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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, September 26, 2012

न मैन तेरा गैल सदनी राण

न मैन तेरा गैल सदनी राण 

न त्वेन मेरा गैल सदनी राण 

बस रै जाण इ बोल्या बोल 

जू त्वे भि याद आण अर मै भि याद आण . 

न मैन अंख्यो आंसू रुकी पाण

न त्वेन अंख्यों आंसू रुकी पाण 

एक हेका की खुद मा खुदेक 

योन कभी त्वे रुलाण अर कभी मै रुलाण 

न मेरा मन मा मोळ्यार आण 

न तेरा मन मा मोळ्यार आण 

एक दूसरा सी दूर -दूर रैकी 

त्वेन भि सुखि जाण अर मैन भि सुखि जाण 

न मैन कभि येतें रुकी पाण 

न त्वेन कभि येतें रुकी पाण 

यु बक्त छ कैका रुकी नि रुकुदु 

फिर त्वेन भि बिसरी जाण अर मैन भि बिसरी जाण 

@प्रभात सेमवाल .( अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित 

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