उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, February 5, 2013

पौड़ी कमिश्नरिम काम कराणो तरीका /नुक्शा

गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                        पौड़ी कमिश्नरिम काम कराणो तरीका /नुक्शा
                                     चबोड्या: भीष्म कुकरेती
(s=-माने आधी अ )

प्रिय भतिजो !
भलो च जु तु पौड़ी जाणो छे। अब चूँकि त्वेम समौ नी च त तू दिल्ली बिटेन सीधो पौड़ी जाणि छे अर उख गढ़वाल कमिश्नरीम जैक दाखिल खारिजो काम पूरा करी देली। भगवान त्वे तै गढ़वाल कमिश्नरी कार्यलय का ट्याड़ा -बांगा रस्तों पर चलणो हिकमत अर चकडैति, चतुर बुद्धि द्याओ या ही मेरि पैलि कामना च!

अब जब तु पौड़ी पौंछलि अर पौड़ी कमिश्नरी पता पूछलि त सूण जु बि मनिख तेरि बात से हंसण बिस्यालो बींगी ले, समजि ले कि वो हि पौड़ी रौण वाळ च अर जु तेरि बात सूणिक नी हौंसल त वैका मुख नि लगि वो पौड़ीक ह्वेइ नि सकुद।पौड़ी वाळ त्वे पर या कमिश्नरीs पता पुछण वाळ पर किलै हंसदन ? यांको उत्तर जब तू गढ़वाल कमिश्नरी क दफ्तर जैलि त त्वे तै पता चौल जाला कि पौड़ी का वासिन्दा किलै गढ़वाल कमिश्नरी आण वळ पर खित खित कौरिक हंसदन।

अब जब तु कमिश्नरी दफ्तर जैलि त दरबान या चतुर्थ श्रेणी को एक मिलाजिम उख मीलल पण वै तै कुछ बि पुछ्लि त वो त्वै तैं भितर जाणों इशारा कारल किलैकि वैक मुख पर पानौ बुज्या किट्यूं रालो। फिर भितर एक हैंको चतुर्थ श्रेणीक कर्मचारी से तेरि मुखाभेंट-मुखसौड़ होलु। तु वै तै कमिश्नरीम काम को बाबत पुछ्लि तो वो त्वै तै सलाह द्यालो कि भैर दफ्तरों तौळ एक एजेंट बैठ्यु च वै से काम कराइ द्यावो पण वेबरि त्वै पर अन्ना हजारे को भ्र्श्थीं भारत को दिवता आयुं रालो त तु वैकि सलाह नि मानलि अर वै से कणसों अधिकारी का बाराम पुछलि त वो एक कैबिनs तरफ इशारा कारल।
तु कणसो अधिकारी कैबिनम जैलि अर वा कुठडि त्वै तै खालि मीललि।

यांमा तु चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से पुछलि," भैजि! यि ऑफिसर कख होला?"
त वो जबाब द्यालो," साब देहरादून छन।"
तेरो सवाल होलो," किलै?"

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs जबाब द्यालो," वू क्या च साब इख पनिशमेंट का तौर पर भिजे गे छा। वूं पर छै सात करोड़ का घोटाला अभियोग लग्युं च त पनिशमेंट का तौर पर गढवाल कमिश्नरी भीजे गेन . अर वो पनिशमेंटो साब हफ्ता मांगन आठ दिन देहरादून पड्या सेक्रेट्रियेटम अपण ट्रांसफर देहरादून कराणों जुगतमा देहरादून ही डट्यां रौंदन।"
फिर तू दुसर ठुलो साब याने सीनियर साब तै मिलणै इच्छा जाहिर करलि अर कनिष्ठ कर्मचारी त्वै तै एक कैबिन को तरफ इशारा कारल अर उख जैक त्वै तै पता चौलल बल वा कैबिन बी अधिकारी विहीन च।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs तेरी जिज्ञासा शांत कौरल,' यि साब प्रोबेसन पर इख गढ़वाल कमिश्नरीम भिजे गे छा। वूं तै पौड़ी आबहवा पसंद नि छे त वों भि देहरादून पड्यां छन अर अपण ट्रांसफर मैदानी इलाकाम करणों जुगत माँ रोज सेक्रेट्रियेटम चक्कर लगाणा होला।"

अब तू वै प्रोबेसनरी अधिकारी से ठुल्लो अधिकारी से मिलणों राड़ घाळलि त चपड़सि जी त्वै तै एक हैंकि कैबिन तर्फां इशारा कारल अर वा कैबिन बि त्वै तै खालि मीललि।
फिर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs तेरा ज्ञान चक्षु ख्वालल," बल वो साब प्रमोसन पर इख पठाये गे छा अर वो बि इख कबि नि ऐन या कैबिन वूकी जगवाळम धिवड़ो (दीमक) जोग होइ गे"
फिर तू प्रमोसनरी अधिकारी से सीनियर अधिकारी से मिलणो इच्छा जाहिर करिलो अर वूं अधिकारीs कैबिन बि त्वै तै खालि मीललि।

यां पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीs शंका समाधान कारल," यि अधिकारी परमानेंट अधिकारी छन अर परमानेंट अधिकारी उखि मिल्दो जख बड़ो साब होंदु।"
तू पूछ्लि," त कमिश्नर साब से इ मिलै द्यायो।"
त चपड़सि जी खुलासा कारल,' इख जू बि कमिश्नर आंदो वो चार्ज लीणों आँद अर फिर वो कबि बि पौड़ी तरफां नि दिखदो।"
फिर तू पूछलि," त लिपिक वर्ग से ही काम कराए जावो।"
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जबाब द्यालो," अरे भै ! जब ग्वैर ही गोर मांगन गायब रालो त बखर बि त जगा मा नि मिल्दन कि ना ?"

अब तू समजी जैलि बल किलै पौड़ी वळ वै पर हंसदन जो पौड़ीम गढ़वाल कमिश्नरी पता पुछ्दन।
अब त्वै पर अन्ना हजारे भुत पिचास मिटी जालो अर फिर तू अंतत: दलाल को पास जैलि अर वो त्वै मांगन फीस ल्यालो अर वो देहरादून को दुसर एजेंटो पता दयालो।
फिर तू देहरादून ऐलि अर जो काम पौड़ीम गढ़वाल कमिश्नरीम करण छौ वो देहरादूनम दलाल का मारफत कर्वेलु।
शुभेच्छु
त्यार काका

Copyright@ Bhishma Kukreti 6/02/2013
(संवैधानिक चेतावनी -यह लेख कल्पना के आधार पर लिखा गया है। यदि यह बात सही पायी गयी तो लेखक उसका जुमेवार नही है कि क्यों कर लेखक ने कल्पना में सही बात लिख दिया?)

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments