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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, February 25, 2015

भगीरथ याने उत्तराखंड का सफल पौराणिक अन्वेषक

 Sagar and Bhagirath of Parshuram Era in context History of Haridwar, History of Bijnor and History of Saharanpur 
                                                           

                                                    हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर  इतिहास संदर्भ में  परशुराम युग में सगर और भगीरथ 

                                                                                   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  Part  --66     

                                                                    हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -66  


                                                                   इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती 


                                  सगर 
 मान्धाता और पुरुकुत्स के पश्चात अयोध्या वंश की शक्ति क्षीण होती गयी। सत्यवादी हरिश्चंद्र की छटी पीढ़ी में राजा बाहु हुआ। हैहय वंशियों म्लेच्छों ( यवन , शक , कम्बोज आदि ) को लेकर ने जब बाहु के राज्य अयोध्या पर आक्रमण किया तो अयोध्या नरेश बाहु ने  पराजित होकर अपनी गर्भवती पत्नी के साथ भार्गव मुनि के आश्रम में शरण ली. वहां बाहु की मृत्यु हो गयी।  कुछ समय बाद बाहु पुत्र सगर  का जन्म हुआ जिसका लालन पोषण भार्गव आश्रम में हुआ। 
हैहय वंशियों के साथ म्लेच्छ भी सनातन धर्मी हो गए थे। 
सगर ने पहले अपना छीना राज्य का कुछ हिस्सा प्राप्त किया फिर अश्वमेध यज्ञ किया और अपने 60000  पुत्रों को घोड़ा लेकर संसार जीतने भेजा। 
सगर पुत्र घोड़े को ढँढते ढूंढते कपिल मुनि के आश्रम (मायापुर या कनखल में ?) पंहुचे और उन्होंने कपिल मुनि से अभद्र व्यवहार किया।  कपिल मुनि के श्राप से सभी सगर पुत्र भष्म हो गए।  
सगर का राज्य उत्तर भारत से बंगाल की खाड़ी तक अनुमान लगाया जाता है। 
                        भगीरथ याने उत्तराखंड का सफल पौराणिक अन्वेषक 
सगर के प्रपौत्र दिलीप और भगीरथ ने सगर पुत्रों के उद्धार हेतु गंगा को पृथ्वी में लाने का प्रयत्न किया। 
भगीरथ ने तपस्या की और गंगा को पृथ्वी तक लाये और फिर हरिद्वार , कनखल में गंगा को लाकर अपने  पुरखों का उद्धार किया। 
पुराण व महाभारत अनुसार भगीरथ शक्तिशाली , दानशील व परजामुखी सम्राट था। (महाभारत में रामयण कथा ). 
ऐसा लगता है कि भगीरथ परम अन्वेषक था।  उसने गंगा स्रोत्र का अन्वेषण किया था अथवा कोई बड़ी नहर खुदवाई होगी। 

** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड  इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज 
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर 
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन 
Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India  24 /2/2015 

Contact--- bckukreti@gmail.com  
History of Haridwar to be continued in  हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास; बिजनौर इतिहास, सहारनपुर इतिहास  -भाग 67 
History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ; History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ; History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ; History of Telpura Haridwar, Uttarakhand ; History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ; History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ; History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand ; History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand ; History of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ; History of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ; History of Sultanpur,  Haridwar, Uttarakhand ; History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ; History of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ; History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar; History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;History of Bijnor; History of Nazibabad Bijnor ; History of Saharanpur;
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