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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, November 7, 2012

अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा नीत्युं भारत पर फरक

Critical review of Garhwali satirical prose- 87

गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

                  अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा नीत्युं भारत पर फरक

                                   चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 

परसि बिटेन जख जाओ तख भारत माँ चर्च्याण इ चर्च्याण (चर्चा ) फैलीं च बल नयो अमेरिकी राष्ट्रपति नीत्युं से भारत पर क्या असर ह्वाल ? पथरों तौळा कीड़ा बि चर्च्याण्या (चर्चा कर रहे हैं ) छन बल क्या अमेरिका बिटेन भारत माँ कीड़ मारणों नयी नयी दवा आलि या ह्वे सकद च बल अमेरिका बिटेन कुछ इन नया कीड़ आल कि वू भारत मा भारत का स्थानीय कीड़ो से जादा नुकसान द्याला . जन कि पी ऍल कोटा मा अमेरिकी ग्युं दगड़ कौंग्रेस घास (महाराष्ट्र मा यी नुकसान दीन्देर कुणजो जन घासौ नाम कौंग्रेस घास च) बि आयी अर आज किसानो खेति अर बौणो डाळ निपटाण मा सबसे अग्वाड़ी च।

 

किसान डर्यां छन बल अपण सरकारी नुकसान (फिस्कल डेफिसिट ) भरपाई करणों बान राष्ट्रपति ओबामा भारत सरकार पर भंयंकर दबाब डाळल अर भारत सरकार विदेसी निवेश (ऍफ़ डी आइ ) का नाम पर अमेरिक्युं तै भारत का किसानो पुंगड़ पटळ खरीदणो इजाजत देद्याली अर फिर कुछि दिनों मा भारत की कृषि पर अमेरिकी अंकल सैम कु कब्जा ह्वे जालो

किंग फिशरौ मलया त पुऴयाणु च कि विदेसी निवेश (ऍफ़ डी आइ ) का नाम पर ओबामा जी भारत क अगास पर अमेरिकी कब्जा कौरी दयाल।

 

कोयला की कोठड़ी मा जौं जौं तै अपण मुख काळु करणों ऐवज मा कोयला ब्लॉक मीलि छौ ,वो क्वीला क बेशरम , बेहया दलाल त खुस छन बल वै ब्लॉक तै अमेरिकी कंपन्यु तै हजारो गुणा दाम मा बेचिक ओबामा जीक अमेरिकी ब्यापार मा गिरावट की परेशानी दूर करे जावो।

 

भारतीय संस्कृति विभाग का कारिंदा खुस छन कि ओबामा जीक कृपा दृष्टि भारतीय संस्कृति पर इनि बणी रालि अर सबि अमेरिकी व्यापारिक फाउन्डेसन भारत की संस्कृति मंडलियों तै खूब सहायता मौ मदद द्याला जां भारत मा बच्यां खुच्यां जगों पर बि वैलेंटाइन डे , न्यू यियर मनये जालो .

 

पर्यावरण वादी बि खुस छन कि ओबामा प्रदत्त अमेरिकी इमदाद से अमेरिकी हिसाबन भारत मा भारतक पर्यावरण की रक्षा करे जालि।

इखमा कम्यूनिस्टो क्या कै बि भारतीय तै शंका नी च बल हमारी वित्तीय नीति व्हाईट हाउस का हिसाबन इ चौललि। हमारा वित्त मंत्री ओबामा का बयानु हिसाब से भारतीय बजट पेश कारल .

 

ओबामा की कृपा दृष्टि से भारतीय विद्वान् विद्यार्थी भारत छोड़िक अमेरिका पलायन कौरल . ओबामा जी इन्डियन ब्रेन ड्रेन की गति जर्वत से जादा इ बढाला .

ओबामा जी हमारी सरकार पर अवश्य ही एकोनोमिकल रिफोर्म तै अग्वाड़ी बढ़ाणो प्रेस्सर द्याला अर भारत का छ्वटा अर मध्यम श्रेणी का उद्योग भारत बिटेन चम्पत ह्वे जाला अर हम भगवानो मूर्ति, आचमनी,पूजौ चौकल , नाळ, पंचांग दुबल कुणज बि उन्ना देसु (विदेस) से मंगाणो विवस ह्वे जौला

 

हाँ हमारी देर से न्याय दीणै व्यवस्था अर पेचीदि न्याय व्यवस्था पर ओबामा जीकि क कुछ नि चलण।

खनन मंत्रालय की नीति पर बि राहू केतु जन अमेरिकी वक्र दृष्टि राली ही।

 

आई एम् ऍफ़ अर वर्ल्ड बैंक भारतीय ग्रामीण विकास की दशा अर दिशा निर्धारित कारल याने कि भारतीय ग्रामीण विकास मा बि अमेरिकी राष्ट्रपति की दखलंदाजी त रालि ही .

भारत मा पेंसन बिल पास हूण से ओबामा जी खुस ह्वाला किलैकि अमेरिकी बैंक या इन्सुरेंस कंपनी इ त भारतीय पेंसनेरु पैसा पर सट्टा लगाला .

आउट सोर्सिंग का मामला अलग च इखमा हमारो आउट सोर्सिंग उद्यम बगैर भारतीय सरकारी मदद से ओबामा जीक नीत्युं दगड़ अफिक लोहा ल्यालो .

हमारी स्टील नीति , कपड़ा नीति, शहरी विकास नीति, तेल अर गैस नीति ,आयात निर्यात नीति , विदेस नीति , रक्षा नीति पर त अमेरिकी राष्ट्रपति क दखलंदाजी की पूरी संभावना छन

पैल हम ब्रिटिश राज मा गांदा छा 'गॉड सेव द किंग अर क्वीन' अब हमन गाण ' अंकल सैम की जय हो'

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 8/11/2012

 

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