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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, May 27, 2013

बीसीसीआइ एक प्रेरणादायी शिक्षा संस्थान

गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
 सौज सौज मा मजाक मसखरी 
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ     
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं   

                              बीसीसीआइ एक प्रेरणादायी  शिक्षा संस्थान 

                       चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती (s = आधी  )

  अजकाल मीडिया बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल  ऑफ इंडिया ( बीसीसीआई)  पैथर इन पड्यूँ च जन बुल्याँ भूखमरी टैम पर कुत्ता कै पुरण खलुड़ो खाल खिंचणु ह्वावु। अर बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की कुरशी पैथर बि लथा लेक पड्याँ छन।
पण म्यार मनण च बल बीसीसीआई भारतीयों बान एक प्रेरणादायक एज्युकेसन सेंटर च। सब्युं तैं बीसीसीआई से कुछ ना कुछ सिखण चयेंद।
एकाधिकार वाद - बीसीसीआई एकाधिकारवाद , एकछत्रवाद, अधिनायकवाद को असली धड्यो च। प्रतियोग्युं याने कंपीटीटरूं भातियाबंद कराण, प्रतियोगी की दुकान बंद कराण सिखण ह्वावो तो बीसीसीआई का वो कुकर्म याद कारो जब बीसीसीआईन जी टीवी प्रायोजित इन्डियन क्रिकेट लीग बंद करायी। कै हिसाब से बीसीसीआईन कं वर्तमान क्रिकेटरों जू आईसीएल माँ  गेन ऊं पर बैन लगाइ अर क्रिकेट लीजेंड कपिल देव अर मदन लाल सरीखा पुरण खिलाड्यु तैं बीसीसीआई समणि  नाक रगड्णो मजबूर कार।
क्रिकेट ना शतरंज की चाल सिखाण वाळ संस्था - राजनैतिक शतरंजी चाल, पैत्राबाजी , चालबाजी , शत्रुसंघार   को व्यवहारिक ज्ञान सिखण ह्वावो तो बीसीसीआई का कर्मो से ही सिखण चयेंद। चालबाजी सिखाण  मा बीसीसीआई एक कामयाब शिक्षा संस्थान च।
खांद दें एक - अबि द्याख नी च तुमन!  जब बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को जंवै अर चेन्नई  किंग को मालिक गुरुनाथ मयप्पन बेटिंग, जुवा, स्पॉट फिक्सिंग मा पुलिस कस्टडी मा बंद ह्वे तो  सत्य का महान पुजारी अरुण जेटली कन  चुप हुयां छन अर उना केन्द्रीय मंत्री पवन बंसल को भांणजा तैं जेल ह्वै तो यही अरुण जेटली प्रधन मंत्री से  इस्तीफा मांगणा छयो  अर राज्य सभा की कार्यवाही नी चलण दीणों छौ। अर आईपीऐल को अध्यक्ष राजीव शुक्ल पर तो मनमोहनी मौन ब्रत  को रोग लग गे। सबि अंगुळी खांद दै एक ह्वे जान्दन को व्यवहारिक  प्रशिक्षण लीण ह्वावो तो बीसीसीआई की बड़ी बड़ी तोप  जन कि शरद पंवार , नरेंद्र मोदी , अनुराग ठाकुर, ज्योतिराय सिंधिया , सी पी ठाकुर, फारुख अब्दुला की चुप्पी से सिखण चयेंद।
क्रिकेट तैं अपणी जागीर - कै बि संस्था तैं कन अपण जागीर समझण चयांद को शिक्षण -प्रशिक्षण का वास्ता बीसीसीआई का अधिकार्युं कु-कारनामों से बढिया उदाहरण तुम तैं कखि नि मीलल।
खुलेआम झूट बुलण अर बुलाणो एकमेव संस्थान - इथगा सालों से गुरुनाथ मयप्पन ही चेन्नई सुपर किंग को मालिक की हैसियत से काम करणु छौ पण जनि गुरुनाथ मयप्पन क्रिकेट बेटिंग सट्टा मा पकड्याइ बीसीसीआई को अद्यक्ष एन श्रीनिवासन बेशर्मी,बेहहयाई से झूट बोल्दो कि गुरुनाथ मयप्प्न त चेन्नई सुपर किंग को चपड़ासि बि नि छौ। बेशरम , बेहहयाई, बिलंच, बदजात, बोल्डली,बेपरवाही , बेभाव, बेतमीजी , बेधडक से झूट बुलण सिखण ह्वावो तो बीसीसीआई का वर्तमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से सीखो।
चाटुकारिता आर चमचागिरी - चाटुकारिता आर चमचागिरी सिखण ह्वावो तो ब्याळौ   खिलाड़ी अर आजौ कमेन्टटेटर  रवि शास्त्री से सीखो कि  चाहे ललित मोदी राजा ह्वावो या श्रीनिवासन चीफ ह्वावो चमचागिरी से कुर्सी हथियावो।
गुलाम बल्द - क्रिकेटरों अर खिलाड़ियों तैं कन कुठर्युं बल्द, नकेल लग्युं बल्द जन गुलाम बणाये जांद यु सिखण ह्वावो तो बीसीसीआई का इतिहास टटोळो.
जरा  इन्फोर्समेंट अर फोरें मनी रेगुलेटरी विभाग का ढकयिं ,  लुकाइं  फाइलों मा आईपीएल का फ़्रैञ्चाइजूं क इन्वेस्टमेंट का ब्यौरा त द्याखो त सै फिर तुम बी सीखि जैल्या कि कन हिसाब किताब मा आळी -जाळी  करे जयांदी।
उन त बीसीसीआईम  हौर बि सिखणो  बहुत कुछ च पण आजौ कुण इथगा ही ....
           
 

Copyright @ Bhishma Kukreti  28/05/2013            
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

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