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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, June 18, 2015

यहां कोई ज़िंदा नहीं बचेगा [इख कैन ज़िंदा नि बचण ] - अंक 2 , दृश्य - , Scene 6

----------------------------------------------टेबल माँ विचार विमर्श -----------------------------------

[
आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन   टेबल का चारों और बैठ्याँ छन।  नास्ता ह्वे गे ]
आलोक - मेरी समझ से हम सब तै ड्रवाइंग रूम मा विचार विमर्श करण चयेंद।
[सब स्वीकार करदन ]
नंदा -हम जरा बर्तन साफ़ सफाई -
धूमल -हम सब बर्तन किचन मा लांदवां।
नंदा - धन्यवाद
[कोमल उठणै कोशिस करदी पर धम से गिर जान्दि ]
कोमल -ये नंदा
आलोक - कुछ परेशानी ?
कोमल - मि नंदा की सहयता करण चाणु छौ पर पता नी कि -कुछ उलटी सि लगणी च -
डा मदन -हूंद च।  शौक का बाद हूंद च , उलटी की शिकायत।
कोमल -मि बैठद छौं।  जब उलटी /चक्कर आणो शिकायत नि रैली तो जौलु।
डा मदन -क्वी दवै ?
कोमल - ना जरूरत नि पोड़ली।
बृजमोहन - मि नंदा की मदद करुद।
 
[कोमल इखुलि च।  उलटी की इच्छा अब निंद मा बदलेणि च। इथगा मा गुणगुणाट सुणेन्दि।  ]
कोमल -यी मधुमक्ख्युं जन आवाज  -- चिमल्ठ ? मि उठि नि सकणु छौं , बोल नि सकणु छौं।    
कोमल तै चिमल्ठ  दिखेंदन।
[एक काळु कपड़ों मा आंद कोमल का हतुं मा इंजेक्सन घुस्यांद। ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य    -   7  Scene     7 ----------------------------------------- 
---------------------------प्रतीक्षा ----------------------------------------------------
[
आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन कोमल की जग्वाळ करणा छन ]
नंदा - मि वीं तै लाणो जौं ?
बृजमोहन -एक मिनट हाँ।
[नंदा बैठ जांदी ]
बृजमोहन -द्याखो मै लगद कि हत्या हम मादे क्वी जनानी करणी च।
मदन - उदेस्य ?
बृजमोहन - धार्मिक अनुष्ठान !
मदन - बिलकुल ह्वै बि सकद।  मि तुमर बिचारुं विरोध मा बि नि छौं।  पर क्वी पक्को प्रमाण नी च।
नंदा - विचारी रुस्वड़ मा कुछ अजीब सि हालत मा  छे मि वीं तै लयाँद। वींक आँख -
धूमल -तुम आँख से कुछ नि पता लगै सकदां। हमर सब्युंक होश ठिकाणा पर नि छन।
बृजमोहन - टेप सुणणो बाद सब्युंन अपर गाथा बताइ पर कोमलन नि बताइ।  आखिर किलै ?
नंदा - मि तै बतै च।  मृदुला वींक नौकरानी छे।  कुछ समय बाद मृदुला  गर्भवती ह्वे गे। कोमलन वीं तै निकाळ दे।  कुछ समय बाद मृदुलान आत्महत्या कर दे।
आलोक - सीढ़ी सि कथा।  सब विश्वास कारल।  क्या पैथर कोमल तै पश्चाताप बि ह्वे ?
नंदा -ना।
आलोक - अब देर सि ह्वे गे।  हम तै कोमल तै बुलाण चयेंद।
[सब दुसर कमरा मा जांदन अर सब आश्चर्य मा ]
बृजमोहन - ये मेरी ब्वे ! स्या तो मृत च।
धूमल - डा जरा द्याखदी।  जब हम भैर ऐ छ तो वा ठीक ठाक छे ?
मदन [तपास करिक ] -इंजेक्सन से मौत !
[मधुमक्खी की आवाज ]
नंदा - मधुमक्खी।  मीन सुबेर बोली छौ कि -
मदन - मधुमक्खी का काटण से मौत नि ह्वे।
आलोक - तो ?
मदन - विष से। इंजेक्सन द्वारा शरीर मा विष पंहुचाये गे।
आलोक - कु विष ?
मदन - शायद पोटैसियम साइनाइड।
नंदा - पर वा मधुमक्खी।  यु इन अकस्मात संयोग ह्वे सकद क्या ?
धूमल - यु संयोग नी च।  वु एकदम पागल च।
आलोक - विश्लेषण की शक्ति राखो। क्या हम मादे क्वी अपण दगड़ इंजेक्सन लै छौ ?
मदन - हाँ मि हमेशा खाली इंजेक्सन लेक चल्दु।
आलोक - अब इंजेक्सन कख च ?
मदन - कन कख हक ? म्यार सूटकेस पुटुक अर कख।
आलोक - जरा सूटकेस लयावदी
[मदन जांद अर सूटकेस लेक आंद।  सूटकेस की जांच हूंद पर इंजेक्सन उख नी च ]
बृजमोहन - सिरिंज नी च।
मदन - मतलब कैन सिरिंज निकाळ।  अवश्य सिरिंज निकाळ।
आलोक - अब हम पांच छंवां।  हम मादे एक हत्यारा च। खतरा च।  डा तुमम क्या क्या दवा छन ?
मदन - बस कुछ गोळी , एस्पिरिन , आदि आदि। साइनाइड जन कुछ ना।
आलोक - मीम कुछ सीणो गोळी छन। हाँ ओवरडोज ह्वे तो खतरनाक ह्वे सकदन।  धूमल ! तुमम रिवाल्वर छयो ?
धूमल -यदि छैं बि च तो ?
आलोक - हम्म जु बि खतरनाक चीज जन दवाई , गोळी , चक्कु , खुंकरि , रिवाल्वर जु बि च एक जगा बंद कर दीण चयेंदन।
धूमल -मीन रिवाल्वर नि दीण।
आलोक - तुम तो पुलिस मा छया तो तुम बगैर रिवाल्वर बि संघर्ष कर सकदां।
धूमल -ठीक च दींदु छौं।
आलोक - आप संवेदनशील छंवां। रिवाल्वर कख च ?
धूमल - इकि ड्रावर मा।
[ रिवॉल्वर ड्रावर मा नी च ]
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अंक 2 , दृश्य    -    Scene   8 ----------------------------------------- 
----------------------कमरा मा खोज ---------------------------------------

[धूमल तै आलोक समझाणा छन।  मदन अर बृजमोहन   कमरा मा खोज करणा छन। ]
धूमल - संतुष्ट ?
आलोक - मिस नंदा।  अब सब संतुष्टि कर याल हाँ !
नंदा - हाँ अब हमम खतरनाक हथियार अर दवै नि छन। अब हम यूँ सब तै एक जगा बंद कर दींदा।  वीं अलमारी माँ बंद कर दींदां।
[सब दवा आदि अलमारी मा धरदन ]
बृजमोहन - पर चाबी कैमा राली ?
[आलोक एक चाबी धूमल तैं दींद अर एक बृजमोहन तै ]
आलोक - पर अबि बि रिवॉल्वर की समस्या तो छैं इ च ?
बृजमोहन - रिवाल्वर कु मालिक धूमल -
धूमल - पर मीन ब्वाल नी कि रिवाल्वर हर्ची गे।
आलोक - तीन रिवॉल्वर कब आखिरैं देखि छे ?
धूमल - ब्याळि रात सीण से पैल मीन चेक कौर छौ।  ड्रावर मा इ छे।
आलोक - याने कि जब हम सर्यूळ की खोज माँ छया या वैक शरीर की जांच करणा छया तब इ रिवॉल्वर गम ह्वे ह्वेली। 
नंदा -अवश्य ही कखी घौर भितर इ हूण चयेंद। इखि खुज्याण चयेंद।
आलोक - मि तै संदेह च।  हत्यारा का पास छुपाणो जगा कु ज्ञान ह्वालु।  तो खुज्याण बेकार च।
बृजमोहन  -मि नि जणदु कि रिवाल्वर कख च ? पर सिरिंज कख च मि जणदु छौं।  म्यार पैथर आवो।
[सब खिड़की का पास जांदन।  सिरिंज अर तुड़ी मुड़ीं एक मिनिएचर सैनिक मील ]
बृजमोहन - हत्या का बाद एक या इ जगा छे जख हत्यारा यूँ चीजुं  सकुद छौ।
नंदा - अब रिवॉल्वर खुज्याण चयेंद
आलोक - पर सब एक साथ हाँ।
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य    -    Scene   9 ----------------------------------------- 
---------------------------------खोज का बाद ----------------------
[सब गोलघ्यारा  मा बैठ्याँ छन। चिंतित अर उचमिचि का साथ।   बृजमोहन घुमणु च ]
आलोक - रिवॉल्वर नी मील।  कख ह्वे सकदी ? हम हथ पर हथ धौरिक नि बैठ सकदां।  हम तै कुछ ना कुछ करण इ चयेंद।  हम तै भैर बि खुज्याण चयेंद। यदि बचण च तो -
बृजमोहन - ये मौसम मा ? भैर जोर की बरखा हूणि च।
धूमल - समय की बात च।  बरखा तो बंद ह्वेली इ। मौसम ठीक हूणों बाद क्वी सिग्नल , उज्यळ दिखैक या कुछ ना कुछ करिक -
मदन - समय ही त समस्या च। तब तक तो हम सब समाप्त !
आलोक - यदि हम सावधान रौला तो बच सकदां।
[सब व्यथित छन अर एक हैंकाक मुख पर दिखदन।  घड़ीन पांच बजैन ]
नंदा - कैन चाय पीणै ?
बृजमोहन -एक कप ह्वे जाव  तो !
नंदा - ठीक च मि बणान्दु।  आप इखमि राओ।
आलोक - हम सब औंदा अर दिखला कि तु  कन चा बणांदि।
नंदा - ठीक च।
आलोक - हम सब तै सावधान रौण चयेंद।
[सब जांदन अर कुछ देर बाद हथ पर चाय कप लेकि आंदन ]
धूमल - [बिजली स्विच ऑन करद ]  - अरे सर्यूळो गुजरणो बाद जनरेटरक इंजिन तो चलाई नी च। हम भैर जैक इंजिन चालु करदां।
आलोक - भैरक कमरा मा मोमबत्ती बि छन।  हम ऊँ तै लयोंदा
धूमल - ठीक च मि लांद।
कोमल - मै अपर कमरा मा जैक मुख ध्वेक आंदु। [जांदी ]
[सब एक हैंकाक मुख देखिक चाय पीणा छन।  इथगा मा नंदा कु चिल्लाणो आवाज ]

नंदा - मदद , मदद -मद  -

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