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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, February 10, 2014

जैं पुंगड़ी बान मुकदमा लौड़ त वा पुंगड़ी पटवारी अर वकीलुं मुकदान लग !

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

               कति बुल्दन बल पटवारी ही असल प्रधान मंत्री च त कति बुल्दन बल पटवारी -पुलिस नि ह्वावो तो लड़ै ह्वैइ नि सकद।   आपस मा लड़दा इ इलै छन कि  बिघन ह्वै बि जाल त गां का सयाणा अर जणगर समाळि लेला।  निथर बात समाळणो कुण   पटवारी त छैं छन। 
                   अब इनी ह्वै।   दर्शनु काका अर शेर  सिंग बाडा अलग गाँव का एकी ग्राम सभा का छा अर दुयुंन तिसर गां मा जमीन क्या एकै दौळ खरीद अर दुयुंक वाड एकी छौ।  अब ये  नरभागी लटमुंडळय़ा   वाड पर ही कुज्याण क्या कांड लगिन  कि एक दिन यु दर्शनु काकाक छ्वाड़ खसिक  जा अर हैंक दिन शेर काकाक छ्वाड़ फाळ मार द्यावु।  कुछ दिन तलक वाडु फुटबाल बण्युं  राइ अर वाड कु प्लेइंग ग्राउंड छौ केवल एक बालिस्त।  एक बालिस्त मा इ यु वाड कबि ये छ्वाड़ सरक जा कबि वै छ्वाड़ सरक जावो।  अब तलक खेल शतरंज कु खेल  जन चलणु राइ।  शतरंज मा द्वी खिलाड़ी आपस मा बचऴयांद नि छन बस गोट्यूं  तैं  उना सरकाणा रौंदन।  कुछ दिन वाड  इना उना सरकणु राइ अर फिर दर्शनु काका अर शेर  सिंग खेल से ऊबी गेन , बोर ह्वे  गेन । वाड सरकाणो खेल मा चीयर गर्ल्स ऐ गेन अर चीयरिंग खेल से यु खेल श्रीमती  दर्शन लाल अर श्रीमती शेर सिंह मा गाऴयुं कब्बाली मुकाबला मा बदली गे।  लोग बतांदन बल इन नया गाळि सुणणो असमान मा दिवता बि आण बिसे गेन।  मिसेज दर्शन लाल अर मिसेज  शेर सिंह का भारी भारी स्लीजिंग अर गाऴयुं से बि वाडु एक जगा मा नि आयीं।   स्लीजिंग अर गाऴयुं से बी जब वाडक सरकण बंद नि ह्वे त थर्ड अम्पायर की आवश्यकता पोड़ गे।  थर्ड अम्पायर माने तिनि गांवक सयाणा लोग।  सयाणा लोगुंन भौत दै टीवी रिप्ले द्याख याने बूड बुड्यो राय ले अर राय दे पण वाडु छौ कि वैक सरकण बंद नि ह्वे।  उलटां अब वाडक प्लेइंग फील्ड एक बालिस्त से बढ़िक एक हाथ दर्शनु काकाक  तरफ अर एक हाथ शेर  सिंग बाडाक तरफ बढ़ी गे। 
  उन बीच मा थर्ड अम्पायरों सलाह पर दर्शनु काका अर शेर  सिंग बाडा ग्विल्ल अर नर्सिंग कु थौळ मा बि गेन पण ना त  दर्शनु काकाक लौड़ -गौड़ मरिन ना ही  शेर  सिंग बाडाक लौड़ -गौर मरिन।  यांसे दर्शनु काका तैं पूरो भरवस ह्वे ग्याई कि वाडु सरकाणो बदमाशी शेर  सिंग बाडा से शुरू ह्वे अर शेर सिंग बाड़ा तैं शत प्रतिशत विश्वास ह्वे गे दर्शनु काकान ही वाड सरकाई।  
              दान सयाणो कु आर्बिरेटरी ऑर्डर (बीच बचाव कु आदेस ) तैं द्वी मानणो क्वी तयार नि छौ।  पुंगड हळयांद दैं , बीज बूंद दै , धाण करद दैं, फसल कटै हूंद दैं स्लेजिंग अर गाऴयुं   कब्बाली   चलदी छे।  अबि तलक सब  झगड़ा अंहिसा सिद्धांतों पर ही चलणु राइ। 
वाडु इना उना सरकणु राइ स्लेजिंग अर गाऴयुं  कब्बाली चलणु राइ पण तीन साल का बाद भि बैर नि ह्वे छौ।  चूँकि ग्राम सभा एकि छे त जगी -ब्यौ -तिरैं बरिख मा द्वी दर्शनु काका अर शेर  सिंग आपस मा बचळे बि जांद छा।  शेर सिंह बाडाक बेटि ब्यौ मा दर्शनु काकान भुजी बणाइ , परसाद बि खैंड। इनि जब   दर्शनु काकाक कूड़ चिण्याइ तो शेर सिंग बाडान अपण पांति मा पत्थर बि सारिन। 
            चौथु साल गाळि बि थक गे छा तो दर्शनु काका अर  शेर सिंग बाड़ा अपण अपण पुंगड़म  एक हैंक तै देखिक बौंळ बिटाण मिसे गे छा।  पुंगड़ तक बौंळ  बिटाण त ठीक छौ किलैकि  वां से गां गौळ याने समाज पर जादा फरक नि पोड़द।  पण अब धीरे धीरे या बौंळ बिटै सार्वजनिक जगाऊं पर बि हूण बिसे गए तो अनुभवी लोगुंन राय दे कि पटवारी मा जाण ठीक रालो।  यद्यपि कुछ दान बुड्योंन दुयुं तैं सलाह बि द्याई कि झगड़ा करदा रावो , रोज एक हैंक तैं मा -बैणि गाळी दींद जावो पण पटवारी मुख नि द्याखो। इन मा पांच साल बीती गेन अर वाडक सरकणो प्लेइंग फील्ड एक गज इना अर एक गज उना फैली गे।  अब चूँकि वाड हद से जादा सरकण मिसे गे तो द्वी दगड़ी पटवारी मा गेन।  गांवक हिसाब से पटवारी दुयुंक दुरौ रिस्तेदार बि ह्वैइ  गे  छौ . 
                पटवारी अर पंडित मा जाण तो दक्षिणा लिजाण ही पोड़ अर द्वी एकै घंटी घी बि ली गे छा।  पटवारिन ब्वाल कि वै तैं असलियत समजणो बान  पुंगड़  दिखणो आण पोड़ल।  द्वी निरसेक घौर आइ गेन।  अब बि अनुभवी दान बुड्योंन दुयुं तैं सलाह बि द्याई कि पटवारी नि बुलावो, नि बुलावो।  पण होनी तैं कु टाळ सकद। 
           एक दिन पटवारी चपड़ासी दर्शनु काका अर शेर  सिंग बाडाक ड्यार रैबार याने सरकारी सूचना दीणो आयी कि परस्यूं पटवारी जी मौक़ा (झगड़ा की जगह ) पर आणा छन।  आंद दै पटवारीक चपड़ासी खाली छौ पण जांद दैं पटवारी जीक द्वी हतुं मा घीयक परोठी अर मुंड मा द्वी घौरक ज्यूड़ -कील कु भार छौ।  एक बालिस्त जमीन कु झगड़ा अब अपण पैंचु (उधार ) उगाण लगि   गे छौ। 
 पटवारी जीन मौक़ा पर गस्त लगाइ।  दुयुंक बात सूण अर फैसला सुणाइ कि अब हैंक दिन खसरा (जमीनो रिकॉर्ड ) देखिक ही फैसला करे जालु।  मौक़ा पर आंद दै पटवारी अर पटवारी खाली छा।  पर मौक़ा दिखणो बाद पटवारी का द्वि हतुं पर घीयक परोठी छे अर पटवारी जीक चपड़ासी क मुंड मा द्वी निसुड़ छा।  
 कुछ दिनों बाद फिर पटवारी चपड़ासी जीक सूचना दीणो खाली हाथ ऐन अर जांद दैं द्वी जगा बिटेन मण भर दाळ ली गेन।  
पटवारी जी खसरा लेक मौकाए बारदात पर ऐन।  खसरा मा नक्सा देखिक पटवारी जीक समज मा नि आयि कि  फैसला क्या हूण चयेंद।  खसरा सन साठ कु पैमाइस कु छौ अर वाड तो छ्वाड़ो नक्सा मा पुंगड़ो स्तिथि ही अजीब छे . पटवारी जीन ब्वाल कि सन साठ कु खसरा से काम नि चलणु च त सन चालीस कु खसरा दिखण पोड़ल।  चूँकि पुरण खसरा दिखण पोड़ल अर पुरण खसरा तैं खुज्याण   बहुत ही कठण च।  पटवारीन दुयुं तैं अलग अलग दिन सन चालीस कु खसरा दिखणो भट्याइ।  आज  दर्शनु काका अर शेर  सिंग बाडा पटवारी जी तैं छुड़णो पटवारी चौकी गेन।   दर्शनु काकाक मुंड मा हौळ ज्यू छौ त र शेर  सिंग बाडाक मुंड मा जोळ -ज्यू छौ। द्वी  घीयक परोठी चपड़ासी जीक हथों मा बिराजमान छे।
   दर्शनु काका अर शेर  सिंग बाडा अलग अलग दिन पुरण खसरा खुज्याणो गेन अर वां से पैल अपण अपण गौड़ी बेचिक पटवारी चौकी गेन। 
अब हर मैना पटवारी जी खसरा दिखैक दर्शनु काका हक मा फैसला कारन तो शेर सिंग बाडा  नि मानो अर यदि फैसला शर सिंग बाडाक हक मा हो दर्शनु काकातैं अमान्य ह्वे जावो।  द्वी साल तक पटवारी चौकी मा खसरा कु खेल चलणु राइ अर ये दौरान दर्शनु काकक तीन दुधाळ गौड़ी बिकी गेन अर शेर सिंग बाडाकी द्वी भैंस बिकि गेन।  पटवारी जी घूस खांद थकी गेन।  पटवारी जीन एक दिन दुयुं तैं सलाह दे कि. " में से तुमर फैसला नि ह्वे सकद।   तुम कोर्ट मा जावो।"
द्वी कोर्ट गेन।  दस  सालम दुयंक स्यार बिकेन पण फैसला नि आयी।  दुयुंक नौन पढ़ाई छोड़िक दिल्ली मा  होटलु मा नौकरी करण लगिन।  फिर शेर सिंग बाडा दुनिया से दूर गे, बोडी बि गे , दर्शनु काका  अर काकीक बि गेन।  आज गां मा खेती बंद ह्वे गे पण अबि तक कोर्ट कु फैसला नि आयी कि कु सही छौ।

*  सत्य घटनाओं पर आधारित 

 


Copyright@ Bhishma Kukreti  9  /2/2014 


*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
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