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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, March 24, 2014

प्रवास्यूं औकात

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि ) 

              कुछ दिन पैल मीन स्वाच बल जरा मुंबई मा ही रौण त स्थानीय राजनीति अर संस्कृति मा मिलण जरुरी च। त मि शिवसेना शाखा मा चलि ग्यों। 
मीन शिवसेना क नेता जी तैं सिवा लगाइ। 
नेतान पुछि - क्या मंगता है ?
मि - जी मि मंगता नि छौं . मेरी अच्छी खासी नौकरी छे।
नेता -नेता - मंगता  ! मतलब क्या चाहिए
मि -मि शिव सेना की सेवा करण चाणु छौं। 
नेता -कखक रौण वाळ छे ?
मि -जी जोगेश्वरी , मुंबई। 
नेता -ओहो म्यार मतबल च कौन से रीजन  को बिलौंग करते हो  ?
मि -जी उत्तर भारत !
नेता -ओह तो तुम उत्तर प्रदेश -बिहारौ भया छंवां ?
मि -जी नही ! मि उत्तराखंड कु छौं 
नेता -ओ ! उत्तराखंड माने झारखण्ड ? अच्छा तो तुम महेंद्र सिंह धोनी कु प्रदेश का छंवां ?
मि -हाँ हाँ ! मी अवश्य महेंद्र सिंग धोनी कु प्रदेश कु छौं पण झारखण्ड कु नि छौं। 
नेता -क्या बकबास करणा छंवां ? धोनी का प्रदेश का छंवां पर झारखण्ड का नि छंवां।  धोनी तो रांची झारखण्ड से बिलौंग करद तो फिर ?
मि -जी धोनी क नेटिव प्लेस उत्तराखंड च। 
नेता -यु क्या फणि सि  खंड कख च भै ?
मि -जी  हिमालयन स्टेट च। 
नेता -औ त इन ब्वालो ना शिमला हिमाचल का छंवां ?
मि -ना ना शिमला ना  …… 
नेता -अच्छा शिमला ना।  तुम कुल्लू मनाली 
मि -ना ना हिमाचल ना। 
नेता -तो जम्मू कश्मीर ?
मि -ना उत्तराखंड 
नेता -नेपाली ? यार एक लिफ्ट मैन अर वाचमैन चयाणु छौ।  जरा जल्दी भेज दियां। 
मि -बद्रीनाथ , केदारनाथ …।  
नेता -औ जख भयंकर बाढ़ आंद . अच्छा तुम वै रीजन का छंवां ?जख बाढ़ आंद अर मुख्यमंत्री तैं समज मा इ नि आंद कि क्या करण !
मि -जी !
नेता -कुछ कुछ याद  ऐ ग्याई।  बद्रीनाथ -केदारनाथ।  अच्छा एक बात बतावो कि तुम क्या सेवा कौर सकदा ?
मि -जी मि शिव सेना का वास्ता वोट जुटौलु ! 
नेता -तुम बद्रीनाथ -केदारनाथ का तरफां का ही छंवां ना ?
मि -हाँ 
नेता -शायद माहिम मा MNS कु नेता राजेश बड़थ्वाल बि बद्रीनाथ केदारनाथ कु ही च ?
मि -जी हाँ ! म्यार ही गाँव कु च। 
नेता -कबि वैकि सहायता का वास्ता बि गेवां ?
मि -जी कबि ना 
नेता -वा वीमेन ऐक्टिविस्ट प्रतिभा नैथानी बि त बद्रीनाथ -केदारनाथ की ही च ?
मि -जी हाँ वा बि मेरी रिस्तेदार च। 
नेता -कबि प्रतिभा नैथानी की हेल्प बि कार ?
मि -प्रतिभा तैं हेल्प करणो चांस ही नि मील। 
नेता -वा पवई मा कॉंग्रेसी नेता कुसुम गुसाईं की नगर सेवक चुनावी रैली मा बि भाग लेई ? वा बि त बद्रीनाथ -केदारनाथ की ही च। 
मि -जी नौकरी कु जंजाळ च तो   …। 
नेता -अर तुमन कबि बि  थाणे मा नगर सेवक मुन्ना बिष्ट ,  कांदिवली मा महाराज रतूड़ी , जोगेश्वरी माँ लोली बिष्ट की सहायता बि कार ? 
मि -जी कबी ना। 
नेता -अरे जब ज्वा कौम  सैकड़ों मील दूर ऐक बि अपण आदम्युं सहायता नि कौर सकदी वा कौम  शिव सेना की क्या सहायता कारली ? 
मि -जी फिर बि कुछ वोट त मि लाइ सकुद छौं। 
नेता -ज्वा कौम प्रवास मा बि संगठित नि ह्वावो वीं कौम पर राजनीति मा क्या भरोसा करण।  जावो कॉंग्रेस या NCP मा जगा ख्वाजो। 
मि -जी कॉंग्रेस अर NCP वाळ बि इनी बुलणा छन कि जौंक आपस मा ही एका नी च वूंक मुंबई मा क्या राजनैतिक बजूद बौण सकुद।  
नेता -जावो जावो।  शिव सेना मा बि तुम सरीखा असंगठित लोगुं वास्ता जगा नी च।  जावो खावो अर दारु पीवो।  इख मुम्बई मा राजनीतिक पैठ बणाणो कोशिस बंद कारो।  अच्छा अब जावो!  मीम तुम लोगुं तरां फोकट मा समय बरबाद करणो टाइम नी च। 
मि -जी जांदु छौं। 
नेता -अच्छा सूणो ! तुम बद्रीनाथ -केदारनाथ रीजन का ही छंवां ना ?
मि -जी हाँ 
नेता -यार , म्यार नौनो एक बड़ो होटल च जरा आठ दस होटल कर्मचारी तो भेजो।  बद्रीनाथ -केदारनाथ का तरफां होटल कर्मचारी बड़ा कामगति हूंदन। 

Copyright@ Bhishma Kukreti  19/3/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  

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