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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, August 15, 2013

मि तैं त पूरी आस च, ऐतवार च !

 आस करदारो : भीष्म कुकरेती 
                        
अचकाल भौत सालुं से कै भारतियौ कुण ब्वालो बल "गुड इंडिपेंडेन्स डे " तो वै भारतीयू जबाब हूंद बल "व्हट इज दियर तो बि  गुड ". 

बुलणो  मतबल या च बल अजकाल भारतीयों कु  निरासण्या  चश्मा से ऊं तैं निरासा को अगास इ  दिखेंद I 
इनि उत्तरखंड्युं हाल छन जौन निरासा ब्रैंड को गौग्ल्स  पैर्यां छन अर हर जगाम निरासा को बद्दळ दिख्यांद। 
बिचारा उत्तराखंडी ! जब घौर बिटेन नौकरी की आस  मा भैर आंदो तो दगड़म निरस्यांद बि च बल यीं धरती से अब म्यरो नाता सद्यानो टूटी गे. 
पण मि आशावान छौं बल ये पन्दरा अगस्त का बाद कौंग्रेस अर भाजापा आयातित मुख्यमंत्री उत्तराखंड तैं नि द्याला । 
अजकाल पहाड़ी जु नौकरी खोज मा भैर जांदो ओ भैर जोग ह्वे जान्ड़ो। मि तैं आस च कि जल्दी ही दिन बदल्याल अर हरेक प्रवासी रिटायरमेंटो उपरान्त गाँ मा बसण चालो किलैकि जवा सुविधा वै तै शहरो मा दिख्यांदी वो गाँ मा बि मिलण जालि। 
उत्तराखंडी चिंतित छन क्या निरास छन बल उत्तराखंड का पहाड़ों मा कृषि उद्यम मा आमूल -चूल बदलौ नी होणु च।स्वतन्त्रता दिवसौ दिन मि आसा करदो कि उत्तराखंडौ पाख -पख्यड़ो खेती मा आमूल -चूल रदोबद्दल होलु कि प्रवास्युं बि तक अपण खेती से कमायां रुप्यों पर राली। मि तै सोळ आनो भरवस च बल निकट भविष्य मा पहाड़ी क्षेत्रुं माँ कृषि क्रान्ति होलि अर बरकती  खुशहाली बर्खली । 
चकबंदी पर बि मि तैं विश्वास  च बल एक दिन हम चकबंदी की जरूरत समझी जौंला ।
मि आश्वस्त  छौं बल शीघ्र ही उत्तराखंड मा फारेस्ट रिफौर्म होलु जांसे उत्तराखंड वासी अर प्रवासी जंगळु रक्षा बि कारल अर दगड़म  जंगळु से आर्थिक अर पर्यावरण्या लाभ भि ल्याला ।
मि तैं बरोबर भरवस च बल भूमिहीनों तैं भूमि मीलल अर क्वी बि उत्तराखंड मा बगैर अपण मकान को नि रालो ।
मी आशावान छौं बल गावों मा मूल भूत  सुविधा जन कि पाणि , पाखाना अदि की सबि सुविधा शीघ्र ही उपलब्ध ह्वे जाली ।
म्यरो पक्को विश्वास च बल गाँव गाँव मा शिक्षा मा इन क्रान्ति आलि कि उत्तम  शिक्षा बान बच्चों तैं शहर आणै जरोरात कतै नि रालि किलैकि सबि जगा इकसनी शिक्षा की आस छैं च।
लोग ग्रामीण चिकित्सा का मामला मा नाउम्मीद हुयां छन जब कि मि तैं पूरी उम्मीद च बल भौत जल्दी सरकार ,  डाक्टर अर समाज मीलिक ग्रामीण चिकित्सा मा जरुरता मुताबिक़ बदलाव लाला अर ग्रामीण चिकित्सा सुल्भ्य्ता मा अर शहरी चिकत्सा सुविधौं मा रती भरो फरक -भेद नि रालो ।
जख लोग औरतों पर अत्याचार -भेदभाव का मामला मा  नाउम्मीदी की कुर्सी मा बैठि रूणा छन किन्तु  मि आसरा मा छौं कि हमर इख शीघ्र ही औरत तैं पूरो हक - अधिकार -सम्मान मीलल ।
 आम लोग डरणा छन कि उत्तराखंड मा बि पुलिस केवल शाशन को स्वार्थपूरक   सिद्ध होणि च जब कि मि तैं पूरा यकीन च बल हमारी पुलिस समाज सुधारक ही सिद्ध होलि ना कि अपराध हूणों बाद की डंडा बाज पुलिस ।
सबि परेशान छन बल स्वतन्त्रता का छसठ साल बाद बि  भेद भाव ख़तम नि कौर सकवां पण मि तैं ऐतवार च बल कि समाज मा वर्ग -भेद -भाव खतम जल्दी ही होलु ।
आज आपदा बाद सबि घबरायां छन कि पर्यटन को क्या होलु मि विश्वस्त छौं कि उत्तराखंड पर्यटन मा भरी वृद्धि होलि अर पर्यावरण -पर्यटन उद्यम मा एक सामजस्य होलु ।
मी तैं पूरो यकीन च बल अब हमारा प्रशासन अर राजनीतिज्ञोंन आपदा प्रबन्धन की अहमियत समझी याल होलि अर आण वळ दिनों मा उत्तराखंड आपदा प्रबन्धन की प्रशंसा अवश्य होली । 
मेरो पुरो विश्वास च कि उत्तराखंड मा वैज्ञानिक अनुसन्धान अर वूं वैज्ञानिक अनुसन्धानो तैं व्यवहारिक बणाणम क्रान्ति आलि अर एक नई तरां की औद्योगिक क्रान्ति आलि ।
म्यरो विश्वास च बल हमर प्रदेस  प्रोडक्टिविटी /उत्पादनशीलता तैं सबसे जादा अहमियत द्यालो।
एक सही सुपिन छौ कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेस बौणो मी तैं पक्को उम्मीद च, यकीन च बल  हमारो उत्तराखंड शीघ्र ही ऊर्जा प्रदेस बौणल ।
मी तैं आस च , विश्वास च , यकीन च , ऐतवार च , भरवस च बल आप बि स्वतन्त्रता दिवस प़र आशावान होल्या, हमेशा ही आस की जोत जळैऴया अर सदा ही आपक इख आशा  का द्यू -बती जगीं राली ! 
 

Copyright@ Bhishma Kukreti 15/8/2013

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