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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, April 20, 2015

हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में मौर्य काल की सभ्यता व संस्कृति

History of Culture and Civilization in Haridwar, Bijnor and Saharanpur during Maurya Period

 

                 हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास     संदर्भ में मौर्य काल की सभ्यता व संस्कृति    
                   Ancient  History of Haridwar, History Bijnor,  History Saharanpur  Part  -104     

                       
    

                     हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग -  104                    

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती  


        कौटिल्य के अर्थशास्त्र से व यूनानी साहित्य से पता चलता है कि भारत में या कहें कि मौर्य काल में हरिद्वार , बिजनौर व सहारनपुर की सभ्यता व संस्कृति निम्न प्रकार थी -
                            विभिन्न वर्ण /जातियां 
 
                          यूनानी लेखक ने मौर्य कालीन भारत में निम्न जातियों का उल्लेख किया है -
दार्शनिक 
कृषक 
सैनिक 
पशुपालक 
कलाविद 
न्यायिक विद्वान 
सलाहकार व मंत्री 
                           कौटिल्य ने निम्न पारम्परिक चार वर्णों का वर्णन किया है -
ब्राह्मण 
क्षत्रिय 
वैश्य 
शूद्र -इनके पास व्रता [धन उत्पादन ]  करुकर्मा [कला ] , कुशीलवकर्मा [शिल्प ] आदि होने बाद भी इनकी गिनती निम्न जाती में था। 
                                      स्त्रियां 
उच्च जातीय स्त्रियां पढ़ी लिखीं होती थीं . स्त्रियां राजकाज व धार्मिक अनुष्ठानो में भाग लेतीं थीं।  वे सेना व जासूसी का कर्म भी करती थीं। वहु पत्नीवाद प्रचलित था।  सती प्रथा बिलकुल कम थी।  गणिकाओं का स्थान गिरा नही था अपितु सभ्यता शिक्षण -प्रशिक्षण में गणिकाओं की सहायता ली जाती थी। 
                 कपड़े 
कपड़ा उद्यम अच्छी हालत में था।  धनी वर्ग रेशमी कपड़ा पहनते थे।  कपास के कपड़े प्रमुख थे व चमड़े , वृक्ष खाल के कपड़े भी प्रचुर मात्रा  पयोग होते थे। 
            भोज्य पदार्थ 
रोटी , चावल , दाल , सब्जी व मांश , दूध मुख्य भोजन था।  वन पर निर्भरता अधिक थी। 


 ** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड  इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज 
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर 
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन 
अग्रवाल , पाणिनि कालीन भारत
अग्निहोत्री , पंतजलि कालीन भारत 
अष्टाध्यायी 
दत्त व बाजपेइ  , उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म का विकास 
महाभारत 
विभिन्न बौद्ध साहित्य 
जोशी , खस फेमिली लौ
भरत सिंह उपाध्याय , बुद्धकालीन भारतीय भूगोल 
रेज डेविड्स , बुद्धिष्ट इंडिया 

Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India 20/4/2015 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -

      Ancient History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient  History of Telpura Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient   History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand ;  Ancient  History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ;  AncientHistory of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient History of Sultanpur,  Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient  History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ;    AncientHistory of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar;      History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;    AncientHistory of Bijnor;    Ancient  History of Nazibabad Bijnor ;    Ancient History of Saharanpur;   Ancient  History of Nakur , Saharanpur;    Ancient   History of Deoband, Saharanpur;     Ancient  History of Badhsharbaugh , Saharanpur;Ancient Saharanpur History,  Ancient Bijnor History;
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