उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Monday, September 1, 2014

क्या राहुल गांधी को सुस्त बछड़ा कहना सही है ?

चबोड़्या - भीष्म कुकरेती 

  इंडियन एक्स्प्रेस मा एक न्यूज आई बल दिग्गी बाबून बोली बल राहुल गांधी तैं कौंग्रेसौ भाग बदलणो वास्ता मीडिया मा दिखेण चयेंद , इन लगण चयेंद कि राहुल बाबा कुछ बुलणु च। वर्तमान चमचाधिराज मधुसूदन मिस्त्रीन जबाब मा बोलि बल कौंग्रेसी नेतौं सणि सार्वजनिक जगा त छवाड़ो  सुपिन मा बि नेहरू खानदान का बारा मा इन नि बुलण चयेंद। 
मीन स्वाच  कि यदि जु कॉंग्रेस मा कॉंग्रेस्यूं तैं नेहरू -गांधी याने  राजकीय परिवार का बाराम सार्वजनिक रूप से बुलणो खुली छूट होंदी , बीच चौक मा भर्तस्ना करणो आजादी हूंदी , चौबट मा सार्वजनिक आलोचना की स्वतंत्रता हूँदि तो क्या हूंद ?
मनमोहन सिंह हल्ला कौरिक सोनिया जी से बुल्दा - बल सोनिया जी ! तै राहुल बौड़ो कुछ कारो।  चुप बैठ्युं च।  चुप बैठणो ठेकेदारी त मै तैं मिलीं च अर चुप स्यु बौड़ बैठ्युं च। 
सोनिया - हे भगवान ! मेरी त मवासी घाम लग गे।  जब ये नर्भागी बछड़ा का कुतकी मारणो दिन छा , एक फाँगि से हैंकि फाँगि मा फाळ मारणो समय छौ स्यु घाम तपणु च।  जपानीज कंसल्टेंट तैं भट्यावो। 
कपिल सिब्बल - जपानीज कंस्लटेंटुन खन्नु खरपट्ट करण ? हमन तै अळगसी तैं राजस्थान -मध्य प्रदेसौ चुनावुं मा इनर्जी टैबलेट याने ऊर्जा  गोळी खलैन तो   …… 
सोनिया गांधी - तो तैन भाजपा का कील ज्यूड़ तोड़ि देन क्या ?
कपिल सिब्बल -क्यांक भाजपा का कील ज्यूड़ तुडिन ?
सोनिया - तो ?
कपिल सिब्बल - अरे स्यु निर्भागी मुसदुंळ लुकी गे।  मुसदुंळ बटें रीता जोशी बहुगुणा , साकेत बहुगुणा जन मूसूं सिकैत आई बल स्यु राहुल त हमारी ही नकल  करण लग गे अर किर्र किर्र किराणु च। 
सोनिया गांधी - यां कुछ तो कारो ! मेरी मवासिक क्या ह्वाल ?
मनीष तिवाड़ी - ये गळया  बौड़क  कुछ नि ह्वे सकुद। 
सोनिया - कनो ?
मनीष तिवाड़ी - हमन कथगा दैं तै गळया  बौड़क काँध मा गौळ डाळ पर मजाल च कि तैपर कुछ फरक पौड़ी हो धौं !
सोनिया गांधी -ह्यां ह्वाइ क्या च ?
मनीष तिवाड़ी - हूण क्या छौ।  पिछ्ला दस -ग्यारा सालुंम बारा गौळ  सौड़ि गेन पर यी राहुल बौड़ मा ज्यु धरदां तो यु बौड़ स्यूं ज्यूक भ्यूं बैठ जांद। 
सोनिया गांधी - तो कुछ हौर करदा !
पी चिदंबरम - कार किलै नी च। 
सोनिया - क्या कार ?
पी चिदंबरम - हमन जब द्याख कि जनि राहुलक काँध मा चुनावी ज्यु धार तो स्यु बौड़ झम बैठ जावु तो हमन तैक खुंटों पर भाषणु छलपटी लगैन कि स्यु गळया बौड़ भ्यूं नि बैठो।
सोनिया गांधी - तो खुटुं पर छिलपटुं लगण से तैन कथगा पुंगड़ु  हौळ लगाइ ? 
मोअली - केक हौळ लगाइ।  तैन छिलपट अर ज्यू इ तोड़ि देन अर उख्मी बीच पुंगड़ मां बैठि गे। झूठ बुलणु हूं त शीला दीक्षित बैणि तैं पूछी ल्यावदी। 
सोनिया - ये दीदी  क्या क्या ह्वे ? 
शीला - मीन दिल्ली वळु तैं धाद लगैक बुलै छौ कि हमर बछड़ा हौळ लगाण लैक ह्वे गे तो एक हाल देखिक लोग भाजी गेन।  मै नि लगद राहुल बछड़ा कबि हळ्या बल्द बौणल। 
सोनिया - खड़गे जी तुम क्या बुलणा छंवां ?
खड़गे - मीन क्या बुलण ?    बुलणम बि शरम लगदी . वु आण नी च कि दुसरौ कालु हंसावु अर अपण कालु रुलावु। 
सोनिया गांधी - ह्यां ह्वाइ क्या च ?
खड़गे - हूण क्या छौ।  तै दिन संसदौ चौक मा सँजैत दैं लगणी छे।  सबी पार्टयूँ बौड़ , ढांग बल्द , गौड़ी -बाछी सब दैं लगैक अपर अपर फसल मांडणा छया अर हमर बछड़ा बीच चौक मा सियुं छौ . 
सोनिया - तो क्या करे जावु ?
मोतीलाल बोरा - अब त प्रिंयका तै ट्राई करणो समय ऐ गे। 
सोनिया (गुस्सा मा )- क्याssss ?
सबि - नै नै हम खुंडु उस्तरा से दाढ़ी बणै ल्योला अर गळया बौड़ से भद्वाड़ बै ल्योला।   


Copyright@  Bhishma Kukreti  2  /9/ 2014       
*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । 

  
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language, Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language; Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal; Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal; Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal; North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal; , Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal; Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal; Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal; Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal; Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar;

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments