उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, October 14, 2014

नरेंद्र मोदी का मुकाबला मनमोहन सिग जी ही बेहतर प्रधानमंत्री छा

चबोड़, चखन्यौ, कव्वाक ककड़ाट  ::: भीष्म कुकरेती 

     जी हाँ ! मि ढोल बजैक , कंटर बजैक अर पूरो होशो हसाश मा  बुलणु छौं कि मेकुण मनमोहन सिंग जी नरेंद्र मोदी से बेहतर , कामौ ,  मौन प्रधानमंत्री छौ। 
 अब द्याखो ना जैदिन सोनिया गांधीन घोषणा कार कि मनमोहन सिंह जी प्रधान मंत्री बौणल तो मि तैं पता नि अपण गांवक पुड़क्या बामण बस्ती बामण  याद ऐगेन।  बस्ती बामण तैं तिरैं -बरखी मा चर चर माणौ दुधाळ  गौड़ बि दिए जाव तो बि बुले जांद छौ कि ल्या सि लै गे मुगदानै गौड़ी ! भीख ब्वालो या ब्वालो दान  या कुत्ता कुण फेंकीं रुटि समझो जैदिन मनमोहन जी तैं  प्रधानमंत्री पद मील तो मेरी कलम पर बबराट ऐ गे।  मीन वैदिन  चबोड़्या लेख ल्याख अर म्यार लेखौं मुंडळी छे -शांत कुकरौ दांत अर नंग तोड़ि प्रधान बणाण ! लेख पर पाठकों प्रशंसात्मक , उत्साहवर्धक , चटपटी टिप्पणी बांचिक मि तीन दिन नि स्यों- ख़ुशी मा । जब नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बौणिन अर मीन सेक्युलर मित्रों बुलण पर चखन्यौर्या लेख ल्याख ज्यांक शीर्षक छौ - सौदागर हमर  प्रधानमंत्री।  पाठकों की प्रतिक्रिया पौढ़िक मि छै दिन नि स्यों।  पाठकोंन इन इन गाळी देन कि सीण तो दूर सांस लीण मा तकलीफ ह्वे गे।  डाक्टरन बोलि बल जु अपण मेहनत से , अपण बल पर या अपर ऊर्जा शक्ति से प्रधान मंत्री बणो तो वैक चखन्यौ कौरिक दमा रोग ह्वे जांद।  डाक्टरों बुलण छौ बल कर्मठ व्यक्ति की हौंस नि उड़ाए जांद , यदि उद्यमशील व्यक्ति की हौंस उड़ैल तो जगहंसाई ही मीललि।  अब बताओ मेकुण त मनमोहन जी नरेंद्र जी का मुकाबला उर्बरक प्रधानमंत्री छा कि ना ?
          अब जब मनमोहन सिंग जी प्रधान मंत्री बौणिन तो कैबिनेट की बैठक हूण आवश्यक ही छे।  तो कॉंग्रेस  हेड क्वार्टरन  या कै कॉंग्रेसीन  हवा उड़ै दे  कि अर्जुन सिंह जी मनमोहन सिंग जीक आण पर   खड़ नि हून्दन किलैकि अर्जुन सिंघौ मानण छौ बल ओ प्रॉक्सी प्रधान मंत्री तैं प्रधानमंत्री नि मानि सकदन।  मीन इख पर व्यंग्यात्मक लेख ल्याख - एक कुत्ता दुसर कुत्ता तैं बर्दास्त नि कर सकद।  तो पाठकोंन मेरी घरवळि कुण बि फोन कार कि वाह भीषम जी क्या चकडैत छन ! भीषम जी क्या चक्चुन्दर्या छन! भीषम जी क्या चकाचक छन ! अर जब मीन नरेंद्र मोदी जीक कैबिनेट मीटिंग की चखन्यौ कार अर लेख की मुंडी छे - "कड़क हेडमास्टरन बेंत से कमजोर मास्टरुं मुंड फ्वाड़ " । तो म्यार ब्रह्म ही हिल गे।  भाजपा वळु गाळी त समझ मा आदि छे पर भाजपा से अधिक गाळी कॉंग्रेसी अर कम्युनिस्टों से ऐन कि "तीस साल बाद तो भारत तैं पता चौल कि प्रधान मंत्री की क्वी औकात हूंद।  अर तुम प्रधान मंत्री की औकात का मजाक उड़ाना छंवां ? बंद कारो इन बकबास "।
जब मनमोहन सिंह जीन लाल किला बिटेन पैलि बार भाषण दे तो मीन मजाक मा लेख कि मनमोहन पुत्री अमृत सिंघन पूछ " पापा जब लाल किला मा ना तो मम्मी समिण छे ना ही सोनिया मैडम तो आप इथगा धीमे किलै बुलणा छा ?" . अब जब पंदरा अगस्तौ कुणि नरेंद्र मोदीन बगैर लिख्युं भाषण दे तो मीन कथगा कोशिस कार कि मि नरेंद्र मोदीक भाषण पर चबोड़ कौरुं , किन्तु मि  चबोड़ ना चारण पद्य  , प्रशंसा काव्य गीत, हुडक्या गीत लिखण लग ग्यों।  
इनि पिछ्ला दस सालों मा मनमोहन सरकार पर रोज व्यंग्य लिखणो दु दु अवसर मिल जांद छा। पर अब ! अब त ?
 में सरीखा व्यंग्यकार का वास्ता कमजोर प्रधान मंत्री ज्यादा फायदामन्द हूंद , भ्रष्टाचारी मंत्र्युं मुखिया मनमोहन सिंग चयेंद। व्यंग्य अनाचार , अत्याचार , भ्रस्टाचार , संसय , अनिर्णय , दस दस शक्ति केंद्र , कमजोरी पर लिखे जांद  किन्तु अबि तलक तो नरेंद्र मोदिका चरित्र बताणु च कि मि तैं अब राजनैतिक व्यंग्य लिखण से सन्यास लीण ही पोड़ल । भगवान से प्रार्थना च कि नरेंद्र मोदी अर उंका  मंत्री भारत का वास्ता इन काम करिन कि मि हमेशा राजनीतिक व्यंग्य लिखण  से दूर ही रौं।  




Copyright@  Bhishma Kukreti  12/10 /2014       
*
लेख में  घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख  की कथाएँ चरित्र व्यंग्य रचने  हेतु सर्वथा काल्पनिक है



Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language, Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language; Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal; Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal; Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal; North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal; , Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal; Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal; Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal; Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal; Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar;

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments