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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, April 22, 2015

मौर्य काल में शहरों का विकास

Growth in cities in Mauryan Period with contexAncient  History of Haridwar,  Bijnor,  Saharanpur

            हरिद्वार  ,  बिजनौर  , सहारनपुर   इतिहास    संदर्भ में  मौर्य काल में शहरों का विकास 

              हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास     संदर्भ में मौर्य काल की सभ्यता व संस्कृति     -3 
                   Ancient  History of Haridwar, History Bijnor,  History Saharanpur  Part  -106  

                       
    

                     हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग -  106                     

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती 
                                      शहरीकरण का विकास 
मौर्य काल में लौह संस्कृति विकास के कारण जंगलों को कृषि योग्य बनाया गया।  कृषि विकास से निर्यात बढ़ा और निर्यात हेतु मंडियों में वृद्धि हुयी।  इससे मौर्य काल में शहरीकरण को भी बढ़ावा मिला। अशोक काल में कालसी (जौनसार देहरादून ) के शिलालेख से पता चलता कि यंहा से कई व्यापारिक कार्य सम्पन होते थे।  बिजनौर के मयूरध्वज का विकास बुद्ध के समय हो चुका था।  कालसी का मंडी बनने से बिजनौर , हरिद्वार व सहारनपुर का भी विकास हुआ होगा और अवश्य ही इन स्थानो की कई वस्तुएं बिक्री हेतु कालसी आती होंगीं। 
बौद्ध और जैन भिक्षु हरिद्वार , बिजनौर में आश्रमों में बहुतायत से रहते थे।  इसका अर्थ है कि इस क्षेत्र में नागरिकरण विकास हुआ या नगरीकरण से प्रभावित हुए होंगे। 


** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड  इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज 
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर 
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन 
अग्रवाल , पाणिनि कालीन भारत
अग्निहोत्री , पंतजलि कालीन भारत 
अष्टाध्यायी 
दत्त व बाजपेइ  , उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म का विकास 
महाभारत 
विभिन्न बौद्ध साहित्य 
जोशी , खस फेमिली लौ
भरत सिंह उपाध्याय , बुद्धकालीन भारतीय भूगोल 
रेज डेविड्स , बुद्धिष्ट इंडिया 

Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India 22/4/2015 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -

      Ancient History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient  History of Telpura Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient   History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient  History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient  History of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient History of Sultanpur,  Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient  History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ;    AncientHistory of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar;      History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;    AncientHistory of Bijnor;    Ancient  History of Nazibabad Bijnor ;    Ancient History of Saharanpur;   Ancient  History of Nakur , Saharanpur;    Ancient   History of Deoband, Saharanpur;     Ancient  History of Badhsharbaugh , Saharanpur;   Ancient Saharanpur History,     Ancient Bijnor History;
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