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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, April 9, 2012

मोंळ अब समस्या च

मोंळ अब समस्या च
                                         भीष्म कुकरेती
                  हौलैंड वळ अफ्रिका देसूं से घास आयात करदन अर मोंळ समोदर मा चुलान्दन.विचारा ! अफ्रिका मा
मोंळै कमी च.
                एक टैम इन थौ जब मोंळ गढवाळ का वास्ता समाधान छौ. अच्काल मोंळ गढवाळ का वास्ता समस्या च. ना ना
गढवाळ अर हौलैंड मा अंतर या च कि हौलैंड मा दुधाळ गोरुं तादाद बढ़ी च,खेती बढी च अर तबी बि उख मोंळ बची जांद.
गढवाळ कि समस्या कुछ बिगळि च, कुछ अलग हि च। गढवाळ मा खेती तकरीबन ख़तम इ च, गोरुं तादाद बि कम इ होणि च
अर अब मोंळ गढवाळ का वास्ता समस्या ह्व़े गे.
उन समस्या पैल बि छे कि सन्नी/छनी/गौसाला बिटेन मोंळ ठुपर्युं मा भोरिक डांड , या दूर पुंगड़ो मा लिजांदा छया .
                 जैक जथगा मोंळ वैकी उथगा खेती. जैक जथगा जादा खेती वैक उथगा गोर अर फिर वैक इक उथगा जादा मोंळ.
अब पुंगड़ त बांज पोड़ी गेन त मोंळै जरुरात इ कख रै गे. पुंगड़ नि कमाओ त नि कमाओ पण ए भै ! अब जु ड्यारम छन
त वूनका एकाद या द्वी तीन गोर त ह्वाला कि ना. अब दूध च, दै च, छांच घी चयेन्दू च त चैण चम्वळ त रखणि पोड़दन .अब जब
चैण चम्वळ (गोर) ह्वाला त ये भै ऊन हगणि च कि ना? अब पैलाकी सी बात त छ कि ना मोंळ ह्वेई अर कुछ दिन ढेर राई
फिर काळो मोंळ तैं पुन्गड़ पौंचाओ। अब नजीकौ पुंगडु मा मोंळै ढेर कि ढेर लगीं छन. गाँव भेळ अब भेळ नि रै गेन बल्कण
मा मोंळौ पाख पख्यड़ बणि गेन. गौं क आस पास अब मोंळ इ मोंळ दिख्यांद.
                 अब जादा मोंळ बि ठीक नि होंद. जादा मोंळ आस पास होण सग्वडु मा कीड़ बिंडी होण लगी गेन अर याँ से फसल सग्वड़
मा थ्वडा भौत खेती होंदी च वाँ पर बि फरक पोड़णु च.
                  पैल लोग सैत च मोंळौ चोरी करदा ह्वावन अब त जरा कैक पुंगडु मा मोंळ डाळि दिखावादी भंयकर लडै ह्व़े जांदी.
निर्यात की या गोबर गैस निर्माण एक समाधान च पण निर्यात या गोबर गैस निर्माण मा बि कति समस्या छन.
                       हाँ अब इन होण वाळ च कि जु अबि बि गोर पळणा वो अब गोर पळण बंदी कौरि  द्याला .
copyright@ Bhishma Kukreti

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