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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, December 1, 2014

चलो ब्लैक मनी , ब्लैक मनी कु खेल खिलला !

Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm on Black Money

                                       चलो ब्लैक मनी , ब्लैक मनी कु खेल खिलला !
                                       ब्लैक मनी की चाहत मा   : भीष्म कुकरेती 

घरवळी - म्यार त सद्यनि ग्वरकटा दिन रैन !
मि -हैं ! 
घरवळी -मेरी मति मरे गे छे , निथर वु उल्लू का पट्ठा ही ठीक छौ।
मि -अरे कु उल्लू का पट्ठा ?
नौनु - पापा ओ देहरादून में नही हैं ? नाना जी के मुहल्ले में जिसे सभी उल्लू का पट्ठा कहते हैं। उसकी बात ममी से चली थी। 
मि -हाँ हाँ ! जु हर हफ्ता लोकसभा या राज्यसभा माँ जै विषय  पर विपक्षी वाक आउट करदन  वै विषय पर खेल का खेल आयोजन करद ना ? एक दैं वैन कॉमन वेल्थ गेम मा कथगा कमाण कु खेलौ आयोजन बि उरै थौ !
नौनु -हाँ वही  अंकल उल्लू का पट्ठा कहलाया जाता है। (भैर चल जांद )
घरवळी -याँ पर कुछ ना कुछ खेल तो खिल्दु च कि ना ? यूँ राजनीतिक धुर्याऊँ से बढ़िया तो ऊ उल्लू का पट्ठा ही ठीक च। 
मि -वाह एक उल्लू का पट्ठा दुसर उल्लुऊँ  नकल का खेल रचांद !
घरवळी -तुम तैं ले क्या च ? सरा मुहल्ला मा सब्युंन खेल खेल आल अर हम अबि तलक इनि बैठ्याँ छंवां।  मुहल्ला मा त मि तैं जाण पोड़द कि ना ? नाक कटि गे !
मि -यां क्यांक नाक कटि गे ?
घरवळी -सब्युन अपण अपण घौरम ब्लैक मनी -ब्लैक मनी को खेल खेल आल अर एक हमि छंवां कि हमन अबि तलक ब्लैक मनी -ब्लैक मनी कु खेल नि ख्याल !
मि -यु क्वी नया वीडिओ गेम च ?
घरवळी -नै नै ! यु हजबैंड -वाइफ का बीचौ खेल च। 
मि -हजबैंड -वाइफ का बीचौ खेल? कन खेल च यु ?
घरवळी -भौत  सरल खेल च।  ये खेल माँ वाइफ अपण हजबैंडौ रिस्तेदारुं घूस दीणो बाबत मजाक उड़ान्द अर हजबेंड अपर ससुरास्युं द्वारा दियीं घुसौ मजाक उदांद !
मि -मतलब अबि जन त्यार काकन गांवम एक सुंगर मार अर बिचारा कक्याससुर जी पटवारी चंगुल मा ऐ गेन। 
घरवळी (गुस्सा मा ) -यां पण काकान जाणि बुझिक थुका सुंगर मारि छौ।  उ त सुंगर भगाणो ल्वाड़ चुलाणा था कि एक ल्वाड़ सुंगर पर लग गे। 
मि (जोर की हंसी ) -हाँ पर कक्याससुर जी तैं पटवारी पकड़िक ली गे।  पुट्ठ दस हजार दीण पोड़िन पटवारी तैं तब छुटिन कक्याससुर जी।   
घरवळी -हाँ तो जेल जाण से बढ़िया त दस हजारमा इ मामला सुल्टि गे कि ना ?
मि -हाँ पण ! कक्याससुर जी तो पटवारी से बि बड़ा गुनाहगार ह्वे कि ना ? 
घरवळी (गुस्सा मा ) -अफु तै बचाण गुनाह च क्या ?
मि -घूस दीण तो घूस दीण से बड़ो गुनाह च।  घूस कक्याससुर जीन दे अर ब्लैक मनी पैदा ह्वे।  फिर पटवारिन जरूर वै ब्लैक मनी से ब्लैकम देहरादूनम ब्लैक मा जमीन ले होलि या सोना -चांदी खरीद होलि।  असली गुनाहगार तो कक्याससुर जी छन जौन ब्लैक मनी की रचना कार। ही इज कल्प्रिट ! 
घरवळी (गुस्सा मा )-बिंडी कलप्रिट -फुलप्रिट नि ब्वालो हाँ ! हैं म्यार काका तैं कल्प्रिट बताणा छंवां हैं ? तुमर बडा  जीक नौन अलखणि  जिठा जी कम कलप्रिट छन ? 
मि -क्या कार भाई साहबन ? बोल बोल !
घरवळी -हूँ ! सँजैत जगा मा गांवक सग्वड़ खोदि कि ना ?
मि -हाँ पर भाई साहबक पसर छौ।  बंजर पड़ी जगा मा सग्वड़ खोदि दे तो कौनसा गुनाह ह्वे गे ? हैं ?
घरवळी -ऊँ ! तबि त जब अलखणि जिठा जी पर हथकड़ी लगणो बात आइ तो झट से प्रधान अर पंच -पटवारी तैं ठम से दस हजार पकड़ै दे। 
मि -चार लाख की जगा दस हजारम पड़ी गे तो फायदा ही ह्वे कि ना ?
घरवळी -हाँ पर अलखणि जिठा जीन बि त ब्लैक मनी कु निर्माण नि कार क्या ?
मि(गुस्सा मा ) -तू म्यार स्वार -भारुं पैथर बिंडी पड़ी रौंद हाँ !
घरवळी -म्यार काका तैं गुनहगार बुलण मा शरम नि आदि ?
मि -अर म्यार चचेरा भाई तैं कल्प्रिट बतांद तेरी जीब जळणि नी च ?
घरवळी -अर जु मम्या ससुर जीन भाभरम जंगलातौ जमीन मा लैट्रिन बणाइ , नहर अपण कब्जा मा दिखाई अर फारेस्ट गार्ड तैं चार हजार रुपया देन वो ब्लैक मनी का मैन्युफैक्चरिंग नी च क्या ?
मि -अर जु त्यार मौसान देहरादून मा दस लाख मा जमीन खरीद पर चेक मा केवल द्वि लाख देन अर बकै आठ लाख ब्लैक कैश नि दे ?
घरवळी -हाँ पर यु त जमानो कु दस्तूर च। 
मि -गुनाह छुपाणो नाम च जमानो कु दस्तूर।  त्यार मौसा जी ब्लैक मनी पैदा करणो असली गुनाहगार छन। 
घरवळी -बिंडी बुलल्या तो तुमर खानदान की पोल नि खोललु तो मी बि अपण बाबु बेटी नि छौं। 
नौनु (भैर से भितर आंद ) ममी -पापा ! क्या तुम लोग बि ना !
मि -अपण ब्वे तैं समजै दे 
घरवळी -अपण बुबा तैं अड़ै दे 
नौनु - ब्लैक मनी -ब्लैक मनी का खेल का ये अर्थ नही कि तुम सचमुच में लड़ पड़ो। 
मि अर घरवळी -तो ?
नौनु - जैसे लोकसभा, राज्यसभा  और चुनावी अखाड़े में नेता नकली खेल खेलते हैं वैसे ही पति -पत्नी को  ब्लैक मनी पर नकली खेल खेलना है।  सारे मुहल्ले वालों ने भी नेताओं की तरह नकली खेल खेला तुम भी  नकली खेल खेलो और मुहल्ले वालों का दिल बहलावो !

Copyright@  Bhishma Kukreti 30  /11 /2014   
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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