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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, June 19, 2013

आपदा बिभाग मा आपदा

गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
 सौज सौज मा मजाक मसखरी  
  हौंस,चबोड़,चखन्यौ     
  सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं   

                                  आपदा बिभाग मा आपदा 

                         चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती (s = आधी अ, आधी अ//s= क, का , की,, कु के ,को आदि)

मि -आपदा बिभाग का फौंददार (सर्वोच्च अधिकारी ) जी! समनैन!
आपदा बिभागौ  फौंददार- समनैन जी समनैन! जु बि बुलणाइ चौड़ ब्वालो मीन आज बीस टीवी चैनलों मा रेन डिजास्टर पर बहसों मा हिस्सा लीणों जाण।   
मि -आप तो भूतपूर्व आइऎस अधिकारी छन ना जो पैल सरकारी दल तैं फैदा पौंछाणा ऐवज मा  पोस्ट रिटायरमेंट स्कीम का तहत रिटायरमेंट का बाद भी चार पांच जगा बड़ा बड़ा पदों पर रैन?
आपदा बिभागौ फौंददार-हाँ तो न्यायिक प्रक्रिया हिसबन सब सही च।
मि -
आपक उमर क्या होलि फौंददार जी?
आपदा बिभागौ फौंददार- होलि क्वी अस्सी का करीब।
मि -
एक बात बथावदि तुम इथगा जोरन किलै सुसकरी भरणा छंवाँ?
आपदा बिभागौ  फौंददार- अरे तुम तैं क्या पता! चार दिन तलक पैल तलक हम उत्तराखंड का जंगळु मा आग बणाक से युद्धस्तर पर लड़णा छया अर सि आज बिजोग पडि गे सरा उत्तराखंड मा बज्जर पड़ण से,बद्दळ फटण से, बरखा आण से, भळक आण से हमर आपदा विभाग आपदा मा ऐ ग्यायि।    
मि -
पण आपन अग्रिम सूचना त दीण छे कि भैरों! जोर की बरखा आण वाळ च।
आपदा बिभागौ फौंददार- बरखा सूचना दीणो काम  हव्वामान विभागौ अर सूचना विभागौ काम च।
मि -
त ह्व्वामान विभाग अर सूचना विभागन रैबार त भेजि होलु कि जोर की बरखा होलि!
आपदा बिभागौ फौंददार- हां अनाधिकारिक तौर पर हवामान  विभाग अर सूचना विभाग से सूचना ऐ छे कि जोर की बरखा होलि।
मि -
अनाधिकारिक तौर पर सूचना?
आपदा बिभागौ फौंददार- हां! हवामान विभाग अर सूचना विभाग से हिंदी, उर्दू  अर अंग्रेजी मा मई मैना मा एक सूचना ऐ छे कि उत्तराखंड मा जून मध्य मा भंयकर बरखा ह्वे सकद च।
मि -
तो याने सूचना ऐ छे कि जोरौ बरखा होलि। 
आपदा बिभागौ फौंददार-नही या सूचना अधिकारिक सूचना नि माने जै सक्यांद।
मि -
यी क्या बुलणा छंवां कि अधिकारिक सूचना नी च? 
आपदा बिभागौ फौंददार-किलै कि उत्तराखंड मा संस्कृत  बि राजकीय भाषा च अर नियमुं हिसाबन यदि संस्कृत मा सूचना नि आओ तो हमारो हिसाबन वा सूचना , अधिसूचना आधिकारिक सूचना -अधिसूचना नि माने जै सक्यांद।
मि -
ह्यां पण बरखा से इथगा जान माल को नुकसान ह्वे गे अर इनि नुकसान त अब हर साल हि होणु च। फिर आपदा प्रबंधन मा इथगा ढिलै किलै? 
आपदा बिभागौ फौंददार- नै नै ! हम ढीला नि छंवाँ। मीन पुरण फ़ाइल टटोळिन त पायि कि हमर विभगागन तब जु  दुसर विभागौ तौळ छौ सन तिरपन , सन तिरसठ , सन तिरासी, सन तिराँणबे, सन तीन मा सूचना दे आलि छे कि केदारनाथ मा दूकान , होटल नि बणाओ, नि बणाओ . पण कैन बि हमर बात नि सूणि अर ना हि अब सुणणा छन। अर अब जब उजड़-बिजड़ ह्वे गे तों ....      
मि -
औ त तुमन अपण विभाग तैं बचाणो पूरी  व्यवस्था कौरि आल।
आपदा बिभागौ फौंददार- जी हाँ
मि -
पण क्वी त जुमेबारी ल्याल कि ना ? कि हर साल यो डिजास्टर होणु च तो यांक जुमेवार क्वा च? 
आपदा बिभागौ फौंददार- चूंकि आपदा प्रबंधन एक संजैत काम च तो सामूहिक जुम्मेवारी च अर  सामूहिक जुम्मेबारी ह्वावो उख क्वी बि जुम्मेबार नि होंद।  
मि -जै हो आपदा विभाग की!


Copyright @ Bhishma Kukreti  20/06/2013     

(यह लेख सर्वथा काल्पनिक है )

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