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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, August 26, 2013

मुंबई अर गौं मा फरक -भेद

 चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती  

                   एक संजैत पूजा बान गौं जाण पोड़ । सुंदर दान  बोलि छौ बल कोटद्वार ऐक वीं बौ कुण फोन करि द्युं कि द्वी चार चीजुं जरुरत रै ग्यायि त  बौ (गौं वळि) बता देलि अर मि कोटद्वार बिटेन लै औल ।

मीन कोट्द्वार बिटेन बौ कुण फोन कार - पछ्याण कौन ? 

बौ -जु अदा गढ़वाळि  अर अदा हिंदी मा ब्वालल तो वु भैरौअ मनिख   होलु । अब हम गां मा केवल शुद्ध हिंदी मा बचऴयोंदा !   अच्छा जरा सि इशारा दि त मि बतै द्योल बल क्वा च ?
मि -पोर भेळा  कि  कू छे घस्यारी माळु ना काटि तू  माळु ना काटि।
बौ -ह्याँ ! अब दाथी इ हर्ची गैन त ये जमनम  माळुक्या तिमल बि नि कटेंदन । 
मि -चल भुन्दरा बजार जयोला , मिठि भीलि खयोला हो ! 
बौ -हैं !  गीत त म्यार बूड ससुर जीक बगतौ च । अब भुन्दरा तैं भिल्ली नि खालांदन अब त कैडबरी चौकलेट खलाये जांद । जु बि छे त्वै तैं अब गांवक ज्ञान कतै नी च । चौकलेटौ जमनम भिल्ली - अन्दरखी की छ्वीं लगाणु छे !
मि -हिट कौंसिला म्येरी गाडी में घुमि आलि गरुड़ ला 
बौ -अब त पक्कु ह्वे ग्यायि कि रिश्ता मा तु मै  से छ्वटु जरुर छे पण छे तू म्यार बूड ससुरो बगतौ ! अजकाल हमर गाँ मा गीत हूँदन बल चलती है क्या खंडाला ! 
मि -भिषम बुलणु छौं !
बौ -ये मेरि ब्वे ! ये द्यूर जी ! मीन त सूणि छौ बल तू यूरोप -थाइलैंड  घूमिक ऐ गै बल ? 
मि -हाँ ! तो ?
बौ -ह्यां ! इथगा जगौं यात्रा करणो बाद बि यि बूड ससुर जीक टैमौ गीत गाणि छे ? 
मि -हैं ?
बौ -अछा फंड फूक तौं गीतुं तैं । इन बतादि कि तू सबि चीज लयेलि ना ?
मि -हाँ बोल ! 
बौ -पैल इन बथा बल तू सुबेर चार बजि इ  बिजदि कि घाम आणो परांत ?
मि -कनो ! अबि बि मि सुबेर चारि बजि बिजदु अर बिजदि चा चएंदि ।
बौ -हाँ ! तो तू अफुकुण मिल्क पौडर लए ।
मि-मिल्क पौडर ?
बौ -हाँ ! वू क्या च नजीबाबाद की  दूधौ जीप नौ बजि पौंछदि त चाय बान त्वै तैं मिल्क पौडर से इ काम चलाण पोड़ल। 
मि-मतबल अब गौड़ी भैंसी पळण  सब बंद ?
बौ -हाँ । ये गै -भैस से याद आयि बल तू एक कीलो गायक मोळ बि लये । पूजा मा जरुरत पोड़लि ! 
मि-गायक मोळ ?
बौ -इथगा जोर से किलै चिल्लाणु छै ? अरे जब गाँ मा गौड़ नी छन त पूजा बान गायक मोळ कोटद्वार से नि मंगाण त दिल्ली से मंगाण ? 
मि-गायक मोळ ?
बौ -हाँ ! इख बजारम बि मिल्दु पण यी बणिया  गाइ मोळ मा भैंसौ मोळ बि मिलै दींदन। 
मि-ठीक च और ?
बौ -और इन कौर एक ना अदा पूळ कुणजु लए ! 
मि-अदा पूळ कुणजु?
बौ -हाँ हाँ ! जखम पैल कुणजु हूंद छौ वीं जगा पर त लैंटीना अर कौंग्रेस घासन कब्जा जमै याल तो सरा क्षेत्र मा कुणजु दिखणौ बि नि मिल्द ।
मि-ठीक च । हौर ?
बौ -अरे हाँ ! दुबल जरुर लए हाँ । वू क्या च इख दुबल मा गूणी -बांदर -सुंगर हौगि दींदन त साफ़ दुबल नि मिल्दु । इलै सबि ऋषिकेश -कुटद्वर बिटेन दुबल मंगादन। 
मि-हौर !
बौ -जौ , तिल , सबि अनाज दुकानदार तैं पुछिक लयै । दुकानदार तैं बुलण गढ़वाळम पूजा सामन द्यावो तो वो जौ , सटी , दाळ वगैरा अफिक धौर द्यालो   
मि-ठीक हौर ?
बौ -अछा सूण ! पूजाक  पिठै बान पन्दरा   किलो प्याज बि लये !
मि-पूजा मा प्याज ?
बौ -हाँ अजकाल पंडित , जागरी अर औजी पूजा मा तबि आंदन जब पंच पंच कीलो प्याज की पिठै आश्वासन दिए जांद ।
मि-हौर ?
बौ -हाँ ! वो गेंदा का बीस पचीस फूल लये ।
मि-पण गाँ मा संतराजौ फूल त भौत हूँदन ।
बौ -द्यूर जी ! अब हम इकीसवीं सदी मा छंवाँ । गंवड्या संतराज अब पूजा मा धरण गरीबी की निसाणी माने जांद ।
मि- ओ ! हौर कुछ ?
बौ -हाँ , वो तीनेक सौ चौकलेट बार जरुर लाण हाँ !
मि-तीन सौ चौकलेट बार ?
बौ -ये त्वै  पर चिल्लाणै बीमारी च क्या ? 
मि-पण तीन सौ चौकलेट बार ?
बौ -हाँ त पूजा बाद गाँ मा मिठै नि बंटण ? 
मि-हाँ पण गुड़ या लड्डू ?
बौ -नै अब गुड़ या लड्डू जमन नि रै ग्यायि अब गुड़ या लड्डू जगा चौकलेट बार बंटे जांदन ।
मि-एक बात बथावदि कि अब मुंबई अर गाँ मा क्या फरक रै ग्ये ?
बौ -भौत बड़ो फरक च ।
मि-क्या ?
बौ - मुंबई मा नौकरी -चाकरी मील जांद पण गाँ मा नौकरी नि मिलदी ! 



Copyright@ Bhishma Kukreti 27/8/2013 



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