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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, June 6, 2012

हिजड़ो उत्पति लोक कथा

हिजड़ो दुन्या - फाड़ी - २
                 आलेख - भीष्म कुकरेती
                   हिजड़ो उत्पति लोक कथा
हिजड़ा समाज मा बि वूंक लैक लोक कथा , श्रुति अर आणा -मैणा , गीत छन.
एक लोक कथा इन च ---
              पार्वती न मैल से जब गणेश कि उत्पति कौर त शिवजी न वैको मुंड काटी दिने. याँ से पार्वती भौत इ दुखी ह्व़े अर इन लग जन पार्वती जांदी च. बस शिवजी न वैको गात पर हाथी मुंड लगै देय. गणेश कि उत्पति देखिक ब्रह्मा जी अचकचे गेन. ये चमत्कार देखिक ब्रह्मा जी न स्वाच जु इन प्राणी तै मनिखौ योनी मा धरे जाव जो ना पुरुष ह्वाओ अर ना ही स्त्री त कनो राल?
यां पर ब्रह्मा न अर्धनारीश्वर कि रचना कार . अर्धनारीश्वर शिवजी को एक रूप च .
          पण हिजड़ा सम्प्रदाय ईं बात तै नि माणदो बल अर्धनारेश्वर शिवजी छन. वूंक मनण च बल अर्धनारेश्वर 'बहुचर देवी' च. बहुचर देविक मन्दिर अहमदाबाद , गुजरात मा च . बहुचर देवी क नाम 'बहुचरामाता ', बुचरामाता ' . बहुचरा देवी क नाम पर सबी बार त्यौहार   मनान्दन .
       चीन मा हिजड़ा या ट्रांसजेडरिज्म वळी भौत सि (बुद्धिज्म से पैलाक ) - पुराणी से पुराणी लोक श्रुति अर लोक कथा छन अर शिखंडी जन दिवता बि छन जन कि - चाऊ वांग, लान काही, शन गु, यू महान अर गन.
           अरबी -इरानी लोक कथों मा बुखायत पैलो हिजड़ा च अर विकी कथा च कि कन कै , किलै बुखायत को लिंग काटे गे. अरबी -इरानी लोक कथों मा काफूर दुनया को दुसर हिजड़ा च

बकै फाड़ी- 3 मा
Copyright @ Bhishma Kukreti 6/6/012

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