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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, September 14, 2014

नरेंद्र मोदीक मंहगाई दगड़ मुखसौड़

चबोड़्या भीष्म कुकरेती 

जिस जमीं पे पैर रखूं भूचाल वहां आता है  
जमीं तो जमीं आस्मां भी थर्राता है 
नरेंद्र मोदी - ये भै डराइबर भाई ! कैसेट म गाणा त तू सही टैम पर चलांदी भै !
ड्राइवर - जी इथगा मंत्री अर प्रधान मंत्र्युं  दगड़ काम कर्युं च त पता च बल कौं तैं कै बगत क्या चयेंद। 
नरेंद्र मोदी - अरे ! अरे ! या बिगरैलि बांद क्वा च ? इथगा बढ़िया आकर्षक कपड़ा , सर्पणी जन धमेली , चमेली जन सुगंध छुड़ण वळि बांद क्वा च ?
बिगरैलि बांद  - ले मि तैं नि पछ्याण ?
नरेंद्र मोदी -ना। 
बिगरैलि बांद  - ले अफु त तीन न्यूत देकि भट्याइ छौ अर अब पुछणु छे मि कु छौं।  
नरेंद्र मोदी - पर मीन तो चीन कु प्रधान मंत्री तैं न्यूत दे छौ। 
बिगरैलि बांद  -पहचान कौन ?
नरेंद्र मोदी -सची मीन त्वै तैं कबि नि द्याख। 
बिगरैलि बांद  -अच्छा एक क्लू दींदु। 
नरेंद्र मोदी -क्या च क्लू ?
बिगरैलि बांद  -चुनावुं टैम फर त तू मौक़ा दर मौक़ा  पर बुल्दु छौ आएंगे , आएंगे    …… 
नरेंद्र मोदी -हाँ अच्छे दिन आएंगे बुल्दु त जरूर छौ 
अच्छे  दिन -हाँ त मि अच्छे दिन ही छौं। 
नरेंद्र मोदी -पर अच्छा दिन त पुल्लिंग च अर तू त सजीली , सुंदर , कजरारी स्त्री छे। 
अच्छे  दिन -ह्यां दिन , रात असल मा ना त पुल्लिंग छ ना स्त्रीलिंग।  यी त न्यूट्रल जेंडर छन। 
नरेंद्र मोदी -हाँ ! या बात त सै च। 
अच्छे  दिन -अब देख ना मंहगाई छ त न्यूट्रल जेंडर पर तुम लोग वीं तैं स्त्रीलिंग बथौँदा। 
नरेंद्र मोदी -नाम नि ले वीं करमजात मंहगाई कु , मि तैं मिल जा ना तो मि वीं तैं पाकिस्तान भेजी द्यूं। 
अच्छे  दिन -कनो अबि तलक हाथ नि आयि। 
नरेंद्र मोदी -मि तैं जरा कखि वा करमजली मंsगैs  कैं बि हाल मा कखि दिख जा ना तो मि वींक कचूमर बणै द्यूं , वीं कळमुंडिक खग्वट बैठे द्यूं , वीं कुलंगारिक कतल करि द्यूं। 
अच्छे  दिन -कनो वा मंहगाई काबू मा नि आणि च ?
नरेंद्र मोदी -मीन अपण मंत्री , सचिव , जयललिता , ममता, दिग्विजय सिंह सब तैं काबू मा कौर ऐन , इख तलक कि बड़ा -बड़ा कारोबारी , चीन , जापान , अमेरिका , ब्रिटेन का  राष्ट्रध्यक्षुं तैं काबु कौर याल।  किंतु  वा    कालसर्पणी  ,  कुसण्या, कुकरतबी काबु मा नि आणि च। 
अच्छे  दिन -पर तीन मंहगाई तैं कम करणो कदम उठै छन कि ना ?
नरेंद्र मोदी -अरे कथगा इ सिद्ध कामयाब कदम उठैन किंतु वा कालिंदारी , कुबाणिक , कुस्वाणी ,कुमेसणी , कौंखाण्या (दुर्गन्ध युक्त ), क्वासिकाणी (निपट अंधी ) मंहगाई कम हूँणै जगा बढ़णी ही च।  ग्यूं -चौंळ  तो ठीक च पर दाळ अर भुज्युं दाम कम नि हूणा छन। 
अच्छे  दिन - तो भुज्जी अर दाळ बि सरकारी रासनूं दुकान्युं मा पौंछे देदि। 
नरेंद्र मोदी -वी त मुस्किल च।  सब्जी दुकान्युंम पौंछद पौंछद सड़ जांद अर दाळ पर टेर (दाळ कीड़ा ) लग जांदन।    
अच्छे  दिन -पर तुमर प्रवक्ता तो किराणा रौंदन कि मंहगाई काबू मा च।   
नरेंद्र मोदी - वु त राजनैतिक रणनीति का तहत चिल्लाणा छन की मंहगाई कम ह्वे गे , मंsगैs कम ह्वै गे। 
अच्छे  दिन -ह्यां पर मंहगाई कम करी देदी।  टैक्स  कम कर देदी , सब्सिडी बढ़ै देदि। 
नरेंद्र मोदी -टैक्स कम करुल अर सब्सिडी बढ़ौल तो फिस्कल डेफिसिट बढ़ जाल अर फिर विदेशी निवेश नि ऐ सकुद। अर फिस्कल डेफिसिट बढ़ जावो तो मंहगाई और बढ़ जांद। 
अच्छे  दिन -हे भग्यान ! तो तीन चुनावुं बगत लोगुं क्या अपण धुर विरोध्युं मन मा इथगा आशा किलै भौर कि मंहगाई कम ह्वै जाली।  ममता बनर्जी , सोनिया गांधी , मुलायम सिंग बि बिचारा आस लगैक बैठ्याँ छन कि नरेंद्र मोदी ऐ ग्याई तो मंहगाई कम ह्वै जालि। 
नरेंद्र मोदी -मि मर्द तैं जनानी बणै द्योलु पर यीं मंहगाई तैं काबू नि कौर सकणु छौं। 
अच्छे  दिन -बिचौलियों पर काबू कौर ना !
नरेंद्र मोदी -हूँ ! मीन भारतौ इतिहास पौढ़।  जै बि राजा , सम्राट , बादशाह , कलेक्टरन बिचौलियों तैं काबू करणै कोशिश कार बिचौलियोंन  वैको ही राज खतम करवै दे। 
अच्छे  दिन - तो फिर ?
नरेंद्र मोदी -करलु त अवश्य , किन्तु समय लगल जरा।  अरे अरे ! तू अब बदसूरत , काळी -कलूटी , दुर्गन्धयुक्त किलै दिखेणि छे ?
अच्छे  दिन -किलैकि मि अच्छे दिन का भेष मा मंहगाई छौ। 
नरेंद्र मोदी -अरे अरे ! कख भाजी गए तू , पकड़ मा ऐक बि तू हाथ से निकळ गे। 
नरेंद्र मोदी - ड्राइवर ! वा जनानी कख भाग ?
ड्राइवर - कखि ना ।  
नरेंद्र मोदी - नै नै ! मीन सैंदष्टि (सदृश्य ) द्याख अर वींक दगड़ बात बि कार। 
ड्राइवर - प्रधान मंत्री जी ! वा अच्छे दिन या मंहगाई नि छे। 
नरेंद्र मोदी - तो क्वा छे ?
ड्राइवर - वा त प्रधान मंत्रीको भरम छौ , गलतफहमी छे । 
नरेंद्र मोदी - प्रधान मंत्रीको भरम, गलतफहमी  ?
ड्राइवर - हाँ हरेक प्रधान मंत्री को एक भरम  हूंद कि वा या वु मंहगाई कम करिक अच्छे दिन लै सकद। सर ये कैसेट सूणां
जिस जमीं पे पैर रखूं भूचाल वहां आता है  
जमीं तो जमीं आस्मां भी थर्राता है 

Copyright@  Bhishma Kukreti 13  /9/ 2014       
*लेख में  घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
 लेख  की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने  हेतु सर्वथा काल्पनिक है 
  
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