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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, October 17, 2013

प्रिंस राहुल गांधी बड़ा चबोड़्या -चखन्यौर्या नेता छन

 यह लेख भारत के महान हास्य कलाकार स्व महमूद को समर्पित है ! 
                                                  चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 
     
(s =आधी अ= क , का , की ,  आदि )
                अचकाल पोलिटिकल सरकस को सीधा प्रसारण से एक फैदा या च कि हम पोलिटिकल सर्कस  कॉमेडियनुं करतब वैबरि देख सकदवां।  ब्याळि  द्वी पोलिटिकल कॉमेडियनुं  तमशs दिखण मा मजा आयि।  एक त लालकृष्ण अडवाणीs  बुलण बल "मि तै नरेन्द्र मोदीs  प्रधान मंत्री बणनम ख़ुशी होलि !"। ये पोलिटिकल जोकर याने  राजनैतिक विदूषक तैं क्वी पुछण वाळ बि नी च  बल ये भै जब त्वे तैं ख़ुशी ही हूण छे त तीन वै बगत इथगा बड़ो स्वांग किलै कार जै बगत नरेन्द्र मोदी तैं BJP प्रधान मंत्री प्रत्यासी बणाणो घोषणा करणि छे।?
अचकाल बीजेपी अर कौंग्रेस की नौटंकी मा कॉमेडियन किरदारुं भरमार ह्वे गे जु मंहगाई -भ्रष्टाचार , अनाचार से त्रस्त जनता तैं अपण बयानों से हंसाणा छन। 
                         अर दुसर मजा तब आयि जब कॉंग्रेसी शहजादा याने राहुल गांधी मध्य प्रदेश का शहडल शहरम  पांचेक हजार लोगुं की मेगा रैली (महा सभा ) मा भाषण दीणा छा।  यी पत्रकार बि बड़ा मजाकिया छन।  गढवाल सभा देहरादून सभा मा जब पांच छै हजार लोग कट्ठा हूंदन त ये प्रोग्राम तैं सांस्कृतिक कार्यकर्म बुलदन अर नेशनल चैनेल त छ्वाड़ो स्टेट लेवल चैनेलुं मा बि खबर नि  आंद।  जब कि  कॉंग्रेसी प्रिंस की सभा मा जब जोर जबरदस्ती कौरिक कॉंग्रेसी चार -पांच हजार की भीड़ कठा करदन त राष्ट्रीय ही ना अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भारतीय टीवी चैनेल इन सभाओं तैं 'प्रिंस की मैगा रैली'  नाम दींदन !
                          ब्याळि कॉंग्रेसी प्रिंस राहुल गांधीन चार -पांच हजार लोगुं महा रैली मा ब्वाल बल यूनिसेफ की एक रिपोर्ट मुताबिक़ मध्य प्रदेश मा भोजन का मामला मा उथगा ही गरीब च जथगा अफ्रीकी देसुं मा गरीबी च।  ठीक अर सही बात च , सत्य बचन च कि मध्य प्रदेशम आज बि लोगुं तैं द्वी बगतौ भोजन नि मिलद।  हरेक भारतीय प्रिंस राहुल गांधी दगड़ सहमत च बल मध्य प्रदेश का BJP नेताओं तै  अंज्वळि /चुलु भर पाणि मा डूबिक मोरि जाण चयेंद।  
 गूणी अपण पूँछ त नि दिखद अर बांदरौ कुणी ब्वाद बल तैको  पूँछ लम्बू च. हमारा देश का अघोषित  प्रिंस राहुल गांधी को मजाक त द्याखो कि मध्य प्रदेश मा गरीबी का वास्ता  प्रिंस राहुल बीजेपी पर  भगार , लांछन , आरोप लगाणा छन पण प्रिंस राहुल गांधी अपण पैथर सेक्युलरिज्म का फितनाअंगेज ,  धर्म निरपरेक्ष का फित्ना -ए -रोजगार (प्रेयसी ) दिग्विजय सिंह तैं दिखण  बिसरी गे जो 1993 -2003 तक याने दस साल तलक मध्य प्रदेश का तख्ते -ताउस मा बैठ्याँ छया।   ग्रेट कॉमेडियन प्रिंस गांधी भूली गेन बल मध्य प्रदेश मा बीजेपी राज से पैल कौंग्रेस को ही राज छौ अर भूख -गरीबी तब मध्य प्रदेश मा आज से जादा ही छे।  हरेक भारतीय प्रिंस राहुल गांधी दगड़ सहमत च बल मध्य प्रदेश का BJP नेताओं तै  अंज्वळि /चुल्लु  भर पाणि मा डूबिक मोरि जाण चयेंद।  ये हिसाब से त राजकुमार राहुल गांधी तैं धर्म निरपेक्ष का महान पैरवीकार दिग्विजय सिंह तैं बि चुल्लु भर पानी दिखाण चएंद। 
               क्या प्रिंस राहुल गांधी भूतकाल मा कौंग्रेस का कुकर्म (भूख -गरीबी हटाणो  मामला मा ) से पल्ला झाड़ण चाणा छन ? यदि प्रिंस राहुल गांधी कौंग्रेस का भुतकालौ कुकर्मुं से पल्ला झाड़ण चाणा छन त जो बि शहजादा-ए-आजम राहुल गांधी आज बुलणा छन वो केवल एक , मजाक,  मसकरी , चबोड़ , चखन्यौ ही च जन कि  कुछ दशक पैल राजकुमार की दादी  जी यानी महारानी इंदिरा गाँधीन 'गरीबी हटावो ' नारा देकि कार छौ।  
 अजीम शहजादा राहुल गांधीन जब ब्वाल बल विरोधी पार्टी विकास याने रोड की बात करणा छन अर विकास से भोजन नि मिलद।   अदाकार प्रिंस राहुल की यीं अदाकारी से मि तैं बड़ी हौंस आई।  कौंग्रेस का शम -ए -आलामताब (सूर्य ) राहुल गांधीक बुलण च बल सडक की बात 
नि करण बलकणम लोगुं तैं भोजन दीणो बात करण चएंद , लोगुं तैं रोजगार दीणो बात करण चयेंद।  या तो राजकुमार राहुल दार्शनिक ह्वे गेन या प्रिंस एक जोकर याने विदूषक ह्वे गेन या नरेन्द्र मोदीs  कारण बौळे गेन।  विदूषक राजकुमार को बुलण च बल सडक या अन्य -निर्माण कार्य की जगह भूख की बात करे जावो। अब ये नया जमानो को प्रिंस नीरो तै कु बताल कि जु तुमारी खाद्य सुरक्षा योजना मा एक रुपया मा ग्युं चौंळ की बात हूणी च उखमा एक रुपया त चयाणु च कि ना ? अर यु रुपया तबी गरीबुं तैं नसीब होलु जब सडक जन सार्वजनिक निर्माण कार्य होला।  मनरेगा आदि योजना तबी सफल होला जब लोगुं तैं सार्वजनिक निर्माण कार्यों से काम मीलल।  कॉमेडियन प्रिंस राहुल गाँधी तैं समझण चयेंद कि सार्वजानिक निर्माण जथगा जादा होला उथगा ही जादा गरीब तबका तैं मजदूरी मीलली।   
       फिर जादातर लबबन्द , लबबस्ता , चुप, मौन रौण वाळ राजपुत्र राहुल गांधीs एक हैंकि बड़ी मजाकिया बात बोलि दे अर या चबोड्या -चखन्योर्या , मजाकिया बात राजा दिग्विजय सिंह अर महाराजा ज्योतिराय सिंधिया का समणि ही ब्वाल।   शहजादा राहुल गांधीs बुलण च बल लोकसभा मा या विधान सभा मा आम तबका का लोग आण चएंदन।  कौंग्रेस पार्टी का महानायक से इथगा बड़ी मजाक की उम्मीद तो कॉंग्रेस्युं तै बि नि रै होलि !  यीं सदी की सबसे बड़ी चबोड़ , सबसे बड़ी मजाक या च कि कौंग्रेस का नूरअफजा , कौंग्रेस का नुरानी शंहशाह , कौंग्रेस का नूरेलऐन , कौंग्रेस का नूरेनजर- नैयिरे आजम  राहुल गांधी बुलणा छन बल विधान सभा /लोक सभा मा आम आदम्युं तै लाये जालु।  क्या यो बयान यीं सदी को सबसे बड़ो हास्यास्पद बयान नी च ? वाह शहजादे राहुल गांधी ! तुम कॉंग्रेसी मध्य प्रदेश मा कौंग्रेस की कमान भूतपूर्व महाराजा  ग्वालियर नरेश ज्योतिर्मय सिंधिया तैं दींदा ,भूतपूर्व राजा दिग्विजय तैं अपण खासम खास बणौदा; राजा वीर भद्र सिंह तैं हिमाचल प्रदेश की गद्दी दींदा , भूतपूर्व महाराजा   अमरेन्द्र सिंह तैं पंजाब का मुख्यमंत्री बणौन्दा अर फिर बोल्दा कि लोक सभा अर विधान सभा मा आम मनिखुं भागीदारी हूण चयेंद ? 
 वाह हे कौंग्रेस का पेशरौ (पथप्रदर्शक ) राहुल गांधी ! जब तुम हेमवती नन्दन बहुगुणा का नन्दन विजय बहुगुणा तैं टिहरी से लोक सभा सदस्य बणौन्दा अर फिर उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बणौन्दा। फिर हेमवती नन्दन बहुगुणा का नन्दन का नन्दन साकेत बहुगुणा तैं ही टिहरी लोक सभा का टिकेट दींदा तो क्या जनता तैं नि लगद कि कौंग्रेस मा आम जनता की क्वी औकात ही नी च।  जब कौंग्रेस भूतपूर्व लोक सभा सदस्य स्वर्गीय दाजीसाहेब चौहाण का सुपुत्र पृथवी राज चौहाण तैं पैल लोक सभा सदस्य बणये जांद अर फिर मुख्य मंत्री ; जब राजेश पायलेट का सुपुत्र तैं केन्द्रीय मंत्री बणये जांद ;  जब भूतपूर्व लोक सभा सदस्य  उमा शंकर दीक्षित की पुत्रवधू  शीला दीक्षित तै मुख्य मंत्री बणये जावो अर उमा शंकर दीक्षित का  नाती संदीप दीक्षित तै लोक सभा का टिकेट दिए जावो ; लोक सभा सदस्य मुरली देवड़ा तैं राज्य सभा का सदस्य बणये जावो अर ऊंक नौनु मिलिंद देवड़ा तैं लोक सभा सदस्य बणये जावो तो कौंग्रेस की नीयत अर नियति का बाराम पता लग जांद कि राजनीति मा पांच हजार लोगुं मैगा रैली /महासभा मा बुलणो  बात कुछ हौर हूंदन अर असलियत मा बात -बथा कुछ हौरि हूँदन ! 



Copyright@ Bhishma Kukreti  18/10/2013 



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