर खरा बि उतरण चयेंद।
मनोज -एकी बात च कि हत्यारा बि द्वीप मा छौ पर अदिखळ रै।  नंदा की डायरी से पता चलद कि हत्या कु क्रम च - मैकमोहन , मिसेज सर्यूळ , महेश ,सर्यूळ ,कोमल , आलोक।  आलोक की हत्या का बाद नंदा की डायरी बतांदी कि रात मा डा मदन ना घर छोड़ी छौ अर ब्रजंमोहन  व धूमल वैक पैथर गेन।  फिर सुबेर मदन की लॉस समुद्र मा मील। अर आश्चर्य या च कि मदन की लाश ज्वार भाटा मा किलै नि बौग ? फिर बृजमोहन की हत्या ।  धूमल की मृत्यु रिवाल्वर की गोळी से ह्वे अर नंदा क गौळ मा फांसी का फंदा छौ। बृजमोहन की हत्या सर पर एक खिड़की से गिरिक भारी घड़ी गिरण से ह्वे।
राय चौधरी -कैक खिड़की छे ?
मनोज -नंदा की। इख्मा द्वी तीन अंदाज लगाये जै सक्यांदन।  यदि धूमलन बृजमोहन तै  मार अर फिर नंदा तै फांसी चढ़ाई अर फिर अफु पर गोळी मार तो ?
राय चौधरी -रिवाल्वर पर अंग्ल्युं निसान कैक छन ?
मनोज -नंदा का।
राय चौधरी -तो यु सिद्ध नि हूंद कि धूमलन गोळी से एटीएम हत्या कार इ होलु।  बड़ो जटिल केस च मेरी जिंदगी को -
मनोज -जी।
राय चौधरी -तो क्या नंदा हमारी अपराधीन च जैंन नौ खून करिन अर अंत मा स्वयम बि फांसी ?
मनोज -तर्क अर कुतर्क से -
[एक मच्छीमार आंद ]
मच्छीमार - साब एक प्लास्टिक मा बंधी बोतल मील जख पुटुक प्लास्टिक भितर कुछ पर्चा च। समुद्र का छाल  पर मील सैत च आपक क्वी कामक हो।
[मच्छीमार बोतल दींदु अर चल जांद ]
राय चौधरी [बंद बोतल खोलिक पर्चा निकाळदु।  पर्चा मनोज तै दींदु ] - बड़ी मेहनत करीं च।  एक रति भर पाणी नि गे बोतल भितर।  जरा पौढ़ क्या लिख्युं च धौं !
मनोज -
 हाँ तो सूणो ! युवावस्था से इ मेरी प्रकृति विरोधाभासी छे। मि हमेशा सपना दिखुद छौ कि कबि मि क्वी रहस्य बोतल पुटुक धौरुं अर वै रहस्य बड़ी कीमत ह्वावो।  रहस्य भरीं बोतल समुद्रौ लहरों माँ रावो अर ये रहस्य तै सही जगा पौंछणो अवसर केवल एक टका ही रावो ।
इनि मि तै दुःख दिखण खासकर हत्या दिखणो बड़ो बिगरौ छौ अर मि ईं इच्छा पूर्ति बगीचा मा चिमल्ठ , मधुमक्खी , तितली मारिक करदो छौ। बचपन से ही म्यार दिमाग मा हत्या करणो जनून बसि गे छौ।
पर दगड मा विरोधाभास यु छौ कि मि तै अन्याय पसंद नि छौ , बिलकुल बि ना। मि तै निर्दोषों पर अत्याचार बिलकुल पसंद नि छौ।
मीन अपण प्रकृति समझिक इ वकालात व्यवसाय अपणै। वकालात व्यवसाय मेरी द्वी विरोधाभासी प्रकृति दगड़ मेल खांद छौ , अपराध से दिखणो मौक़ा , अपराध से मुलाक़ात अर जुल्मियों तै डंड !
अपराध अर डंड मि तै आकर्षित करदो छौ और मि संतुष्टि का वास्ता अपराध साहित्य अर जासूसी किताब मा मसगूल रौंद छौ।
अभिनव अपराध करणो मीन सोची याल छौ।
जब मि न्यायाधीश बण ग्यो तो भौत सा छुपीं प्रवृति बि विकसित हूंद गेन। अपराध्युं पर यंत्रणा से मि तै आनंद आन्दु छौ। पर यदि म्यार समिण क्वी निर्दोष आवो अर उ यंत्रणा झेलणु हो तो में से सहन नि हूंद छौ। द्वी दै मीन जब द्याख कि निर्दोष फंसणु च तो मीन केस बंद कर दे।  पुलिस की चौकसी से निर्दोष तै अपराधी बणैक म्यार समिण नि लये गेन।  अधिकतर अपराधी वास्तव मा अपराधी इ छया।
एक बार मीम कीर्ति अपराधी का केस आई अर वैक व्यवहार बड़ो धोखा दीण वळु छौ।  वैक निर्दोष व्यवहार से न्यायालय , पुलिस प्रभावित ह्वे गे छे , तथ्य बि वैक समर्थन करदा दिखेणा छा पर मेरी अपराधी पछ्याणणो प्रवृति धोखा खाणो तयार नि छे। मीन वै तै सजा सुणाई किले कि वैन एक मासूम बुढ़िया को खून कार ज्वा बूडडी वै पर विश्वास करदी छे। 
मि तै फांसी दीण वळ जज कु नाम दिए गे छौ पर मि हमेशा अपराधी तै सही डण्ड कु समर्थक रौं।
मि हमेशा अपराधी द्वारा इमोसनल ब्लैकमेल से दूर रौं अरअपराधी द्वारा इमोसनल ब्लैकमेल तै पछ्याँणण मा कामयाब बि रौं।
धीरे धीरे मीमा बदलाव आई कि न्यायाधीश की जगा मी तै स्वयं कुछ करण चयेंद।
मि स्वयं कत्ल करण चाणु छौ। कतल करणै इच्छा दिन प्रतिदिन प्रबल हूंद गे। इच्छा प्रबल से प्रबल हूंद गे जन एक कलाकार का अंदर सुंदर कृति रचना करणै प्रबल इच्छा जागृत अर प्रबल हूंद।
किन्तु मि साधारण तरां से कतल नि करण चांदु छौ।
म्यरो द्वारा कतल एक अनोखा कतल हूण चयेंद , अप्रतिम , दुनिया से अलग अनोखा कतल ! कलयुक्त कतल - अणसुण्यूं , अकल्पनीय काल !
मि तै लगण लग गे कि कतल करण चयेंद , मि  कतल करण चाणु छौ  , कतल   करण चाणु छौ
पर मेरी भीतरी प्रवृति बीच मा अवरोध पैदा करणी छे कि कै बि निर्दोष  अत्याचार , यंत्रणा नि हूण चयेंद , निर्दोष तै दुःख नि दिए जाण चयेंद।
अचानक एक दिन एक साधारण डाक्टर से मुलाक़ात ह्वे अर बातोंबातों मा वैन बताइ कि कन कतल ह्वे सक्दन अर न्यायालय बि कुछ नि कर सकदन। वैन एक वाकिया सुणै जखमा एक बुढ़िया को कतल एक पति -पत्नी द्वारा दवा से करे गे अर दुयुं तै  बुढ़िया की मृत्यु से लाभ हूण वाळ छौ।  किन्तु दवा क्वी विष नि छौ तो वे युगल पर न्यायालय की नजर नि गे।  डाक्टरन कुछ किस्सा सुणैन जखमा जुर्म अवश्य हूंद किन्तु न्यायालय की हद मा इ जुर्म माने इ नि सके छया।
अर बस मि तै अग्नै बढ़णो सूत्र , दिशा, रस्ता  मिल गे छौ।
म्यार दिमाग मा बचपन मा सुणी गीत आइ कि ---नौ सैनिक कमरा मा देर रात तक छया
अर म्यार दिमाग मा अनोखी कल्पना आंद गेन , आंद गेन बस कल्पना मा विकास हूंद गे।
मि तरकीव से छुपीक अपण शिकार खुज्याण पर लग ग्यों।
मि अब ज्यादा समय बर्बाद नि करुल अर सीधा मूल कथा पर आन्दु
एक नर्सिंग होम से मीन डा मदन  मा पता चौल। मतलब एक डाक्टरन पियां मा ऑपरेशन कार अर मरीज मोरि गे।
द्वी मिलिट्री सैनिकों से जनरल महेशा की कारस्तानी पता चौल।
इनि धुमल का चाल चलन का बारा मा जानकारी मील।
मिस कोमल की नौकरानी की हत्या का बार मा पता चौल।
रिट्यर्ड इंस्पेक्टर बृजमोहन दगड़यों बदौलत  में से जुड़ . बृजमोहन वास्तव मा कातिल ही तो छौ जैन अपराध रुकण छौ वैन अपराध छुपाई !
नंदा का बार मा एक यात्रा मा जानकारी मील।
मीन एक डॉक्टर की सहायता से जाण याल छौ कि कैं दवा से अचानक हृदय गति रुक सकदी।  अपण मृत्यु का इंतजाम मीन अफिक कर यल छौ।
सर्यूळ अर मिसेज सर्यूळ कु अपराध बि कम नि छौ।
फिर बख्तवार मील अर वै से मीन भौत काम लेन।
जब सर्यूळ अपण घरवळि कुण ब्रैंडी लाइ तो मीन चुपके से क्लोरल हाइड्रेट मिलै दे छौ। कै तै बि शक होणो गुंजाइश तब नि छे।
जनरल महेशा की हत्या बड़ी सरलता से ह्वे।  महेशा तै म्यार आणो पता इ नि चौल। हाँ मीन टैरेस से उतरण मा बड़ी सवधानी बरत अर सब कुछ ठीक ठाक राइ।
मि तै पता छौ कि द्वीप की खोज होलि अर खोज ह्वे बि च पर हम सात का अलावा मूस नि मिलण छौ सो सात का अलावा क्वी  नि दिखे।
 मीतैं एक सहायक की जरूरत छे तो डा मदन काम आइ। वै तै मेरी खसियत अर इज्जत भरी जिंदगी का बारा मा पता छौ तो वैक संदेह में पर हवाइ नी च बल्कि वु बृजमोहन पर संदेह करणु राइ।  मीन वैक विश्वास जीत अर वै तै हत्यारा खुज्याणो स्कीम बताई जू वु मेरी बात मानि गे।
फिर खोज करे गे किन्तु खोज मा ज़िंदा लोगुं कमरों खोज नि ह्वे। मि तै यांकी संभावना छैं इ छे।
मीन सर्यूळ तब मार जब वू लखड़ काटणु छौ अर वैन म्यार आणै आवाज नि सूण।  मीन वैक खीसा  बिटेन डाइनिंग रूम की चाबी ल्याइ जै रूम तै वैन रात बंद करी छौ।
गंजमजी , घपरोळ माँ मि बृजमोहन का कमरा मा खिसक अर मीन वैक रिवाल्वर चुराई।
ब्रेकफास्ट का समय पर मीन क्लोरल  चाय मा मिलाइ अर वा आधा सुप्तावस्था मा ऐ गयी। फिर मीन वींक बांह मा सरलता से बच्युं -खुच्युं साइनामाइड कु इंजेक्सन घुसेड़ दे।
जब खोज शुरू ह्वे तो मीन रिवाल्वर छुपै दे अर क्लोरल व साइनामाइड तो खतम ही ह्वे गे छा।
 मदन से बोल कि मि तै मोर्युं घोषित करण जरूरी च।
 पर लाल रंग कु माटु लपोड़ अर काफी छौ बाकी काम तो डा मदन तै घोषित करण छौ कि मेरी मृत्यु ह्वे गे।
मीन मिस नंदा का कमरा मा समुद्री घास डाळ दे छौ अर घास देखिक वा किराण लग गे छे।
अर इथगा मा मि मीन मृतावस्था कु नाटक कार।  गहमागहमी मा मी तै वु लोग म्यार कमरा मा छोड़िक ऐ गेन।
फिर म्यार अर डा मदन कु क्लिफ पर मिळणो योजना बणी इ छे।
मीन क्लिफ से डा मदन तै धक्का दे वु समुद्र जोग ह्वे गे।
मि बंगलो में औं अर मिस नंदान म्यार पदचाप सुणिन । मि डा मदन का कमरा मा औं अर इन शोर कार कि क्वी सूण ल्यावो। मीन द्वार ख्वाल भैर होऊं अर कैन मेरी छाया जांद द्याख।
 एकाद मिनट बाद उ म्यार पैथर ऐन तब तक मि कूड़ो कुलिण पैथर औं अर खुलि छुड़ीं खिड़की  रस्ता डाइनिंग रूम मा औं। खिड़की मीन बंद कार। फिर मीन खिड़की कांच त्वाड अर अपर कमरा मा ऐ ग्यों।
मि तै अंदाज छौ कि वु लोग डर मकान की तलाशी ल्याल  अर ऊनि ह्वे।
मि बतांद बिसर ग्यों कि मीन धूमल कु रिवाल्वर जगा मा धर दे छौ अर मीन यु रिवाल्वर डिब्बाबंद  भोजन  डिब्बा तौळ चिपकैक छुपै छौ।
मि तै भर्वस छौ कि टूटा फूटा डब्बौं मा  यूंन नि खुज्याण।
लाल पर्दा तै मीन डाइनिंग रूम का कुर्सीक गद्दी तौळ छुपै दे छौ।
अब आन्दु मि क्लाइमेक्स पर !
मीन खिड़की से द्याख कि तीन मनिख  से घबरायां छया , कुछ बि ह्वे सकद छौ।   उंमादे एकमा रिवाल्वर छे।  
जब बृजमोहन भितर आयी तो मीन मार्बल घड़ी लमडैक वैको अंत कार।
फिर नंदान रिवॉल्वर से धूमल की हत्या कर दे।  निथर दुयुंक अच्छी जोड़ी बण सकद छे। 
फिर मीन जू सोछ छौ वी ह्वाइ।  नंदा भीतर आइ अर मनोविज्ञान का तहत वींन अफु तै फांसी लगै दे।  अपराध बोध बड़ो निर्दयी जि हूंद। मीन वींक रिवॉल्वर जु कमरा मा पोड़ गे छौ रुमाल से उठाइ अर उखपर नंदा का उंगलयूँ निसान लेन।
फिर मीन यु सब ल्याख अर बोतल पुटुक घटना विवरण डाळ अर समुद्र मा बौगै  दे।
कुछ सवाल छन कि मीन इन किले कार ?
सबसे बड़ो कारण  हत्या अनोखी हत्या होली जु म्यार अलावा कैन नि करिन। मेरी तमन्ना छे कि मि मौलिक हत्या तरीका खोजूं अर अंजाम द्यूं।
मि अफु तै सबसे होशियार बताण चांदु।
फिर हत्या प्रतीकात्मक बि छन।
फिर मीन अपणी हत्या बि अफिक करण।
रिवॉल्वर ट्रिगर म्यार रुमाल लग्युं हथ से दबल  कि गोळी सीधा म्यार कपाळ पर लग जावो अर मि सीधा बिस्तर मा पौड़ी जौं। अर रिवाल्वर दूर छटक जालु।  रिवाल्वर पर नंदा का हथु निसान मिलल।
जब समुद्र शांत ह्वे जाल तो मुख्य भूमि से नाव आली अर तब पता चौलल कि इख दस हत्या ह्वेन पर हत्या कु रहस्य तब तक पता नि चौलल जब तक कि या बोतल नि मीलली।
            आपका जज न्यायधीश आलोक

इंस्पेक्टर मनोज रायचौधरी का तरफ दीखुद।

मनोज -हूँ कै तै पता चलद कि खून इन ह्वेन     .... पागल आदिम
राय चौधरी -म्यार हिसाबन जज महेशा पागल नि छौ। हाँ वो कुछ पागल अवश्य छौ पर बुद्धिमान छौ।  फिर न्यायप्रियता मा वु कम नि छौ। बेशकीमती मस्तिष्क का मनिख ! वाह क्या कत्ल करिन वैन काबिलेतारीफ !
मनोज -?जी
राय चौधरी -हाँ काबिलेतारीफ ! हत्यारा , बुद्धिमान हत्यारा , न्यायप्रिय हत्यारा !
     
 ------------------------समाप्त  ----------

 
अनुवादक  - भीष्म कुकरेती 

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