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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, April 15, 2015

सम्राट अशोक व हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर इतिहास

Emperor Ashoka and History of Haridwar, History Bijnor,  History Saharanpur

                         सम्राट अशोक व हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर  इतिहास

                  Ancient  History of Haridwar, History Bijnor,  History Saharanpur  Part  -   100   

                       
    

                     हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - 100                      

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती  
 सम्राट अशोक [273- 232 BC ] बिन्दुसार की मृत्यु [272 BC ] के कुछ समय बाद राजगद्दी पर बैठा।  अभिषेक के आठ  वर्ष बाद अशोक को कलिंग राज्य से भयंकर युद्ध करना पड़ा और इस महायुद्ध में एक लाख से अधिक मनुष्य मारे गए और इतने ही बंदी बनाये गए , युद्ध ने अशोक पर गहरा प्रभाव डाला और अशोक बुद्धगामी हो गया। यद्यपि अशोक बुद्धमत को मानने वाला था किन्तु उसने सनातन [हिन्दू ] और बौद्ध धर्म के उदार सिद्धांतों  प्रचार किया। 
                हरिद्वार ,  बिजनौर व सहारनपुर पर अशोक का शासन 
        
 कालसी [चकरौता , देहरादून ] व मेरठ के शिलालेखों व बाद समय के मयूरध्वज [बिजनौर ] प्रागैतिहासिक खुदाई  से सिद्ध है कि हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर पर अशोक का अधिकार  tha va क्षेत्रीय क्षत्रप अलग अलग रहे होंगे। 
  अशोक ने अपने समस्त राज्य में जहां जहां घनी वस्ती थीं वहां धर्मोपदेश हेतु वहां उसने   या तो लाटें स्थापित कीं या शिलालेख खुदवाये। 
मेरठ के शिलालेख को मुस्लिम राजा दिल्ली ले गया था। 
कालसी व मेरठ के अभिलेख  मगधी भाषा में ब्राह्मी लिपि में हैं। 

 ** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड  इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज 
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर 
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन 
अग्रवाल , पाणिनि कालीन भारत
अग्निहोत्री , पंतजलि कालीन भारत 
अष्टाध्यायी 
दत्त व बाजपेइ  , उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म का विकास 
महाभारत 
विभिन्न बौद्ध साहित्य 
जोशी , खस फेमिली लौ
भरत सिंह उपाध्याय , बुद्धकालीन भारतीय भूगोल 
रेज डेविड्स , बुद्धिष्ट इंडिया 

Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India 14/4/2015 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -

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