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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, March 26, 2014

ममी ! वु अंकल अर स्या आंटी खड़ हूणो तयार इ नि छन !

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )  

अजकाल मीडिया मा रोज धै लगणि छन , जोर की छ्वीं चलणि छन , सन्जैत चौंतरा (चौपाल ) मा चर्चा छन , चाय की दुंकान्युं मा चकचक हूणी छन , बल सन 2014 का लोकसभा चुनाव हारणौ डौरन भौत सा हैवी  वेट यानी नामी गिरामी बड़ा कॉंग्रेसी नेता चुनाव ही नि लड़न चाणा छन।  कति त बल अंडरग्राउंड ह्वे गेन।  यीं समस्या पर  सोनिया गांधी अर राहुल बाबा मा , अहमद पटेल का मध्य चिंतन , मनन , विचार विमर्श,  अवश्य ही ह्वे होलु।  मीन चिंतन कार , मीन कल्पना कार , मीन घड्याइ , मीन स्वाच कि द्वी ब्वे -बेटाs मध्य कौंग्रेसियुं चुनाव नि लड़न पर क्या बातचीत ह्वे होलि।
  राहुल -ममी ! दिस इज नॉनसेन्स ! अटर नॉनसेन्स ! 
सोनिया -बाबा मीन कथगा दै बोलि याल कि रोड शो करद या ईंटक  भट्टा मिल मा शो का बगत एयर कंडीशनर नि लग सकदन।
राहुल -ममी! अबै दैं वा समस्या नी च। अब मि बगैर एयर कंडीशनरक रोड शो अर डाळ तौळ बैठ सकुद छौं।
सोनिया -त बाबा ! तीन गलती से मेड इन फ़्रांस की जगह इन्डियन मिनरल वाटर त नि प्यायी ?
राहुल -कै कॉंग्रेसीक  हिम्म्त च जु इन्डियन मिनरल वाटर पिलाओ।
सोनिया -त बाबा क्या गर्मी भौत बढ़ गे ?
राहुल -नही ममी! दिग्गी अंकल बि बुलणा छा बल ,"अब राहुल बाबा तै गर्मी सहन करणै आदत पोड़ी गे। "
सोनिया -बाबा ! क्या मौत का सौदागरन चिरडै दे कि हार का डर से मीन त्वै तैं प्रधान मंत्रीक उम्मीदवार नि घोषित कार ?
  राहुल -ओ ममी ! डाकटरन डिक्लेयर कौरि याल कि अब मी तैं नरेंद्र अंकल का भाषणु से डौर नि लगद पर भंयकर गुस्सा अवश्य आंद।  बाइ द वे ममी ! यु गुस्सा क्या हूंद ?
सोनिया -जब आदिम दिस इज नॉनसेन्स ! अटर नॉनसेन्स ! बुलण लगद तो वु ही गुस्सा हूंद।
राहुल -ओ ! एस ! मि तैं हमर बणयां  कॉंग्रेस का हैवी  वेट नेताओं पर गुस्सा आणु च।
सोनिया -बाबा ! गुस्सा विरोधी पार्टी पर आंद। 
राहुल -हाँ , ममी ! हेरक हैवी वेट कांग्रेसी नेता विरोधी दल की भूमिका निभाणु च।
सोनिया -बाबा ! ह्वाइ क्या च ?
राहुल -मीन वैदिन जगदम्बिका पाल अंकल कुण ब्वाल कि तुम तैं चुनाव लड़न तो वु वैदिन बिटेन नरेंद्र मोदी अंकल की प्रशंसा करण लगि गेन।
सोनिया -हूंद च बाबा ! हरेक कॉंग्रेसी चांद कि नेहरू खानदान वूं तैं नेता बणाव।
  राहुल -ऊनि सतपाल चचा कुण ब्वाल कि पौड़ी क्षेत्र से नामांकन भर तो सतपाल अंकल भाजपा सदस्यता का फॉर्म भौरिक ऐ गेन।
सोनिया -मेनी कौंग्रेसीज आर मीन।
राहुल -अब चिदम्बरम अंकल कुण ब्वाल कि नामांकन भारो अर सरा तमिल नाडु मा टूर कारो , चुनावी बिगुल बजावो।  पता च ऊँन क्या ब्वाल ?
सोनिया -क्या 
राहुल -सब तैं पता च कि चिदम्बर अंकल निर्दलीय चुनाव मा नि जीत सकदन फिर बि मीन चिदंबर अंकलन ब्वाल बल नौ दैं चुनाव लड़द लड़द थकी ग्यों।  नाउ आइ वांट अ रेस्ट फौर फाइव इयर्स।  सच ये मीन हैवी वेट कॉंग्रेसी!  
सोनिया -बाबा इन गुस्सा चुनावी भाषणु मा दिखा।
राहुल -त्यार बुलण पर मनमोहन अंकलन आनंद शर्मा तैं मंत्री बणै छौ।
सोनिया -बाबा ! आनंद शर्मान टीवी चैनेलों मा मेरी भौत बड़ै कौर छे तो इन चारण लोगुं तैं मंत्री पद दीण जरुरी हूंद।  याही त हमारी कॉंग्रेस की खानदानी परम्परा च।
  राहुल -ममी मी तैं पता च कि हमर इक इनी हूंद।  म्यार काका संजय का तो नारायण दत्त तिवाड़ी सरीखा बड़ा मुख्यमंत्रीन  बीच सड़क मा चप्पल उठांडा छा. पर ममी मीन जब आनंद शर्मा जी कुण ब्वाल कि हिमाचल से पर्चा भारो तो पता क्या बुलण बिसेन ?
सोनिया -क्या ?
राहुल -बल मि त कॉंग्रेस मा इलै ही छौं कि मी तैं राज्य सभा कु टिकेट मीलल।
सोनिया -हाँ बाबा ! अधिकतर कॉंग्रेसी मिनिस्टर अफीक अपड बल पर ग्राम पंचायत या नगर पालिका का टिकेट नि जीती सकदन। 
राहुल -किन्तु ममी ! अब जब जरुरत च तो मनीष तिवारीन हार्ट ट्रबल की बीमारी का सौ सर्टिफिकेट दिखै देन।
अहमद पटेल - प्रिंस ! यु समय कॉंग्रेसी नेताओं तै पुळयाणो च। 
सोनिया -हाँ।  ठीक च उन समय पर यी कॉंग्रेसी हमर खुट मा पड़दन किन्तु ये समय पर हम तैं झुकण पोड़ल। 
राहुल -मतलब गांधी परिवार तैं कॉँग्रेस्युं खुट मा पोड़न पोड़ल ?
सोनिया -ओह नो सनी ! हम तै ऊंक खुट मा मुंड नि धरण पोड़ल अपितु पुळयाण पोड़ल , पुचकारण पोड़ल।
राहुल - अहमद अंकल ! पुळयाण पोड़ल , पुचकारण पोड़ल क्या हूंद।
अहमद पटेल - प्रिंस ! जन तुम अपर टॉमी डॉग या पुस्सी कैट तै पुळयांदा कि ना ?
राहुल -ओ ! प्यार का दो शब्द बुलण ।  तो ठीक च जरा अम्बिका सोनी आंटी तैं फोन लगावदि।
राहुल फोन पर - आंटी मि राहुल बुलणु छौं।  ममी की इच्छा च कि तुम आंनदपुर साहिब से चुनाव लड़ो। क्या तुम ममी से मिलणो आणा छंवां।  ठीक च।
राहुल फोन पर - अमरेंदर अंकल ! ममी की हार्दिक इच्छा च कि तुम लोकसभा मा आवो. क्या तुम ममी तैं मिलणो दिल्ली आणा छंवां।  ठीक च आवो। 
अहमद पटेल - प्रिंस ! बड़ोदा बिटेन नरेंद्र रावत कु फोन च। 
राहुल फोन पर - हाँ रावत जी ! क्या तुम से नरेंद्र मोदी का विरुद्ध चुनाव नि लड़े सक्याण ? ठीक च मी मधु सुदन मिस्त्री तैं ऑडर दींदु कि नरेंद्र मोदी का विरुद्ध चुनाव लड़ो। 
राहुल फोन पर - हेलो ! दिग्विजय अंकल ! वु बनारस से नरेंद्र मोदी का विरुद्ध चुनाव लड़नो विषय मा क्या स्वाच ? क्या ? आप भोळ चौथू ज्योतिषी मा टिपडा दिखाणा जाणा छंवां ? एक मिनट हाँ ममी दगड़ बात कारो। 
सोनिया फोन पर -दिग्विजय जी ! ज्योतिषी से टिपड़ा दिखाणो जरुरत क्या च ? रिजल्ट त हम तैं पता च।  अच्छा अच्छा हाँ फिर ठीक च , त भोळ टिपडा दिखाणो बाद इख आणा छंवां। ठीक च ठीक च 
राहुल -ममी दिग्गी अंकल ज्योतिषी से क्या पुछणो जाणा छन ?
सोनिया -दिगविजय सिंग गी जी यी जाणन चाणा छन कि नरेंद्र मोदी का विरुद्ध चुनाव मा जमानत बची जाली कि ना ?

Copyright@ Bhishma Kukreti  26 /3/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]   

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