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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, August 11, 2013

घटथापना मन्त्र भाग -4

 सन्दर्भ : डा. विष्णु दत्त कुकरेती की  पुस्तक नाथ पन्थ : गढवाल के परिपेक्ष  में

               इंटरनेट  प्रस्तुति : भीष्म कुकरेती


२२- पती घट :अकासे घट :पाताले घट अत्र उपाम घट :जो जाणंती घट की सुधी घटथापन्ती : श्री नीर नीरंजन गुरु गोर षनात वुधी थाप्या घट :पंथ औ दस्या मछीन्द्र का वचन : दुतरया नीर धुंद दीजै बाबा वारुणी भैरों :मद गोपाला नाचै भैरों :
मद गोपाला नाचै भैरों : घट घट वाला नाचैं भैरों : घर घर वाला प्रथमें अनादिनाथ भैरों : जनु ने सोरग मंच पाताल उपाया :दुतीये महादेव नाथ भैरों :जनु ने नौ नात चौरासी सीधो कू सेवा लगाया :
२३-त्रीतेये मछीद्रनात भैरों जनु ने मच्छरूप औतार लनो : चतु ते चौरंगीनात भैरों : जनु ने काचा करचुड़ा बोलाया पंचमे ब्रह्मनाथ भैरों : जनु ने चार वेद  चौद सास्त्र त्र्यट प्रवाण नौऊ अव्यागत गीता गायत्री मुझ पाठ पढ़ लीना :षष्टमें गोरषनात भैरों जनु ने हीन्दु तुरकी दोई लड़ाया :सवतमे विष्नुनात भैरों : जनु ने हात काट गलीये दैत्र दोनों संघारी लीनां : अष्टमे बासुगीनाथ भैरों जनु ने सम्पती पातात जाई कुरम रचाया : नौउमे नौ नात भैरों ऊंकार आदिनात :उदयानात पार I

२४-वती सतनाथ ब्रह्मा संतोगीनाथ वेश्नु :गजनात खतड़ी अचल चलानात ज्ञान पाषीर जलरूपी मछीन्द्रनात :घाट घटे श्री गोरषनात :वाप वीर भैरों :प्रचंड कालमारी करौ :षंड वैषंड I पीले पहरा वैश्नु नाथ भैरों : पादुकाएनमोन्मसतुते :दूजा पहर सवाहर देवी :चन्द्र नात भैरों :पादुकायेनमोन्मस्तुते :चौथा पहर घंगोल  देवी   :घगर नात भैरों :
पादुकायेनमोन्मस्तुते :पांचवा पहर : कालिंका देवी :कंकालना I
२५- त भैरों 
पादुकायेनमोन्मस्तुते : छटा पहरा छटीगीर देवी : रुद्रनात भैरों पादुकाये नमोन्मस्तुते : सातवाँ पहरा की सतेसुरी देवी सतनात भैरों पादुकायेनमोन्मस्तुते: आठवा पहरा की भुजावली देवी षप्रनात भैरोंपादुकायेनमोन्मस्तुते : ऊँ जनम गत सुर कला रौ : रीध भैरों रीधी ल्यावो सीध भैरों :सीध ल्यावो :अंडड भैरों डंडी ल्यावो : अमुही भैरों अमोही ल्यावो : समरथ भैरों ससाणी गज मसाण तु  जाई ले डीगर भैरों मारो धाप कालिंका को पूत भैरों :पूजौ भैरों :तीन तीलोग नाथ बड़ी बड़ी I
२६- जटा  लमा केश आयो बाबा वीगट का मैच :गोगलिया भैरों :चंड भैरों प्रचंड भैरों : काल भैरों :कंकाल भैरों : विकराल भैरों :भटुग नाथ भैरों : सूरज नात भैरों :रुद्रनाथ भैरों : तीर होर नात भैरों : तीर घोर नात भैरों :तीर षप्रनाथ भैरों : तीर भवन नाथ भैरों : हमारे पिंडा प्राण रख बावरी के बेल वाल कासी के कोटवाल घड़ी घड़ी के वीघ्न टाल तू देइ त मैं षाऊँ :प्रथमे पूजा येकाइ की भई :दूजी पूजा दोई औतार की भई :तीजी पूजा त्रिभुवन की भई :चौथी पूजा चौदीसा की भई : पाँचों पूजा पांडपू का भई :छटी पूजा नारयेण की भई :साते पूजा सात वार का भई :आटों पूजा अष्ट भैरों की भई I 
 

                      .........  बाकी आगे है
 
 
मूल पाण्डुलिपि : पंडित मणि राम गोदाल कोठी वाले से प्राप्त

( पांडुलिपि 24 सेमी ० लम्बी और 23 . 5 सेमी ० चौड़ी है जो कि बाघ की खाल की जिल्द पर सुरक्षित है . कुल 88 पृष्ठ I कूर्माष्टक -  प्रथम 34 पृष्ठ I 35 से 70 पृष्ठों में घटथापना  मन्त्र हैं, अन्य  फुटकर मन्त्र व कलुवा की रखवाळी हैं I  75 वें पृष्ठ में लिखा है -
(यह पुस्तक लिखतंग पंडित टीकाराम गोदाल पाटली ग्रामे संवत १९९१ (१९३४ ई ) के बैशाख २३ गते शनिवारी -यह पुस्तक पंडित मणिराम गोदाल कोठीवाले की है . यह पुस्तक कुर्माष्ट्क , घटथापना सम्पूर्ण न्म शुम्भु )

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