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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, March 13, 2014

प्रजातंत्र बचाणौ बान मीन बि पार्टी छोड़ याल !

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
घरवळिन तून (ताना ) देक बोलि - तुमर दगड़ रैक मीन एक दिन बि गर्व का दिन नि देखिन
मि - गर्व का दिन ?
घरवळि- हाँ , तुम से त कुछ बि नि हूंद अर लोग छन कि कुछ ना कुछ करणा छन।
मि -लोग कुछ ना कुछ करणा छन ? क्या मतबल ?
घरवळि-सब प्रजातन्त्र बचाणौ बान कुछ ना कुछ करणा छन अर एक तुम छंवां कि ड्यारम बैठ्यां छंवां ! 
मि -ठीक च आज मि दारु ड्यारम नि प्योलु  कखि कै सस्तु सि बार मा जयांदु। फिर भोळ नि बोलि कि होटल से बेहतर त ड्यारम ठीक च , होटलम खर्चा जादा हूंद। 
घरवळि-ओहो , ये मनिखौ दगड़ त कुछ बि बुलण गुनाह च , मि प्रजातंत्र बचाणौ बात करणु छौ ना कि  .... 
मि -अब मोदी , राहुल , मुलायम , जयललिता , ममता , मायावती का हूंद प्रजातंत्र पर क्यांक खतरा च > 
घरवळि-यां फिर बि प्रजातंत्र तैं बचाण जरुरी च। 
मि -पर अब त केजरीवालन बि प्रजातंत्र बचाणौ ठेका लियाल फिर ?
घरवळि-तुम समझणा नि छंवां कि प्रजातंत्र पर कथगा बडु खतरा मंडराणु च।  तुम बि प्रजातंत्र बचाणौ बान कुछ ना कुछ कारो ! 
मि -वोट त मि दींदु ही छौं , अब हौर क्या करण ?
घरवळि-तुम भारत मा प्रजातांत्रिक ढांचा बचाणौ बान कॉंग्रेस पार्टी छोड़ द्यावो  अर पत्रकार सम्मलेन कारो। 
मि -क्वी पूछल कि मीन बुडेन्द दैं कॉंग्रेस  पार्टी किलै छ्वाड़ तो मि क्या जबाब द्योलु ?
घरवळि-अरे बेशरमी से , बेहयाई से ,  शेमलेसली बोलि देन कि कॉंग्रेस मा युवा कार्यकर्ताओं ही ना वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की क्वी पूछ नि होंदि।  
मि -इखमा नई बात क्या च सरा भारतवास्यूं तैं पता च कि कॉंग्रेस मा कार्यकर्ताओं की ना गांधी परिवार की ही चलदी ! 
घरवळि-ओहो , बुलण मा तुमर क्या जांद।  बस इन बुलण कि कॉंग्रेस मा प्रजातंत्र ही नि बच्युं च। द्याख नी तुमन जगदम्बिकापाल अर भगीरथ जन कन बेशरमी से कौंग्रेस मा प्रजातंत्र खतम हूण से आहत छा ?
मि -पण मि त कौंग्रेस पार्टीक सदस्य ही नि छौं त फिर कौंग्रेस पार्टी कनकै छुड़ण ?
घरवळि-ओहो ! तो तुम भाजापा ही छोड़ी द्यावो पर छ्वाड़ो। अर पत्रकार सम्मेलन करो। 
मि -इक बि त लोग पूछल कि ना कि मि  भारतीय जनता पार्टी किलै छुड़नु छौं ? 
घरवळि-त इज्जतहीन , लज्जाहीन ह्वेक बोल देन कि आरएसएस का लठलों से स्क्यूलरिज्म लहूलुहान हूणु च त सेक्यूलिरिज्म बचाणौ खातिर तुम भाजापा छुड़णा छंवां।  द्याख नी तुमन बच्ची सिंग रावत जी तैं इथगा साल बाद याद आयि कि आरएसएस से सेक्यूलिरिज्म तैं खतरा च।  
मि -पर  … 
घरवळि-पर क्या नीतीश कुमारक नौटंकी से कुछ तो सीखो अर बहाना बणै देन कि अब भारत की एकी समस्या च अर वा च सेक्युलर स्ट्रक्चर।  बस तुम कमीना आदिम  जन कसम खै देन कि अल्पसंख्यकों का हितसाधन का वास्ता तुम भाजापा छुड़णा छंवां।  
मि -पर मि भाजापा पार्टी सदस्य बि नि छौं। 
घरवळि- इन कारो तुम लालू प्रसाद की पार्टी छोड़ी द्यावो अर पत्रकार सम्मलेन कारो। 
मि -फिर प्रश्न त यी च कि मि पार्टी किलै छुड़णु छौं ? 
घरवळि-भौत सरल च दांत दिखैक , दुतरफा हीन मनिख जन बोल दीण कि अब  की राजदा मा लालू यादव कु परिवार वाद चलणु च। 
मि -राजदा छुड़ण से बढ़िया त नितीश कुमार कु जनता दल छुड़ण ठीक रालु कि नितीश कुमार प्रशासन मा कमजोर च। 
घरवळि-हाँ त ठीक च तुम नितीश कुमार केई पार्टी छोड़ी दयावो अर पत्रकार सम्मेलन मा बिलंच ह्वेक नीतीश कुमार की इन झड़ती ल्यावो कि लालू यादव बि शरमै जावु कि इन बदचलन्या  शब्द ऊं मा किलै नि छन 
मि -पर मि जेडीयू कु सदस्य नि छौं। 
घरवळि-मीन कथगा दें ब्वाल बि च कि आठ दस पार्ट्यूं सदस्य बौण जावो।  अब द्याखो ना कथगा परेशानी हूणी च।
मि -त आम आदमी  पार्टी छोड़ द्यूं ?
घरवळि-जैं पार्टीक सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी बि बौण सकदन या ओबामा बि बौण सकदन वीं पार्टीक सदस्यता छुड़न  न्यूज नि बौण सकद।  प्रजातंत्र बचाणौ अर्थ हूंद न्यूज बणन। 
मि -तो उत्तराखंड क्रान्ति दल छोड़ि द्यूं ?
घरवळि-पत्रकारुंन तुम तैं थींच  दीण कि अबि तलक तुम उक्रांद मा किलै छया। तुम इन कारो अपण पार्टी ही छोड़ द्यावो।  
मि -अपण पार्टी ?
घरवळि-जावो अपण बणयीं पार्टी ही छोड़ द्यावो अर ब्वालो कि इख मेरि क्वी नि सुणद।  
मि -अर फिर अपण पार्टी छोड़िक कैं पार्टी ज्वाइन करण ?
घरवळि-ब्याळि हम द्वी जनान्युंन एक नई पार्टी बणै याल तुम हमर पार्टी ज्वाइन कारो।  



Copyright@ Bhishma Kukreti  10/3/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
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