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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, May 12, 2014

चार धाम पर्यटन छवि वर्धन में प्रवासियों की अहम भूमिका

(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--62  
                                                      
उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्यविपणन प्रबंधन -भाग 62     

                                                                      लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  विक्री प्रबंधनविशेषज्ञ )   
 यह सर्वविदित है कि पिछले साल 2013 में मंदाकिनी घाटी में आयी आपदा ने उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।  विशेष रूप से चार धाम यात्रा पर्यटन उद्यम को बड़ा धक्का लगा है।
 किसी भी पर्यटन उद्यम में  नकारात्मक छवि सुधार हेतु समाज सरकार से अधिक भूमिका निभाता है।
यह प्रशसनीय व उत्साह वर्धक समाचार है कि चार धाम के पंडा समाज ने भारत के बहुत से क्षेत्रों का भ्रमण किया और यजमानो से घर घर जाकर श्रद्धालुओं को उत्तराखंड यात्रा हेतु प्रेरित किया। 
आज प्रवासियों का भी कर्तव्य है कि उत्तराखंड पर्यटन वृद्धि हेतु उत्तराखंड छवि वर्धन में अपना योगदान दें। 
प्रवासियों से उम्मीद है कि उत्तराखंड पर्यटन छवि वर्धन में निम्न तरह से अपना योगदान दें।
१-प्रवासी को अपने दोस्तों से चार धाम यात्रा ज्ञान देना चाहिए। 
२- किसी भी प्रकार से चार धाम यात्रा  बात अपने साथी -दोस्तों से करें। 
३- चार धाम व उत्तराखंड पर्यटन के पैम्फलेट मंगाकर उन्हें अपने दोस्तों में बाँटें। 
४-किसी भी प्रकार का संशय खत्म करें . 
 ५-ईमेल या इंटरनेट के जरिये अपने साथियों पहचान वालों को चार धाम यात्रा हेतु प्रेरित करें। 
६- इंटरनेट व  फेसबुक व अन्य सोसल मीडिया में चार धाम यात्रा पर विचार विमर्श करवाएं 
 ७-चार धाम यात्रा का ट्वीट या फेसबुक पेज भी खोला जा सकता है। 
८- जो लेखक है वे गैर उत्तराखंडी पत्र -पत्रिकाओं में चार धाम संबंधी लेख प्रकाशित करें। 
 ९-वे सभी कदम उठायें जो पर्यटक स्थल छवि वर्धन में कारगर होते हैं। 
 १०-स्वयं भी उत्तराखंड यात्रा करें 
 ११-यथास्थिति की  जानकारी लोगों तक पंहुचाएं। 





Copyright @ Bhishma Kukreti  10/5/2014  

Contact ID bckukreti@gmail.com
Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...

उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी 

                                   
 References

1 -
भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना ,शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल

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