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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, September 29, 2010

आवा गढ़वाळी सिखला -१३

Let us Learn Garhwali -13
Bhishma Kukreti
व्याकरण (Grammar )
अविकारी पद (अव्यय )
गढवाली मा अविकारी श्ब्दुं भरमार च . अविकारी शब्द चार किस्मों होंदन पण गढवाली मा पांच किस्मौ अव्यय होंदन
१- क्रिया विशेषण
१अ - कालवाचक ------ अब्बी, ब्याळी /ब्याले , भोळ, अज्युं , एकदां , कैबरी -कैबरी
१ब - स्थानवाचक ------अगने, ऐंच , ढीस, मळथूण , मथि, मूड़
१ स - रीतिवाचक ----- ठंडो - मठों/ ठnडु -मठु , अन्कैक /औंकैक , घल्ल
1 ड़ - प्रश्नवाचक -----किले, क्थ्गा, कख
१ इ- परिमाणवाचक -- अति, थुपडोंन , इच्छि, बिंडि
१ फ -कारणवाचक - यान, इलै
१ ग - स्वीकार्वाच्क --योअ, हूँअ , हो
1 ह - निषेधवाचक - ऊंह , अहाँ , कर्तना ,
२- सम्बन्ध वोधक
ऐथर, बगैर, सी, दगडे ,
३- स्म्मुच्च्य वोधक
3a - संयोजक ----- अर, बि,
३ब - वियोजक -- चा, निथर
३स - विरोध दर्शक --- पर
३ द - परिमाण दर्शक -- यान /इलै
3 ई - कारण वाचक - किलेक़ि
३ फ - उद्देश्य वाचक - जनकी /ज्याँक़ि
३ ग - संकेत वाचक ---- जु, त
h - व्याख्या वाचक -- हैंकि ऩा ! यानी क़ि !
४ - विस्मयबोधक
स्या !, दयार ! , चूचो ! यूँ ! हे राम दा ! हैं ! ह्व़ा !
५ - अनुकार मूलक
टळपळ- टळपळ, ख्ल्तं , खीं -च्वी, पुल्ल - पुल्ल , सड़म. द्ड्म, च्यां

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