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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, September 30, 2012

क्षेत्रीय द्लूं कूड़ो मरम्मत वास्ता ठेकेदार चयाणा छन


व्यंग्य साहित्य गढ़वाली भाषा में
चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा
                                  क्षेत्रीय द्लूं कूड़ो मरम्मत वास्ता ठेकेदार चयाणा छन
                                                  चबोड्या: भीष्म कुकरेती
[व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी व्यंग्य साहित्य; हिमालयी व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय व्यंग्य साहित्य; भारतीय व्यंग्य साहित्य; एशियाई व्यंग्य साहित्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;मुंबई वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;महाराष्ट्र वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य ;राजनैतिक व्यंग्य, सामाजिक व्यंग्य , धर्म विषयी व्यंग्य ; शिक्षा संबंधी व्यंग्य ; खेल संम्बधी व्यंग्य ; आर्थिक नीति संबंधी व्यंग्य ; भाषा संबंधी व्यंग्य ; सांस्कृतिक व्यंग्य ; रोजगार संबंधी व्यंग्य ; वैचारिक स्तर के व्यंग्य ; पारिवारिक सम्बन्धो संबंधी व्यंग्य ; स्त्री उत्पीडन के व्यंग्य ; बाल उत्पीडन के व्यंग्य ; कृषि संबंधी व्यंग्य ; पलायन संबंधी व्यंग्य ; युवाओं की समस्या संबंधी व्यंग्य ;ग्राम विषयक व्यंग्य; शहर संबंधी व्यंग्य ; महानगर संबंधी व्यंग्य ; सिंचाई संबंधी व्यंग्य ; घोटालो संबंधी व्यंग्य ; वन घोटालो संबंधी व्यंग्य ; जंगल माफिया राज संबंधी व्यंग्य ; पोलिस संबंधी व्यंग्य ; विदेसी धौंस संबंधी व्यंग्य ; शराब संबंधी व्यंग्य , सार्वजनिक निर्माण संबंधी व्यंग्य , क्षेत्रीय राजनैतिक दल संबंधी व्यंग्य, लेखमाला ]
                                  एतद द्वारा सूचित कर्याणु च कि उत्तराखंड मा क्षेत्रीय द्लूं कूड़ो दशा अर दिसा सुधारणो बान जनता क अपण मर्जी से रजिस्टर्ड या अनरजिस्टर्ड ठेकेदार / कौंट्रेक्टर से निविदा आमंत्रित कर्याणा छन .

काम कथगा इ छन . चूंकि इखमा सैकड़ो काम छन त हम कुछ ख़ास कामों सूची दीणा छंवां बकै आप अपण मर्जी से या सोच समझिक काम कौरी सकदन.

यू क्षेत्रीय दलु कूड़ मरम्मत इलै जरुरी ह्व़े ग्याई कि जु बि राष्ट्रीय स्तर का कूड़ छन ओ क्षेत्रीय समाज अर संस्कृति क हिसाब से बिराज नी दीणा छन. फिर यूँ राष्ट्रीय कुड़ो पर इलाहाबाद या डिल्ली क लोग डेरा जमै दीन्दन. कुछ इलाहाबद का लोग बंगाल का नाम से यूँ रास्ट्रीय स्तर का कूड़ो पर अधिकार बि करण बिसे गेन .

                          पैलू काम च क्षेत्रीय द्लूं कूड़ पुटुक, भैर या न्याड ध्वार जु अफखवा, बेकार, स्वार्थी, सड्यु कचरा च वै तै पूरी तरां से साफ करण. इख मा जूतम पैजार या गाळी गलौज जन तकनीक की बि जरोरात ह्व़े सकद किलैकि यू कचरा इनी भाषा समजद . जथगा बि क्षेत्रीय द्लूं कूड़ छन उ सौब ओ रगड़ बण्या छन .कखि कखि ठेकेदारों तै एकाद पुराणि ईंट या पथर दिखे सक्यांद. यूँ इंटू पर अदुर्दार्शिता, अकर्मणयता, अळगसी, लाचारी, जन सिंवळ लग्युं च. ठेकेदारुं तै यु सिंवळ साफ़ करण जरुरी च.कुछ इंटू पर 'क्या बुन्या क्या करण्या', जनता तै गुमराह करण', 'सत्ता लोलुपता' क महारोग लग्युं च . यूंक पछ्याणक भौत सरल च यि कौंग्रेस या भाजापा क कूड़ क नजीक इ मिल्दन. यु इंटो पर भट्ट, पंवार या रावत जन नाम खुद्यूं होलू. कुछ इंटु मा ऐरी जन नाम बि खुद्यूं होलु. यूँ इंटू तै हटाण जरुरी च किलैकि यूँ से यु महारोग हौरी पुराणि अर नई इंटु पर सौरणु च. यूँ महामारी रोग ग्रसित इंटो तै हरिद्वार या गया जोग करणो बान तिगुण मेहनताना मीलल.

                        कुछ ईंट अबि बि सचेत छन पण यूँ पर निरुत्साह, उदासीनता, जन बीमारी लगीं च . ठेकेदारु से यु आग्रह च बल यूँ सचेत इंटू की मानसिक साफ़ सफाई कौरिक यूँ तै उत्साह, उलार, का इंजेक्सन देकी काबिल ईंट बणाण जरूरी च. कुछ इनत अबि बि ठीक छन बस यूँ पर बबराट कु इंजेक्सन लगाण.

                              पुराणो कूड़ो कुछ बौळी समय क दगड सौड़ी गेन पण अबि बि यूँ तै भरवस च कि यि ये कूड़ तै संभाळी सकदन. यून्की या गलतफहमी दूर कौरिक यूंक जगा नै नै बौळी लगाण जरूरी च .

भौत सा ईंट इं छन जु ड्याराडूण या नैनीताल मा कखिम बि पड्या रौंदन अर यि कबि बि गां गौळ नि जान्दन बस कागजी रूप से फड्याणा रौंदन. यूंक सफाई बि जरूरी च , ठेकेदारों तै यूँ इंटू तै बनारस जोग करण पोडल.यूँ इंटू तै बनारस मा सन्यास्यूं क कूड जोग करण वाळ ठेकेदार तै आम काम से छै गुणा खर्चा मीलल.

                                   ठेकेदारों से यु अपेक्षित च की ये पुराणो कूड दुबारो चिणणो बान नयो तरां क गारो माटू , पथर, बौळयूँ जरूरत होली त यूँ कूड़ो मरमत करणो बान नया नया मटिरियल लगावन .

                         ठेकेदारों तै बथाण जरुरी च बल क्षेत्रीय दलों कूडु पौ (फौंड़ेसन) इ खपचइं छन . त नयो जामानो हिसाब से यूँ कूड़ो पौ दुबर धरण जरूरी च अर ईं पौ मा दूरदर्शी माटू, उत्तराखंड प्रेम कु गारू, निस्वार्थ राजनीति कु पाणी, अर सतत नवनिर्माण कु इच्छाओं क सीमेंट लगाण जरूरी च. दीवार बि इन हूण चयेंदन जु राष्ट्रीय दलों क जोर जोर से भचकाण से बि भ्युं नि पोड़ण. क्षेत्रीय दलों कूड पर जु बि बौळी , सिंगार, कड़ी ,, छपति, पटला लगन जौं पर उत्तराखंड कि जन भावना कु लेप लग्युं ह्वाऊ . कूड़ो मथिन पठळो पर छ्वटा बड़ा राजनैतिक बरखा, घाम, औडळ कु असर नि होण चयेंद. यूँ कुड़ो तै भाषा, संस्कृति, रोजगार कु माटो से लिपण जरूरी च . यि नयो कुडो चमक से उत्तराखंड कु नाम दुनिया क कूण्या कूण्या मा फैली जाओ. कुड़ो खिड़की जरूरी च जौं खिडक्यूँ से दुनिया मा नया नया ज्ञान कि हवा आणि राओ अर बेकार जड़ हूंद ज्ञान कि दुर्गन्ध भैर जाणि राओ.

                                       जु बि ठेकेदार ये काम तै अंजाम द्याला वूं तै जन लहर कू प्रेम कू बौंड मीलल.

Copyright@ Bhishma Kukreti 30/9/2012
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