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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, September 16, 2012

ठुल्लो आई.ए.एस. अधिकारी क अपण कणसो तै अड़ाण

गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
                           ठुल्लो आई.ए.एस. अधिकारी क अपण कणसो तै अड़ाण
 
                                चबोड्या- भीष्म कुकरेती
 
ठुल्लो आई.ए.एस अधिकारी न अपण कणसो अधिकारी तै इन समजाई
- हे कणसो अधिकारी ! ईं प्रशासन कि दुनिया मा सब कुछ चलायमान च . अचल छन त प्रसाशनिक अडंगा, प्रशासनिक घमंड, फाइल, फैलूं मा लुकायुं अर लुक्युं राज अर फायलूं मा पड़ी धूल.
-पण, महोदय ! मंत्री जी बि त अचल छन
-बत्स! मंत्री पद अचल च मंत्री चलायमान छन . एक मंत्री आन्दु अर फिर जान्दु अर हैंको आन्द .मंत्री असल मा गौन्त्या छन या नारद योनी का छन जु एक पद पर नि रै सकदन
-महोदय! हमारो मन्त्र्युं प्रति क्या क्या कर्तव्य छन ?
-हमारो मंत्र्युं प्रति क्वी कर्तव्य नी छन. हम सिरफ़ मंत्र्युं तै सायता करदवां कि वो विभाग क वास्ता जादा से जादा बजट लावन चाहे मंत्री लोग पार्टी. फिनेन्स मिनिस्टरी से , prime मनिस्टर/मुख्यमंत्री से , या जनता से आतंकित रावन पण मंत्री क असली काम विभाग क बान बजट ल़ाण च अर हमारो ये पुण्य काम मा मंत्री जीक मदद करण च.
-महोदय आतंक तै जरा ठीक से बिंगाओ
-हम तै इ दिखण चएंद कि मंत्री हर समय आतंकित राओ या कै हैंक तै आतंकित करणो राओ. जब बि राजनीतिग्य तरास मा हूंद त हम प्रशसकीय अधिकार्युं कि महत्ता बढ़दि . यदि मंत्री तरास मा नि ह्वाओ या आतंकित नि ह्वाओ त हमारि कबि बि पूछ नि होंदी. त हमारो पैलो अर हरेक दिनौ काम च कि मंत्री जी आतंकित ह्वावन या परेशानी मा ह्वावन.
-पण ब्याळी मंत्री जी बुलणा छया कि मंत्री लोग प्रजातंत्र का खाम.खम्बा छन अर ऊं तै जनता निर्वाचित करदी
-प्रिय ! हरेक मंत्री तै प्रजातंत्र मा अधकार च कि वो गलत फहमी मा राउ . प्रजातंत्र मा हरेक मंत्री तै अधिकार च कि वो अपणि गलत फहमी दूर नि कारो
-पण आप बि अर मी बि दिखणा रौंदा कि मंत्री अर सांसद टी.वी चैनेलो मा बुलणा क्या धौंस दीणा रौंदन कि वो त जनता क चुन्यां मनिख छन.
- हाँ पण असलियत या च कि पार्टी का बलशाली लोग टिकेट बाँटदन ना कि जनता. हम प्रशासनिक अधिकार्युं तै या बात समजण जरूरी च कि क्वी बि मंत्री जनता क नी चुन्युं च बल्कण मा पार्टी क फुन्द्यानाथ ही सांसद या विधयाक का चुनाव करदन.
- पण आखिरैं त जनता ही चिनाव करदी कि ना ?
- बत्स! हाँ दिख्यांद त यो यि च पण जनता मा क्वी हौरी आल्टरनेट नी च . जनता तै वूं मांगन ही चुनण पोड़द जौं तै पार्टी न चुनाव मा खड़ो कार.
- पण मंत्री त मंत्री ही होंद.
- हाँ प्रजा तन्त्र मा इनी होंद. हमारो मंत्रालय मा एक चपड़ासि क कम से कम कुछ योग्यता हून्दन वै तै प्रशिक्षण दिए जांद तब वो चपड़ासि क काम पर लगद . पण मंत्री बणनो बान ना इ क्वी प्रशासनिक योग्यता चएंदी अर ना ही प्रशिक्षण.
- अर हम प्रशिक्षित अधिकारी मंत्र्युं तै सिवा लागौन्दा
- ये भै! कमअनुभवी अर अप्रशिक्षित मंत्री ही त हम अधिकार्युं तै चएंदन. अनुभवी अर अप्रशिक्षित मंत्र्युं क वजै से ही हमारि पूछ होंद.
- हाँ यू त सै च कि ..
-अर इख्मि त हमारि अपण देस सेवा करणो अवसर मिल्दो .
जी ?
- अरे भै ! कमअनुभवी अर अप्रशिक्षित मंत्र्युं कि मदद करण ही हमारो कर्तव्य च अर देश भक्ति बि .
-अर फिर मंत्र्युं बणईं योजना ?
- आज तक मीन कै बि मंत्री तै इन नि द्याख कि वै तै योजना क बारा क्वी ज्ञान ह्वाओ
-पण?
- हाँ . प्रजातंत्र मा इनी दिख्यांद कि राजनीतिग्य योजना बणान्दन
- हम अधिकारी ही ऊं तै बुलदवां या समझादवां कि या योजना देस कु नि ठीक राली अर या राजनीति क बान ठीक राली
- महोदय ! मंत्री अर हम अधिकार्युं मा क्या फरक च ?
- कै बि योजना क असफलता क अभियोग हम अधिकार्युं पर नि लगद पण मंत्री जी पर असफलता का दाग लगी जांद
- जब कि योजना कार्वानित हमी अधकारी करदवां
- दैट्स अब्स्युलीटली राईट
- सर ! मंत्री जी ऐ गेन अर मंत्री जी परेशान इ ना आतंकित बि दिखेणा छन .
- हाँ वो हमारो विभाग से भुजी खरीदी कि बात पत्रकारों मा लीक ह्व़े ग्याई इलै मंत्री जी आतंकित छन
-पण सर ! यांकी फाइल त आप मा इ रौंदी
- अच्छा चल अब मंत्री जीक आतंक खतम करण मा मदद करे जाऊ\\

Copyright@ Bhishma Kukreti 16/9/2012

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