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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, March 4, 2014

पर्यांवरणवादी अर विकासवाद्यूं बीच फँस्युं सुंगर !

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
   गढ़वालम  हमर गां मा कोटद्वारा से सीधा मोटर सड़क कु नक्सा पास ह्वे , अन्य विभागुं से हरी झंडी बि मील अर बजेट पास बि ह्वे गे।  पर पर्यावरणवादी सड़क बणनो बीच ऐ गेन।  सड़क एक गदन से गुजरण वाळ च अर वै गदनम  पैल बंडी डाळ छा अब बड़ी मात्रा मा   सुंगर रौंदन।  पर्यावरण वाद्यूँ बुलण च बल गदन बटे सड़क आलि त सुंगुरुं तैं परेशानी होली अर पर्यावरणवाद्यूं भयंकर बिरोध से सड़क द्वी साल से जख्या तखी च याने सड़क कु काम जाम च। मुम्बई मा हमर गां वाळु  आठ अलग अलग संस्था छन   अर सबि संस्था वाळुन मितै आदेस दे कि मि गां जौं अर यथास्थिति का अलावा  सुंगरुं राय  बि जाणे जाव कि सुंगरू सड़क बणन पर क्या राय च। 
त ब्याळि मि अपण गां बिटेन सुंगरुं बिचार जाणनो बान गदन ग्यों।
मीन एक सुंगुर द्याख अर वैसे बात करण चाहि कि वैन पूछ - तू हमर बच्चों कुण मूगफली , सकरकंदी बि लै ?
मि -तुमर बच्चों कुण मूगफली , सकरकंदी?
सुंगुर -हां पर्यावरणवादी हमर बच्चों कुण बजार बटे मूगफली , सकरकंदी लांदन अर विकासवादी चॉकलेट लांदन !
मि -अरे मि तैं पता हूंद कि तुम तैं चॉकलेट पसंद च तो मि गां वाळु  बांठ कम करिक चॉकलेट लयांद ! हां हां 
सुंगर -इकम हंसणै बात क्या च।  तुम तैं पता च हम कथगा परेशानी मा छंवां ? 
मि -सड़क ?
सुंगर -ओहो सड़क कि बात नी  च। सड़क संबंधित बात तो हमर नेता जी ही कारल 
मि -अच्छा चलो मि तैं अपण नेता का पास लिजा 
(सुंगर मी तैं अपण नेता का पास लीगे )
सुंगर नेतान मै पूछ   -इन बता तू तू विकासवादी कैम्प कु छे कि पर्यावरणवादी छे ?
मि -मि मुम्बई का प्रवासी छौं 
सुंगर नेता -औ त इन बुल्दी कि तू  फ़ोकट मा  बेकार टाइम पास करण वाळ जंतु छे. 
मि -नै नै मि मनिख छौं 
सुंगर नेता - हां ठीक च बुनो कुण तु मनिख छे पर औकात त फंड धुऴयुं  जंतु की ही च , ना इखाक ना ही उखाक।   
मि -मीन सूण कि ये गदन से सड़क आली तो तुम तैं बड़ी परेशानी होली ?
सुंगर नेता -हां पर्यावरणवादी त इनी बुलणा छन कि सड़क बणन से हम तैं परेशानी होली।  परसि दिल्ली का पर्यावरण वादी अर वाँसे कुछ दिन पैल लखनऊ का पर्यावरणवादी हम तैं इनी बताइ गेन कि सड़क बणन से हम सुंगरुं  तैं भौत कठिनाई होली। 
मि -जी आप अपण विचार बतावा।  पर्यावरण वाद्यूं बिचार तो अखबारूं मां आदि रौंदन। 
सुंगर नेता -हम सुंगर छंवां , हम इन बातों पर ध्यान नि दींदा पर जब पर्यावरणवादी बुलणा छन तो हम तैं अवश्य ही कठिनाई होली !पर्यावरणवादी बिचारा भला मनिख छन।  पर लम्बा लम्बा भाषण दीन्दन अर पता नि कना कना चार्ट दिखाँदन भै ! यां तुम अपण दगड़  मूंगफली या सकरकंदी बि लयां ?
मि -मी तैं नि छौ पता तुम तैं मूंगफली अर सकरकंदी पसंद च।  मि तैं तुम लोगुं विचार चयाणा छन कि सड़क बणन से तुम सुंगुरुं  तैं क्या क्या कठिनाई ऐ सकदन ?
सुंगर नेता -जब बिटेन यी केजरीवाल आयी हम तैं छुट छुट बातुं पर अपण लोगुं से राय मशबरा करण जरुरी ह्वे गे।  मी जब तलक प्राइमरी (राय , सर्वे ) नि करुल मि आधिकारिक तौर पर कुछ नि बोल सकुद। 
मि -ठीक च तुम सबि सुंगरुं से पूछो कि ये गदन सड़क आण से क्या तुम सुंगरुं  तैं कठिनाई होली ?
सुंगर नेता -भै जब पर्यावरणवादी बुलणा छन कि हम सड़क बणन से हम सुंगरुं जीवन खतरा मा ऐ जाल तो अवश्य ही हमर जीवन खतरा मा आलु। 
मि -भै मि तैं तुमर राय चयाणी च कि यदि ये गदन से सड़क ऐ जाली तो सुंगरुं जीवन पर क्या नकारात्मक फरक पोड़ल ? पर्यावरणवाद्यूं से ही   पुछण हूंद त दिल्ली मा विमल भाई तैं नि पुछ्द ?
सुंगर नेता -अरे विमल भाई बड़ा बढ़िया आदिम छन बल।  कई दशक  पैल हमारी फेमिली गुमखाल जिना छे तो विमल भाई उख कोटद्वार -ऋषिकेश सड़क का विरोध मा ऐ छा बल अर ऊँन मेरी झड़ नानी की पड़नानी क दगड़ एक फोटो खिंचै  छौ।  विमल भाई मीलल तो ऊंकुण बुलेन कि वो वीं फोटो भेजी देन।  हम तैं अपण फेमिली ऐल्बम का वास्ता वा फोटो चयाणि च। 
मि -आप जरा अपण कम्युनिटी से पूछिक आवो कि सड़क बणन से तुम सुंगरुं तैं क्या खतरा च ?
सुंगर नेता -ठीक च पुछणो जांद छौ।  पर यदि मूगफली या सकरकंदी लईं हूंद त कथगा बढ़िया हूंद। 
(सुंगर नेता अपण रौणै जगा   जिना जांद )
मीन वै सुंगर से पूछ जु मि तै अपण नेता तैं मिलणो लै छौ -नेता जी कथगा देर मा ऐ जाला ?
सुंगर -वूंन अब कबि बि नि आण। 
मि -हैं ! किलै ?
सुंगर -हम सुंगरुं मा बि दुपाल्टी च एक पर्यावरणवाद्यूं समर्थक च अर हैंक पाल्टी विकासवादी मनिखों   समर्थक च।  नेता जीन पुछण अर हमर इख घपरोळ शुरू ह्वे जाण। सवालन अनुत्तरित रै जाण बस झगड़ा ही बढ़ जाण। 
मि - ओहो मुम्बई मा मि अपण संस्थाओं तैं क्या जबाब द्योलु ?
सुंगर - म्यार नाम नि लेल त एक बात बोलुं ?
मि -ठीक च बोल। 
सुंगर - देखो  तुम मनिखों से हम सुंगरुं वास्ता समस्या या तुम पहाड़ मा रौण वाळु वास्ता हम  सुंगरुं से समस्या सड़क वडक से नि आयी। 
मि - तो ?
सुंगर - जब बिटेन तुम पहाड्यूंन दूर दूर खेती करण छ्वाड़ तुमन हम सुंगरुं कुण समस्या खड़ी करी दे अर सुंगरुंन गाँवुं  नजीक बसण शुरू कौर दे अर यां से तुम पहाड्यूं कुण समस्या खड़ी ह्वे गे। समस्या सड़क नि छन , समस्या हमर निवास का नजीक खेती नि करण च। 

Copyright@ Bhishma Kukreti  4/3/2014 


*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
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