उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, October 19, 2010

हमारू पहाड़

आज नाराज किलै छ,
सोचा दौं हे लठ्याळौं,
किलै औणु छ आज,
बल गुस्सा वे सनै?

रड़ना झड़ना छन,
बिटा, पाखा अर भेळ,
भुगतणा छन पर्वतजन,
प्रकृति की मार,
कनुकै रलु पर्वतजन,
पहाड़ का धोरा?

जरूर हमारू पहाड़,
आज नाराज छ,
इंसान कू व्यवहार,
भलु निछ वैका दगड़ा,
नि करदु वैकु सृंगार,
करदु छ क्रूर व्यवहार,
हरियाली विहीन होणु छ,
आग भी लगौंदा छन,
पहाड़ की पीठ फर,
चीरा भी लगौंदा छन,
घाव भी देन्दा छन,
ये कारण सी होणु छ,
गुस्सा "हमारू पहाड़".

रचना: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
दिनांक:१५.९.२०१०
(पहाड़ी फोरम, यंग उत्तराखंड, मेरा पहाड़ पर प्रकाशित, सर्वाधिकार सुरक्षित

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments